'शम्मी आंटी' की लव लाइफ: अचानक ही छोड़ दिया था पति का घर, दोस्त नरगिस ने खूब लगाई थी फटकार

आइए आज हम आपको 'शम्मी आंटी' के नाम से लोकप्रिय बॉलीवुड की दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस राबड़ी की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बारे में बताते हैं।

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By Vidushi Gupta Last Updated:

'शम्मी आंटी' की लव लाइफ: अचानक ही छोड़ दिया था पति का घर, दोस्त नरगिस ने खूब लगाई थी फटकार

वो अदाकारा जिन्होंने अपनी जिंदगी के करीब 64 साल एक्टिंग की दुनिया को दिए। वो सेलिब्रिटी जिसे सुपरस्टार्स की हर जनरेशन से लेकर आम व्यक्ति तक जानता है। वो व्यक्ति जो हमेशा इंसान के चेहरे पर स्माइल लाने की कोशिश करती थी और जिसके जादुई व्यक्तित्व के चलते समूचा बॉलीवुड उन्हें प्यार से ‘शम्मी आंटी’ (Shammi Aunty) कहकर बुलाता था। जी हां, हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की दिवंगत एक्ट्रेस नरगिस राबड़ी (Nargis Rabadi) की, जिन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग और काबिलियत के दम पर ‘शम्मी आंटी’ के रूप में इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया। ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘कुली नंबर 1’, ‘हम साथ साथ हैं’, जैसी तमाम फिल्मों को सुपरहिट बनाने में इस एक्ट्रेस का बड़ा योगदान रहा है। हालांकि, अपनी निजी जिंदगी में शम्मी ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। तो आइए आज हम आपको शम्मी आंटी की प्रोफेशनल से लेकर पर्सनल लाइफ के बारे में सब कुछ बताते हैं।

साल 1931 में एक पारसी फैमिली में जन्मीं शम्मी की बचपन से ही जिंदगी संघर्षों से भरी रही। जब एक्ट्रेस 3 साल की थीं, तभी ईश्वर ने शम्मी से उनके पिता को छीन लिया। इसके बाद उनके परिवार की पूरी जिम्मेदारी एक्ट्रेस की मां के कंधों पर आ गई। एक पुजारी के परिवार की होने के चलते उनकी मां सभी धार्मिक अवसरों पर लोगों के घर खाना बनाने जाती थीं। (ये भी पढ़ें: राज कुमार की लव लाइफ: हेमा मालिनी और मीना कुमारी से हुआ था प्यार, लेकिन इस वजह से नहीं हो पाई शादी)

साल 2013 में ‘रेडिफ’ को दिए गए एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने बताया था, “जब हम बच्चे थे तो हम टाटा ब्लॉक्स में रहा करते थे। छठी कक्षा में मेरी बहन और मैं उस स्कूल में जाते थे जहां की फीस 11 रूपए थी। टाटा की कॉलोनी में एक लकड़ी के खिलौनों की फैक्ट्री भी थी और मैंने और मेरी बहन ने वहां पर नौकरी के लिए पूछा था। वो हमें नौकरी तो नहीं दे सकते थे, लेकिन उन्होंने हमें कहा था कि अगर हम स्कूल के बाद वहां 2-3 घंटे काम करेंगे, तो वो इसके बदले हमारी स्कूल की फीस भर देंगे।”

