By Shivakant Shukla Last Updated:
बॉलीवुड के दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) को उनके परिवार के लोग और फैन्स अभी तक भुला नहीं पा रहे हैं। सुशांत के चाहने वाले लगातार सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी बातें और तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। इस बीच सुशांत की अमेरिका में रहने वाली बड़ी बहन श्वेता सिंह कीर्ति (Shweta Singh Kirti) ने अपने भाई को याद कर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है, जिसे पढ़ने के बाद आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। तो आइए दिखाते हैं वो पोस्ट।
श्वेता ने अपनी पोस्ट में सुशांत के साथ वॉट्सऐप पर हुई चैट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी शादी के दौरान की सुशांत की तस्वीरें और उनके बचपन की तस्वीरें भी शेयर की हैं। श्वेता ने अपने और सुशांत के बचपन से बड़े होने तक की कहानी की साझा किया है और ये बताया है कि कैसे सुशांत और उनके बीच में अच्छी बॉडिंग थी। (ये भी पढ़ें: भाई सुशांत के अंतिम दर्शन नहीं कर सकी बहन श्वेता सिंह, अब भांजे ने मामा के लिए कही ऐसी बात)
पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ''मैं दर्द का सामना कर रही हूँ। मुझे लगता है कि मैं इसके साथ बेहतर तरीके से मुकाबला कर रही हूं। कुछ स्मृति जो भाई की यादें ताजा कर देती हैं। ऐसी ही एक स्मृति मैं आप सभी के साथ साझा कर रही हूं... क्योंकि यह कहा जाता है कि जितना अधिक आप अपना दुःख साझा करते हैं, उतना ही कम होता है।
मुझे हमेशा मेरे परिवार के सदस्यों द्वारा बताया गया है कि मां और पिताजी एक बेटा चाहते थे, क्योंकि मम्मा का पहला बच्चा एक बेटा था और उन्होंने डेढ़ साल की उम्र में उसे खो दिया था। मैं अपने पहले भाई से कभी नहीं मिली। लेकिन मां और पिताजी एक दूसरे बेटे के लिए बहुत आशान्वित थे.... उन्होंने एक संकल्प (मन्नत) मांगा और 2 साल तक लगातार मां भगवती से प्रार्थना की। उन्होंने उपवास किया, ध्यान किया, पूजा की और हवन किया। इतना ही नहीं उन्होंने आध्यात्मिक स्थानों पर जाकर धर्म से जुड़े लोगों से मुलाकात भी की। तब जाकर मैं दिवाली के दिन पैदा हुई। मम्मा मुझे बहुत भाग्यशाली मानती थीं और अक्सर मुझे लक्ष्मी जी कहती थीं। उन्होंने अपनी साधना जारी रखी, और एक साल बाद मेरे छोटे भाई का जन्म हुआ। शुरू से ही वह बहुत सुंदर था, वह अपनी सुंदर मुस्कान और आंखों से सभी को मंत्रमुग्ध कर देता था।
तो, यह मेरी छोटी सी "पिथिया" (कहानी) थी। यह आम बोलचाल की हिंदी में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। मां का मानना था कि मेरे भाग्य से भी भाई का जन्म हुआ और मुझे भी इस बात पर गर्व था। मैं बचपन से ही अपने छोटे भाई को लेकर काफी प्रोटेक्टिव थी, क्योंकि मुझे लगा कि मैं उसे इस संसार में लाने के लिए जिम्मेदार हूं। हम हमेशा एक साथ रहते थे, हमने साथ खेला, साथ डांस किया, पढ़ाई की, सभी तरह की शरारतें कीं, खाए, सोए, सब कुछ एक साथ इतना किया कि लोग हम 2 अलग-अलग व्यक्तियों को भूल गए, उन्होंने हमें "गुडिया-गुलशन" भी कहा जैसे कि हम दोनों एक थे। (भाई का उपनाम गुलशन और मेरा गुडिया था)''
श्वेता ने आगे लिखा कि, ''जब हमने स्कूल जाना शुरू किया, तो हमें अलग-अलग कक्षाओं में जाना पड़ा। भाई को नर्सरी और मुझे प्रीप क्लास की एक बिल्डिंग में। इसलिए हमने अपने स्कूल के 1 साल को बहुत अच्छी तरह से मैनेज किया। लेकिन तब मेरी यूकेजी की कक्षा एक अलग इमारत में थी और उसकी स्कूल शुरू करने की कक्षा एक दूसरे इमारत में बनी हुई थी, इसलिए हम अलग हो गए। भोजनावकाश खत्म होने के एक दिन बाद मैंने भाई को अपनी कक्षा में, अपने भवन में देखा। उस समय हम सिर्फ 4/5 साल के बच्चे थे।''
