By Shivakant Shukla Last Updated:
भारतीय क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) दुनिया के सबसे शानदार बल्लेबाजों में से एक हैं। उन्हें उनकी तूफानी बल्लेबाजी के लिए पसंद किया जाता है। क्रिकेटर ने 18 जुलाई 2021 को श्रीलंका के खिलाफ नेशनल टीम के लिए अपना वनडे डेब्यू किया था और 14 मार्च 2021 को उन्होंने टीम इंडिया के लिए इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टी20I मैच खेला था।
क्रिकेटर ने अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन साल 2022 उनके लिए गेम-चेंजर साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 'आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप' में टीम इंडिया के लिए अपनी शानदार पारियों से सुर्खियां बटोरीं। इतना ही नहीं, बल्कि खेल के कुछ महान खिलाड़ियों ने उनकी तुलना क्रिकेट के दिग्गज एबी डिविलियर्स से भी की, जो उनकी क्षमता के बारे में बहुत कुछ बताता है। खैर, इसमें कोई संदेह नहीं है कि सूर्यकुमार यादव आने वाले वर्षों में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने जा रहे हैं। भारतीय बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव 'इंडियन प्रीमियर लीग' (IPL) में 'मुंबई इंडियंस' के लिए खेलते हैं।
अधिकांश फैंस क्रिकेटर की इस सफलता के बारे में जानते हैं, लेकिन केवल कुछ ही लोग हैं, जो उस व्यक्ति के बारे में जानते हैं, जो सूर्यकुमार को यहां तक पहुंचने के लिए सपोर्ट, प्रोत्साहन और प्रेरणा देता रहा। सूर्यकुमार की सफलता के लिए जिस शख्स को सबसे ज्यादा श्रेय जाता है, वो हैं उनकी पत्नी देविशा शेट्टी। यह उनकी पत्नी ही थीं, जिन्होंने उन्हें अपनी क्षमता और सपनों पर विश्वास करने के लिए कहा। तो आइए बिना किसी देरी के आपको सूर्यकुमार की पत्नी के बारे में बताते हैं।
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव की पत्नी देविशा शेट्टी का जन्म और पालन-पोषण मुंबई में हुआ। दिविशा का जन्म एक उच्च-मध्यम वर्गीय दक्षिण भारतीय परिवार में हुआ था। रिपोर्ट्स की मानें, तो कम उम्र से ही देविशा काफी क्रिएटिव थीं और नई-नई चीजें ट्राई करती रहती थीं। जैसे-जैसे वह यंग हुईं, देविशा को डांस में गहरी रुचि हो गई और उन्होंने इसे प्रोफेशन के रूप से अपनाया और अब वह मुंबई में एक फेमस डांस कोच हैं।
देविशा शेट्टी को डांस के अलावा बेकिंग और कुकिंग का भी शौक है और खबरों की मानें, तो वह होम बेकर भी बन गई हैं। देविशा के बारे में एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि वह एक एनिमल लवर भी हैं और अक्सर जानवरों के लाभ के लिए आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेती हैं। इसके अलावा, 2013 से 2015 तक देविशा ने फेमस 'द लाइटहाउस प्रोजेक्ट' में भी स्वेच्छा से काम किया था, जो प्रोफेशनल्स को वंचित बच्चों से जोड़ता है। प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रोफेशनल्स को बच्चों के साथ बातचीत करने और उन्हें विभिन्न चीजों के बारे में सिखाने या सलाह देने की अनुमति देना था।
Shubman Gill से Ishan Kishan तक, जानें नए क्रिकेटर्स की सैलरी और नेट वर्थ के बारे में
एक-दूसरे से प्यार करने वाले इस कपल की पहली मुलाकात 2012 में मुंबई में उनके कॉलेज 'आर. ए. पोदार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स' में हुई थी। कॉमन फ्रेंड्स के जरिए एक-दूसरे को जानने के बाद सूर्यकुमार यादव और देविशा शेट्टी ने डेटिंग शुरू की और 29 मई 2016 को उन्होंने सगाई कर ली।
अपनी सगाई के कुछ महीनों बाद कपल ने उसी साल जुलाई में पारंपरिक भारतीय रीति-रिवाज से शादी की। अपनी शादी के दिन जहां सूर्यकुमार ने व्हाइट कलर का कुर्ता और व्हाइट एंड गोल्डन बॉर्डर वाली धोती व साफा पहना था, वहीं देविशा पिंक कलर की कांजीवरम साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही थीं।
सूर्यकुमार यादव-देविशा की लव स्टोरी: कॉलेज लाइफ में ही दिल दे बैठे थे क्रिकेटर, पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
सूर्यकुमार यादव के जीवन में ऐसे कई कारण और लोग हैं, जो उन्होंने अपने क्रिकेट करियर में अब तक जो हासिल किया है, उसके लिए क्रेडिट के पात्र हैं। हालांकि, बिना किसी संदेह के उनकी पत्नी देविशा शेट्टी क्रिकेटर के जीवन में एकमात्र व्यक्ति हैं, जो कॉलेज के दिनों से ही उनके साथ चट्टान की तरह रही हैं, जब सूर्यकुमार भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने का सपना देखा करते थे। अपनी इस जर्नी के दौरान क्रिकेटर को छोटी और बड़ी दोनों चोटों का सामना करना पड़ा, लेकिन स्टैंड से उनकी पत्नी का निरंतर समर्थन ही है कि सूर्यकुमार आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूर्यकुमार यादव ने हमेशा उन्हें प्रेरित करने और उन पर भरोसा रखने का श्रेय अपनी पत्नी देविशा शेट्टी को दिया है। सूर्यकुमार ने भी अपने बुरे दिनों के दौरान हर किसी की तरह खुद पर संदेह करना शुरू कर दिया था, लेकिन सौभाग्य से उन्हें देविशा जैसी लाइफ पार्टनर मिलीं, जिन्होंने उनका हाथ पकड़कर बताया कि वह उन पर विश्वास करती हैं। अंधेरे समय में हमें बस किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत होती है, जो हमारे सपनों पर विश्वास करता हो, क्योंकि यही वह समय होता है, जब हम हार मानने को तैयार हो जाते हैं। ईश्वर की कृपा से सूर्यकुमार के मामले में, यह उनकी पत्नी देविशा हैं, जो अभी भी कठिन परिस्थितियों में उनका साथ देती हैं।
फिलहाल, 'हर सफल आदमी के पीछे एक महिला होती है।' ये कहावत सूर्यकुमार यादव पर पूरी तरह फिट बैठती है। तो आपका इस बारे में क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।