By Rinki Tiwari Last Updated:
14 दिसंबर 2001 को रिलीज़ हुई बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ (Kabhi Khushi Kabhie Gham) ने 20 साल पूरे कर लिए हैं। दो दशकों के बाद भी इस फिल्म को लोग आज भी पसंद करते हैं। ये फिल्म एक फुल पैकेज था, जिसमें इमोशन से लेकर मस्ती-मजाक और ग्लैमर तक सब दिखाया गया था। इस फिल्म के गाने, लोकेशन, डायलॉग्स, परफॉर्मेंस, कास्ट, क्लाइमेक्स और बाकी सब कुछ इतना आइकॉनिक है कि, हम इस फिल्म को कभी नहीं भुला सकते हैं।
यह एक मल्टी-स्टारर फिल्म थी, जिसमें अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर खान सहित कई सितारों ने अभिनय किया था। फिल्म में रानी मुखर्जी ने भी अहम भूमिका निभाई थी। ‘कभी खुशी कभी गम’ के रिलीज होने के 20 साल बाद भी ये करण जौहर की अब तक की प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है। इस फिल्म के दो दशक पूरे होने पर यहां हम आपको इससे जुड़े 20 अज्ञात तथ्यों के बारे में बताते हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे।
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क्या आप जानते हैं कि, ‘कभी खुशी कभी गम’ (Kabhi Khushi Kabhie Gham) के इंगलिश नेम में दूसरे कभी पर ‘ई’ क्यों लगाया गया है? दूसरे कभी में एक्स्ट्रा ‘ई’ लगाने के पीछे एक दिलचस्प कारण है। दरअसल, फिल्म निर्देशक करण जौहर ने संख्यात्मक कारणों से जानबूझकर शीर्षक को इस तरह रखा था।
फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ को बनाने के लिए इसकी प्रेरणा फिल्म निर्माता यश चोपड़ा की फिल्म ‘कभी कभी’ से ली गई थी, जो 1976 में रिलीज़ हुई थी। इस बारे में ‘ऑडिबल सुने’ के शो ‘पिक्चर के पीछे’ पर करण जौहर ने कहा था, “जिस बात ने मुझे आकर्षित किया, वह यह थी कि प्रेम कहानी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती है। यह युवाओं से शुरू होती है और जैसे-जैसे लोग बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे चलते रहते हैं।”
फिल्म के निर्देशक करण जौहर ने इस फैमिली ड्रामा के लिए अपने ही परिवार से प्रेरणा ली थी। करण जौहर ने अपने परिवार के सदस्यों को देखा था और उन पात्रों के साथ एक फिल्म बनाने का फैसला किया था, जो उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तित्व से मिलते-जुलते थे। दरअसल, फिल्म में अमिताभ बच्चन द्वारा निभाया गया 'यशवर्धन रायचंद' का किरदार करण के पिता दिवंगत यश जौहर से प्रेरित था। इसके अलावा, फिल्म में 'यश रायचंद' और यश जौहर का जन्मदिन भी एक ही दिन यानी 6 सितंबर को मनाया गया था।
सिल्वर स्क्रीन पर वहीदा रहमान और अमिताभ बच्चन की बॉन्डिंग को उनके प्रशंसकों ने ‘त्रिशूल’ और ‘नमक हलाल’ जैसी फिल्मों में खूब पसंद किया था। इसके चलते ‘कभी खुशी कभी गम’ के निर्माताओं ने शुरुआत में वहीदा को फिल्म में अमिताभ की मां की भूमिका के लिए चुना था। इस फिल्म से उनकी दस साल बाद इंडस्ट्री में वापसी होनी थी, लेकिन अचानक उनके पति का निधन हो गया था। इसकी वजह से उन्हें कुछ दृश्यों की शूटिंग के बाद फिल्म छोड़नी पड़ी।