उन्होंने अपनी दूसरी पोस्ट में कहानी को आगे बताते हुए लिखा कि, ''मैं पूरी तरह से चौंक गई और साथ ही उसे देखकर खुश भी हुई और उससे पूछा कि वह यहां कैसे पहुंचा, क्योंकि उसकी इमारत कम से कम आधा किलोमीटर दूर थी। उसने मुझे बताया कि वह अकेला और चिंतित महसूस कर रहा था और मेरे साथ रहना चाहता था। मैंने यह विचार किया कि वह एक चौकीदार को चकमा देकर अपनी इमारत से भागने के लिए कितना साहसी था और फिर आधा किलोमीटर पैदल चलना और एक चौकीदार की नाक के नीचे से मेरे स्कूल की इमारत में प्रवेश करना और अंत में मेरी कक्षा और मुझे ढूंढना। मुझे उसकी इमारत से दूर भागने की अपनी समझ मिली, क्योंकि मैं जानती थी कि जब मैं पहली बार स्कूल से बाहर निकली थी, तो मैं रोती रही और पिताजी से मुझे नहीं छोड़ने के लिए कहती रही, 'कृपया मुझे यहाँ मत छोड़िए।' अकेले रहने की भावना… परिवार के सदस्यों से अलग होने की शुरुआती चिंता और कहीं न कहीं आप स्कूल में किसी को नहीं जानते। और एक 5 वर्षीय बड़ी बहन के रूप में, मैंने उसे आश्वासन दिया कि वह मेरे साथ रह सकता है। सबसे पहले, मैंने उसे मेरे और मेरे दोस्त के बीच छिपाने की कोशिश की, लेकिन किसी तरह मेरी क्लास-टीचर ने उसे अटेंडेंस लेते हुए देखा। मैं खुद थोड़ी डर गई थी, लेकिन अपने छोटे भाई की सुरक्षा करने के लिए, मैं खड़ी हुई और पूछा कि क्या वह छुट्टी तक हमारे साथ रह सकता है। इस पर शिक्षक सहमत हो गए। और हम बहुत खुश थे, लेकिन 2 पीरियड के बाद, उसको वापस उसके भवन में भेजा गया, लेकिन उस समय तक हमें इतना मज़ा आया था कि सारी चिंता दूर हो गई थीं।
श्वेता ने आगे लिखा कि, ''2007 में, मुझे वह दिन याद है जब मैंने शादी की थी और मैं जा रही थी, तो भाई ने मुझे कसकर गले लगाया और हम बहुत रोए। शारीरिक रूप से हम अब और साथ नहीं रह सकते थे। हम एक दूसरे को देखने के लिए जल्दी नहीं मिलते। क्योंकि मैं उस समय मैं यूएसए जा रही थी। (ये भी पढ़ें: आत्महत्या मामले में सुशांत के पापा ने पुलिस को दिया बयान, जानें क्या कहा बेबस और मायूस पिता ने?)
आगे चलकर हम दोनों अपने जीवन में बहुत व्यस्त हो गए। भाई ने बॉलीवुड में प्रवेश किया और अपनी उपलब्धियों से हम सभी को गौरवान्वित करता रहा लेकिन मैं उसके बारे में काफी पजेसिव रही। मैं अक्सर उससे अमेरिका आने और जाने के लिए कहती ताकि हम अपने बचपन को एक बार फिर से सभी शोरों से दूर कर सकें। मैं केवल यही चाहती हूं कि मैं उसे हर चीज से सुरक्षित रख सकूं, जब कभी मैं अपने भाई को देखने के लिए उठूं तो वह मेरे ठीक बगल में हो। लेकिन इस पूरे कहानी का एहसास सिर्फ एक दुःस्वप्न था और इससे ज्यादा कुछ नहीं।'' (ये भी पढ़ें: 'सॉरी मेरा बाबू..मेरा सोना', भाई सुशांत के लिए बहन श्वेता सिंह का ये पोस्ट पढ़कर रो पड़ेंगे आप)
बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत ने (14 जून) को अपने मुंबई (बांद्रा) स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुशांत के निधन के बाद से एक्टर की बड़ी बहन श्वेता सिंह कीर्ति इन दिनों अपने पापा के साथ पटना स्थित घर पर रह रही हैं। वह भाई की याद में कुछ न कुछ शेयर करती रहती हैं।
आपको ये भी बता दें कि सुशांत की आत्महत्या के बाद से ही इसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही है। पुलिस ने अभी तक सुशांत के परिवार, दोस्तों सहित बॉलीवुड के के करी 30 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। हालांकि, सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती समेत ज्यादातर लोग इसकी सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। तो अब देखना होगा कि सुशांत के मौत की मिस्ट्री कब सुलझती है? तो आपको सुशांत की बहन श्वेता का ये इमोशनल पोस्ट कैसा लगा? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।