By Kavita Gosainwal Last Updated:
एक जमाना था जब बॉलीवुड में नरगिस, मधुबाला, नलिनी जैसी शानदार अभिनेत्रियों का दबदबा था। हर कोई इनकी एक्टिंग और खूबसूरती की वजह से इनका दीवाना था। इसी वजह से फिल्म मेकर भी सिर्फ इन्हीं अभिनेत्रियों के साथ काम करना चाहते थे, लेकिन इसी दौरान शेख अदाओं के साथ एक और अभिनेत्री ने बॉलीवुड में एंट्री ली थी और महज कुछ ही समय में उसने लाखों-करोड़ों लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। उस एक्ट्रेस का नाम था गीता बाली (Geeta Bali)। जी हां! गीता बाली ने बॉलीवुड में आते ही धमाल मचा दिया था, उन्होंने बहुत कम समय में बॉलीवुड इंडस्ट्री में खुद का नाम टॉप एक्ट्रेसेस की लिस्ट में शामिल किया था, जिस वजह से वह अपने फैंस के बीच चर्चाओं में रहती थीं, लेकिन एक्ट्रेस की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। गीता बाली ने महज 34 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, जो लोगों के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था।
गीता बाली का असली नाम हरीकिर्तन कौर था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट की थी। महज 12 साल में उनकी पहली फिल्म 'The Cobbler' रिलीज हुई थी। गीता बाली ने साल 1946 में रिलीज हुई फिल्म ‘बदनाम’ में लीड एक्ट्रेस का किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उस जमाने में उन्होंने बैक टू बैक फिल्मों में काम किया था। महज 10 साल में गीता बाली ने 70 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था, जिसमें ‘नई राहें’, ‘पॉकेटमार’, ‘इंस्पेक्टर’, ‘फरार', ‘कुश्ती’, ‘बेताब’, ‘राग रंग’, ‘बाज़ी’, ‘निशाना’ समेत कई फिल्में शामिल हैं, लेकिन 21 जनवरी 1965 को गीता बाली का महज 34 वर्ष की उम्र में अचानक निधन हो गया। उन दिनों एक्ट्रेस चेचक की बीमारी से जूझ रही थीं और आखिर में वह इसी बीमारी से हार गईं। (ये भी पढ़ें: अपने बचपन के प्यार से इन 8 स्टार्स ने रचाई शादी, किंग खान से लेकर वरुण धवन तक इस लिस्ट में हैं शामिल)
गीता बाली के निधन की खबर सुन हर कोई हैरान रह गया था। अपने आखिरी दिनों में गीता बाली राजिंदर सिंह बेदी के उपन्यास 'एक चादर मैली सी' पर आधारित फिल्म 'रानो' की शूटिंग कर रही थीं। इस फिल्म में वह एक विधवा महिला का किरदार निभा रही थीं, जो अपने पति की मौत के बाद अपने देवर से शादी कर लेती है। इस फिल्म की शूटिंग पंजाब के एक गांव में चल रही थी और यहीं पर गीता बाली चेचक की चपेट में आ गईं, जिस वजह से धीरे-धीरे उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। मां के निधन के बाद गीता बाली के बेटे आदित्य ने बताया था, ‘मेरी मां सिर्फ 15 दिनों में चली गई थीं। मैं पंजाब के उस गांव में भी गया था, जहां मेरी मां को चेचक हो गया था। मैं बोर्डिंग स्कूल से सीधा अपनी मां के साथ उस स्थान पर गया था, जिसके बाद वह बीमार पड़ गईं। उन दिनों मेरे पिता भी अपनी फिल्म ‘तीसरी मंजिल’ की शूटिंग में बिजी थे, लेकिन उन्हें जैसे ही मां के बारे में पता चला, तो उन्होंने शूटिंग को बीच में रोक दिया, लेकिन देखते ही देखते उनकी स्थिति बिगड़ने लगी और वह इस दुनिया से चली गईं। (ये भी पढ़ें: मोहम्मद रफी की इन बातों से चिढ़ते थे उनके बच्चे, पत्नी बिलकिस रफी ने खुद किया था खुलासा)
कहा जाता है कि गीता बाली के निधन से लेखक राजिंदर बाली को एक गहरा झटका लगा था, जिस वजह से वह काफी परेशान रहने लगे थे। गीता बाली के अंतिम संस्कार के दौरान वह इतने व्याकुल हो गए थे, कि उन्होंने अपनी फिल्म ‘रानो’ की स्क्रिप्ट तक गीता बाली के अंतिम संस्कार के दौरान जला दी। यह देखकर वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया था। (ये भी पढ़ें: सरकारी नौकरी छोड़कर फिल्मों में आये थे अमरीश पुरी, बेटे को दी थी बॉलीवुड में न आने की सलाह)
गीता बाली और एक्टर शम्मी कपूर की लव स्टोरी बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी ज्यादा मशहूर है। दोनों की मुलाकात 1955 में फिल्म ‘मिस कोका कोला’ के सेट पर हुई थी। इसके बाद दोनों रानीखेत में केदार शर्मा की फिल्म ‘रंगीत रातों’ के सेट पर मिले थे। इस फिल्म में शम्मी कपूर लीड एक्टर थे। तो वहीं, गीता बाली का छोटा सा कैमियो रोल था, लेकिन इस दौरान दोनों की दोस्ती हुई और दोस्ती प्यार में बदल गई। इस दौरान गीता एक टॉप एक्ट्रेस थीं। तो वहीं, शम्मी स्ट्रगल कर रहे थे, लेकिन इसके बाद भी दोनों का प्यार परवान चढ़ा। शम्मी कपूर और गीता बाली की शादी के लिए दोनों के परिवार राजी नहीं थे। उस जमाने में कपूर खानदार से ताल्लुक रखने वाली सभी महिलाएं फिल्मों में दूर रहती थीं। इसी वजह से पृथ्वीराज कपूर अपने बेटे शम्मी की शादी गीता बाली से नहीं करवाना चाहते थे, लेकिन प्यार के हाथों मजबूर शम्मी और गीता ने परिवार के खिलाफ जाकर मंदिर में शादी कर ली। दोनों की शादी में सिर्फ पंडित के अलावा कोई भी नहीं था। शादी के बाद कपल के दो बच्चे कंचन और आदित्य हुए। दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी में काफी ज्यादा खुश थे, लेकिन ये खुशी भी ज्यादा समय तक नहीं टिक पाई। बेटी के जन्म के 4 साल बाद 21 जनवरी 1965 में गीता का चेचक के चलते निधन हो गया। इस घटना ने शम्मी को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया था। उनकी हालत ये थी कि उनके फिल्मों का ग्राफ भी नीचे आने लगा था, लेकिन धीरे-धीरे वह अपनी इन मुश्किलों से बाहर निकले और फिर 1969 में शम्मी ने नीला देवी से शादी कर ली।
फिलहाल, गीता बाली को उनके शानदार अभिनय और उनकी खूबसूरती के लिए आज भी याद किया जाता है। फैंस आज भी उनकी फिल्मों के जरिए उन्हें याद करते हैं। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट बॉक्स में बताएं और अगर आप हमें कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो जरूर दें।