वास्तव में करण जौहर अभिनेता जुगल हंसराज को अपना लकी चार्म मानते थे। इसलिए उन्होंने अभिनेता को इस फिल्म में कैमियो करने के लिए कहा था। इसके लिए जुगल ने ऋतिक रोशन के रूममेट के तौर पर अपना कैमियो किया था, लेकिन ऐन मोमेंट पर इस सीन को हटा दिया गया था। हालांकि, इसका कारण सामने नहीं आया था।
अमिताभ बच्चन और जया बच्चन 20 साल में पहली बार फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ में एक साथ दिखाई दिए थे। इससे पहले, उन्हें साथ में आखिरी बार फिल्म ‘सिलसिला’ (1981) में देखा गया था। थी। इसके अलावा, अमिताभ और जया साथ में ‘चुपके चुपके’ (1972) और ‘अभिमान’ (1973) जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं।
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‘कभी खुशी कभी गम’ का सुपरहिट गाना ‘यू आर माई सोनिया’ आज भी लोगों के पसंदीदा गानों में से एक है। गाने में दोनों की सिजलिंग केमिस्ट्री को दर्शकों से खूब सराहना और प्यार मिला था। हालांकि, इस सुपरहिट गाने को और मजेदार बनाने के लिए इसमें काजोल व शाहरुख को भी रखा गया था, लेकिन बाद में उस सीन को हटा दिया गया था।
इसमें कोई शक नहीं है कि, स्टार किड्स को अपनी सेलिब्रिटी की स्थिति के कारण फिल्मों में अपनी पहली उपस्थिति बनाने का अवसर आसानी से मिल जाता है। शायद ही आप जानते होंगे कि, शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ने इस फिल्म के शुरुआती दृश्यों में अपने पिता शाहरुख की भूमिका निभाई थी। फिल्म में नन्हे शाहरुख, वास्तव में आर्यन खान होते हैं।
जॉन अब्राहम को बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने से पहले कुछ समय इंतजार करना पड़ा। हालांकि, जब वह इंडस्ट्री में नए थे, तो उन्हें ‘पू’ (करीना कपूर) के कॉलेज के दोस्त और शिकारी ‘रॉबी’ की भूमिका निभाने के लिए ऑफर किया गया था, लेकिन जॉन ने इस रोल को निभाने से मना कर दिया था।
अगर आपने इस फिल्म को देखा है, तो आपको याद होगा कि, ‘पू’ (करीना) के इर्द-गिर्द घूमने वाली एक दोस्त, कोई और नहीं बल्कि रमोना सुनावाला थीं। इस भूमिका ने रमोना को काफी ऊंचाइयां दी थीं। अब वो एमटीवी की वीडियो जॉकी, सिंगर और होस्ट हैं।
अमिताभ बच्चन और जया बच्चन पर आधारित ‘कभी खुशी कभी गम’ में अगर उनके बेटे अमिताभ बच्चन रहते, तो शायद ये एक परफेक्ट ‘बच्चन’ फैमिली की फिल्म बन जाती। लेकिन शायद आप जानते हों कि, इस फिल्म में अभिषेक ने कैमियो रोल किया था। शो में ‘पू’ (करीना) के साथ ‘प्रोम’ (पार्टी) में अभिषेक उनके साथ गए थे, लेकिन आखिरी मोमेंट पर इस सीन को एडिट कर दिया गया था।
करण जौहर लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम में ‘दीवाना है देखो’ गाने के एक सीक्वेंस को शूट करने में कामयाब रहे थे। चूंकि यह स्थल हमेशा आगंतुकों से भरा रहता था, इसलिए इसे सुरक्षित करना बेहद मुश्किल हो गया था। हालांकि, ऋतिक के शानदार नृत्य कौशल के कारण, वे शूटिंग को समय पर पूरा करने में सक्षम थे।