इसी इंटरव्यू में अपने बॉलीवुड में डेब्यू के बारे में बताते हुए एक्ट्रेस ने कहा था, “मेरे फैमिली फ्रेंड चीनू मामा लेजेंडरी फिल्ममेकर महबूब साहब के साथ काम करते थे। वो एक्टर व प्रोड्यूसर शेख मुख्तार के साथ काफी फ्रेंडली थे, जो एक नई फिल्म ‘बेगम पारा’ की शुरुआत कर रहे थे। उन्हें सेकेंड लीड के लिए एक एक्ट्रेस की जरूरत थी। मामा ने मुझसे पूछा कि क्या मुझे फिल्मों में काम करना है और मैंने इसके लिए हामी भर दी। मुझे अगले दिन स्टूडियो जाना था क्योंकि वो चेक करना चाहते थे कि मैं हिंदी बोल भी सकती हूं या नहीं। शेख मुख़्तार ने मुझसे पूछा कि क्या मुझे एक्टिंग आती है। मैंने उनसे कहा कि नहीं, लेकिन मैं इसमें काम करना चाहूंगी और मुझे एक्टिंग पसंद है। फिर उन्होंने मुझसे पूछा, ‘तुम्हारी हिंदी का क्या, तुम तो पारसी हो?’ मैंने इसका तुरंत जवाब देते हुए कहा, ‘लेकिन मैं आपसे हिंदी मैं बात कर रही हूं, तो आप पता लगाइए कि मैं सही से बात कर रही हूं या नहीं।’ उस दौरान शेख मुख्तार काफी शॉक हो गए थे। उन्हें मेरा कॉन्फिडेंस अच्छा लगा और मुझे नौकरी मिल गई।” (ये भी पढ़ें: जब अनुष्का शर्मा को अकेले छोड़कर भाग गए थे विराट कोहली, गुस्से में एक्ट्रेस ने दिया था ऐसा रिएक्शन)

इसी फिल्म से एक्ट्रेस ने अपना नाम बदलकर ‘शम्मी आंटी’ रख लिया था। उस दौरान शम्मी की सैलरी करीब 500 रुपए हुआ करती थी। 18 साल की उम्र में अपनी पहली फिल्म ‘उस्ताद पेड्रो’ साइन करने के दौरान शम्मी को शूटिंग डे न होने के बावजूद भी हर रोज स्टूडियो जाकर एक्टिंग की प्रैक्टिस करनी पड़ती थी। शम्मी की इस फिल्म के लिए दिन रात की गई मेहनत काम आई और अपनी पहली फिल्म के सक्सेसफुल होने के बाद उन्हें उस जमाने की मशहूर एक्ट्रेस नरगिस के साथ फिल्म 'मल्हाल' में काम करने का मौका मिला। कहा जाता है कि इस फिल्म से ही शम्मी और नरगिस के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी। इसके बाद सुनील दत्त और दिलीप कुमार जैसे बड़े सुपरस्टार्स भी शम्मी की पर्सैनिलिटी से प्रभावित हुए और एक्ट्रेस की क्लोज फ्रेंड्स की लिस्ट में शुमार हो गए।

भले ही शम्मी ने अपने दोस्तों से पक्की यारी निभाई हो, लेकिन उनकी लव लाइफ ज्यादा दिनों तक पटरी पर नहीं दौड़ पाई। शम्मी ने एक्टर सुल्तान अहमद से 70 के दशक में शादी रचाई थी। हालांकि, ये शादी कुछ समय तक ही टिक पाई और 7 सालों बाद दोनों ने अपनी राहें जुदा कर लीं। इस बारे में बात करते हुए एक बार शम्मी ने कहा था, “मुझे लगातार काम मिल रहा था, लेकिन उसके बाद मैंने शादी करके अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती कर दी। मैंने 30 की उम्र में शादी की थी, लेकिन वो वर्क आउट नहीं हो पाई। मैंने सुल्तान अहमद से शादी की। जब मैंने उनसे शादी की, तब वो कुछ नहीं थे। इसके बाद उन्होंने फिल्में डायरेक्ट करने का काम शुरू किया।” (ये भी पढ़ें: दूसरे बेबी के जन्म के बाद सैफ और करीना ने खरीदी रॉयल कार, कीमत इतनी कि बन जाए आलीशान घर)

