By Rinki Tiwari Last Updated:
दिवाली, रोशनी का पर्व होता है, जो पांच दिनों तक घर को रोशन करता है। धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, परेवा और भाई दूज, इन सभी दिनों में घर में अलग चमक देखने मिलती है। इस पर्व पर लोग अपने घरों को रंग-बिरंगे लाइटों से जगमगा देते हैं, पटाखे छुड़ाते हैं और कई तरह के पकवान बनाकर इस त्योहार को खुशी के साथ सेलिब्रेट करते हैं। कार्तिक मास के अमावस्या में मनाए जाने वाले इस पर्व पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि, इस पर्व पर आखिर मां लक्ष्मी और गणेश की ही पूजा क्यों की जाती है? नहीं पता! तो चलिए इस स्टोरी में हम आपको इस बारे में बताते हैं।
दिवाली मनाने को लेकर कई सारी कहानियां सुनने को मिलती हैं। माना जाता है कि, दिवाली का त्योहार इसलिए मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन भगवान श्रीराम 14 साल का वनवास पूरा करके अपने घर लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में हर जगह को दीयों से सजा दिया गया था और तभी से इसे दीयों का त्योहार कहा जाता है।
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हालांकि, हिंदू संस्कृति में इस त्योहार पर भगवान श्रीराम की जगह माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ये सभी जानते हैं कि, माता लक्ष्मी की पूजा धन-प्राप्ति और सुख-संपत्ति के लिए की जाती है, लेकिन उनके साथ उनके पति व भगवान विष्णु की जगह आखिर भगवान श्री गणेश क्यों पूजे जाते हैं, इस बात की जानकारी बेहद कम लोगों को है।
दिवाली की रात माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश के अलावा कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इनमें भगवान कुबेर, माता काली, माता सरस्वती शामिल हैं। लेकिन इस पर्व पर माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती है। दरअसल, दिवाली का त्योहार चातुर्मास के बीच पड़ता है और माना जाता है कि, चातुर्मास के समय भगवान विष्णु योगनिद्रा में लीन रहते हैं।
माता लक्ष्मी संग भगवान गणेश को पूजे जाने के पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है। हिंदू मान्यता के मुताबिक, मां लक्ष्मी का जन्म जल से हुआ है, जो कभी एक जगह नहीं टिकता है। मां लक्ष्मी धन का प्रतीक हैं, लेकिन धन को संभाले रखना काफी मुश्किल होता है, जो पानी की तरह कभी हाथ में नहीं टिकता है। लक्ष्मी यानी धन को संभालने के लिए बुद्धि की आश्यकता है और भगवान गणेश बुद्धि का प्रतीक हैं। इसलिए सुख-संपत्ति को बनाए रखने के लिए लोग भगवान गणेश को माता लक्ष्मी के साथ पूजते हैं। हालांकि, एक सवाल और है, जो कई लोगों के मन में उठता है। वो ये है कि, आखिर भगवान गणेश माता लक्ष्मी के बाएं साइड में क्यों होते हैं।
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जैसा कि, आप जानते हैं कि, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कोई संतान नहीं है। ऐसे में जब लक्ष्मी मां को घमंड हो गया था कि, लोग उन्हें पाने के लिए काफी ज्यादा पूजते हैं, तब विष्णु भगवान ने ये कहते हुए उन्हें अपूर्ण कह दिया था कि, वे कभी मां नहीं बन सकती हैं। मां लक्ष्मी को इस बात ने काफी ठेस पहुंचाई थी, तब माता लक्ष्मी, मां पार्वती के पास पहुंची थीं और अपना दुख साझा किया था। तब मां पार्वती ने अपने पुत्र गणेश को माता लक्ष्मी को गोद दे दिया था। ऐसे में एक मां हमेशा अपने पुत्र के दाहिने साइड होती है, इसलिए माता लक्ष्मी के ‘दत्तक पुत्र’ गणेश हमेशा उनके बाएं साइड में विराजते हैं।
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साल 2021 में दिवाली का पर्व 4 नवंबर की रात को मनाया जाएगा। विक्रम संवत कैलेंडर के मुताबिक, दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर को शाम 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक है।
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