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सालों से सबसे रोमांटिक गानों की लिस्ट में शामिल ‘सूरज हुआ मद्धम’ टॉप पर बना हुआ है। हालांकि, ये गाना फिल्म में खास जगह नहीं बना पाता, अगर करण जौहर ने संगीतकार संदेश शांडिल्य को नहीं मनाया होता। दरअसल, संगीतकार संदेश शांडिल्य इस गाने पर एक पूरा एल्बम बनाना चाहते थे, लेकिन करण जौहर ने उनसे अनुरोध करते हुए कहा था कि, वह चाहते हैं कि ये फिल्म में गाना हो।
गीत के सीक्वेंस सींस में एक ‘सूरज हुआ मद्धम’, मिस्र के काहिरा में गीज़ा के पिरामिड की पृष्ठभूमि के साथ फिल्माया गया था। शूटिंग के दौरान काजोल बुरी तरह से गिर गई थीं और घायल हो गई थीं। इसके अलावा, यहां रोशनी की सुविधा न होने के चलते इस गाने को सुबह 7 से 9 के बीच शूट करना था, इसकी वजह से इसे बनने में काफी दिन लग गए थे।
‘बोले चूड़ियां’ गाने की शूटिंग के दौरान करण जौहर इतने तनाव में थे कि, डिहाइड्रेशन की वजह से सेट पर ही बेहोश हो गए थे। हालांकि, बाद में वो अपने कमरे में बैठकर शूटिंग के लिए दिशा-निर्देश करते रहे।
आप सभी जानते होंगे कि, ‘आती क्या खंडाला’ का ओरिजिनल गाना आमिर खान की फिल्म ‘गुलाम’ (1998) में था, लेकिन शायद आपको नहीं पता है कि, इस गाने को सबसे पहले अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने शूट किया था। क्योंकि ये गाना आमिर खान से जुड़ा हुआ था, इसलिए करण जौहर ने आमिर से कहकर इस गाने का थोड़ा हिस्सा लेकर फिल्म ‘कभी खुशी कभी गम’ के लिए साल 1991 में शूट किया गया था।
हमने कई बार देखा है कि, फिल्मों में ऑफ-स्क्रीन जोड़ी, ऑन-स्क्रीन जोड़ी में दिखाई देती है। इसी तरह ‘K3G’ फिल्म में जॉनी लीवर और उनके बेटे जेसी लीवर ने भी एक पिता-पुत्र की जोड़ी की भूमिका निभाई थी।
काजोल ने फिल्म में अपने शानदार अभिनय से लाखों दिलों को जीत लिया था और एक पंजाबन का उनका किरदार उस समय सभी का पसंदीदा बन गया था। हालांकि, बहुत कम लोग इस सच्चाई से वाकिफ हैं कि, काजोल को फिल्म में पंजाबी डायलॉग सीखने में बेहद मुश्किल हुई थी। इसके अलावा, शाहरुख खान सेट पर उनके सामने पंजाबी संवादों को सुनाकर उन्हें परेशान करते थे।
हम सभी को फिल्म में करीना कपूर खान का किरदार 'पू' याद है, और आप इस बात से सहमत होंगे कि, जिस दृश्य में उन्होंने प्रवेश किया था, उसकी पृष्ठभूमि में बज रहे गीत ‘इट्स रेनिंग मेन’ ने उनके व्यक्तित्व को पूरक बनाया था। हालांकि, इस गाने का इस्तेमाल सही मालिकों की पूर्व अनुमति के बिना फिल्म में किया गया था और करण जौहर पर इसके लिए मुकदमा दायर किया गया था। इसके लिए उन्हें जुर्माना भी देना पड़ा था।
अब तक की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक ‘कभी खुशी कभी गम’ को न केवल दर्शकों से बहुत सराहना और प्यार मिला, बल्कि यह पसंदीदा पारिवारिक गाथा भी बन गई। इसके अलावा, यह फिल्म इतनी लोकप्रिय हुई कि, यह पहली भारतीय फिल्मों में से एक बन गई, जिसके निर्माण पर एक किताब प्रकाशित हुई थी।
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फिलहाल, इस फिल्म का हर डायलॉग और गाना आज भी लोगों की जुबां पर है। वैसे, आपको इस फिल्म का कौन सा सीन सबसे मजेदार लगता है? हमें कमेंट में बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।