एक्ट्रेस ने बात को जारी रखते हुए आगे बताया था, “मेरे इंडस्ट्री में काफी दोस्त थे और मेरी वजह से उनकी फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री हुई थी। सबने बिना किसी सवालों के उनके साथ काम किया क्योंकि वो मेरे पति थे। उनकी पहली फिल्म 'हीरा' में, दत्त साहब (सुनील दत्त) हीरो थे और आशा पारेख हीरोइन थीं। उनकी दूसरी फिल्म 'गंगा की सौगंध' में अमिताभ बच्चन हीरो थे। मैंने जब उनसे शादी की, तब सबको लगा कि मैं कभी अब काम नहीं करूंगी। मुझे कम काम मिलने लगा और मैंने भी गलती करते हुए शादी के बाद आये फिल्मों के ऑफर्स को एक्सेप्ट नहीं किया। हम दोनों के कोई बच्चे नहीं थे। मैंने उनके साथ अपनी शादीशुदा जिंदगी के 7 साल गुजारे।”  

एक्ट्रेस ने इसके बाद बताया था, “हमने साथ में घर खरीदा। मेरे पति इसे मेरे नाम से खरीदना चाहते थे, लेकिन मैंने कहा कि उनकी बहन कुछ नहीं कर रही है तो ये घर उसके नाम कर दो ताकि उसके पास कुछ सिक्योरिटी रहे। मैं उस समय वर्किंग थी इसलिए मैंने इसके बारे में इतना नहीं सोचा। मेरे साथ मेरे हसबैंड, उनके भाई, भाभी व उनका एक बच्चा रहता था। मेरे हसबैंड के भाई की वाइफ इतनी पढ़ी-लिखी नहीं थीं, तो मैंने उनके बच्चे की केयर की। मैंने उसका शिमला के एक स्कूल में एडमिशन कराया। उसकी पढ़ाई पूरी होने के बाद वो मेरे साथ रहा था, जबकि उस दौरान मेरा अपने पति से तलाक हो चुका था।”

एक्ट्रेस ने ये भी कहा था कि एक दिन वो अचानक से घर से चली गईं। शम्मी ने कहा था, ‘मेरे पास उस दौरान हाथ में पैसे भी नहीं थे। मैंने अपनी कार भी छोड़ दी। मेरा एक पुराना घर था, जहां मैं अपनी मां के साथ रहती थी, मैं उसके बाद वहीं शिफ्ट हो गई। नरगिस काफी अपसेट थी। उसने मुझे लम्बे लेक्चर भी इस बात को लेकर दिए। उसने मुझसे पूछा कि मैं अब पैसे कमाने के लिए क्या करूंगी। मैंने उसको कहा कि मुझे कुछ नहीं चाहिए, उसे सब रख लेने दो। घर छोड़ने के मात्र 8 दिन बाद मुझे हेमा मालिनी और धर्मेंद्र के साथ एक फिल्म में काम करने का ऑफर मिला। अब सुलतान अहमद जिंदा नहीं हैं, तो मैं नहीं बताना चाहती कि मेरी शादी क्यों टूटी। मैं काफी ज्यादा इंडिपेंडेंट थी और किसी की बकवास नहीं झेल सकती थी। उन्होंने कई आर्टिकल्स में हम दोनों के बीच हुई चीजों के बारे में बताया है, लेकिन मैं शांत रही। जो लोग मुझे जानते थे, उन्हें पता था कि मैं कैसी हूं, तो मुझे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा।”

फ़िलहाल, एक्ट्रेस की पर्सनल लाइफ चाहे जैसी भी रही हो, शम्मी आंटी जब तक जिंदा रहीं तब तक लोगों को अपनी एक्टिंग के जरिए गुदगुदाती रहीं। उनकी आखिरी फिल्म बोमन ईरानी के साथ ‘शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी’ थी। 89 साल की उम्र में 5 मार्च 2018 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। आज वो भले ही हमारे बीच नही हैं, लेकिन उनका फिल्म इंडस्ट्री में दिया गया अमूल्य योगदान हमेशा याद किया जाएगा। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।

(फोटो क्रेडिट- इंस्टाग्राम, retrobollywood)
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