By Rinki Tiwari Last Updated:
‘या तो मैं तिरंगा (भारतीय ध्वज) फहराकर वापस आऊंगा, या तो मैं इसमें लिपटा हुआ वापस आऊंगा, लेकिन मैं निश्चित रूप से वापस आऊंगा।’ ये बयान था, उस वीर और साहसी सैनिक का, जिसकी वीरता को सलाम करने के लिए हर साल 9 सितंबर को पूरा देश एक साथ आता है, जिसने 26 जुलाई 1999 को पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक युद्ध में मुस्कान के साथ अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। जी हां, हम बात कर रहे हैं कारगिल युद्ध के कैप्टन विक्रम बत्रा उर्फ 'शेरशाह' की, जो 4875 पॉइंट पर अपने एक साथी सैनिक को बचाते हुए शहीद हो गए थे। कारगिल युद्ध में उनके बलिदान के लिए विक्रम बत्रा को मरणोपरांत सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था।
इसमें कोई शक नहीं है कि, विक्रम बत्रा इस देश के एक वफादार और साहसी सैनिक थे, जिन्होंने अपनी असीम देशभक्ति से एक नया इतिहास रचा था, लेकिन इसके पीछे उनकी गर्लफ्रेंड से मंगेतर बनी डिंपल चीमा का भी बड़ा हाथ था। डिंपल वही थीं, जो हमेशा विक्रम को पत्र लिखकर देशभक्ति के लिए उनका समर्थन करती थीं। आपने विक्रम बत्रा के बारे में तो बहुत कुछ सुना होगा, लेकिन शायद ही आपको पता होगा कि, उनकी मंगेतर डिंपल ने विक्रम के शहीद होने के बाद किसी और से शादी नहीं की और वो आजतक विक्रम की विधवा के रूप में गर्व से जी रही हैं। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं।
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विक्रम बत्रा और डिंपल चीमा पहली बार साल 1995 में पंजाब यूनिवर्सिटी में मिले थे। इसके बाद दोनों की मुलाकातों का सिलसिला जारी रहा और फिर दोनों ने एक-दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था। हालांकि, उन्हें ये नहीं पता था कि, दोनों की प्रेम कहानी सदियों तक गूंजती रहेगी। कुछ शानदार महीने एक साथ बिताने के बाद विक्रम, भारतीय सैन्य अकादमी के लिए चयनित हो गए, और साल 1996 में देहरादून चले गए थे। विक्रम और डिंपल के बीच दूरियां तो थीं, लेकिन दोनों का बंधन पहले से और मजबूत व गहरा हो गया था। विक्रम को जब भी समय मिलता, वो चंडीगढ़ अपनी गर्लफ्रेंड डिंपल से मिलने जरूर आते थे।
‘द क्विंट’ को दिए एक इंटरव्यू में डिंपल चीमा ने साल 1995 में विक्रम संग बिताए गए पलों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था, ‘मैं विक्रम से पहली बार 1995 में चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय में मिली थी, उस वक्त हम दोनों ने एमए अंग्रेजी में एडमिशन लिया था। लेकिन किस्मत की बात थी कि, हम में से किसी ने भी इस कोर्स को पूरा नहीं किया। मुझे लगता है कि, यह नियति थी, जो हमें एक साथ लाने और एक-दूसरे का अभिन्न अंग बनने में अपनी भूमिका निभा रही थी।’ इस दौरान उन्होंने बताया था कि, जब विक्रम IMA (भारतीय सैन्य अकादमी) में चुने गए थे, तब वो 9वें स्थान पर थे।
विक्रम और डिंपल दोनों ही अपने रिश्ते को लेकर गंभीर थे। दोनों के रिश्ते को चार साल बीत चुके थे। इस बीच डिंपल के माता-पिता ने उन पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन विक्रम और डिंपल शादी के लिए सही समय का इंतजार कर रहे थे। माता-पिता की तरफ से शादी के लिए लगातार बन रहे दबाव की वजह से डिंपल काफी तनाव महसूस करने लगी थीं, तब विक्रम ने उन्हें सलाह दी थी कि, उन्हें अपनी पसंद की चीजों का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, वरना उन्हें वो सभी चीजें मिलती रहेंगी, जो उन्हें पसंद नहीं है। विक्रम की इस महत्वपूर्ण सलाह की वजह से ही आज तक वो उनकी यादों को अपने दिल में संजोकर अपनी जिंदगी बिता रही हैं।
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‘द क्विंट’ संग बातचीत में डिंपल ने विक्रम संग अपनी एक खूबसूरत याद को साझा किया था। उन्होंने बताया था कि, वो दोनों अक्सर मंसा देवी मंदिर और गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब जाते रहते थे। डिंपल ने उस खूबसूरत घटना को याद करते हुए कहा था, ‘परिक्रमा करते वक्त वह मेरे पीछे चल रहे थे। परिक्रमा पूरी करने पर उन्होंने अचानक कहा, ‘बधाई हो मिसेज बत्रा। क्या आपको नहीं पता था कि, यह चौथी बार है, जब हम ये परिक्रमा कर रहे हैं?’ इसने मुझे पूरी तरह से हैरान कर दिया था। वो हमारे रिश्ते के प्रति समर्पित थे।’
इसी इंटरव्यू में डिंपल ने बताया था कि, वो लगातार शादी के दबाव के चलते इतना परेशान हो गई थीं कि, आखिरकार एक दिन उन्होंने विक्रम से अपनी शादी की बात उठा ही दी और फिर जो हुआ, उसने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने कहा था, ‘एक बार जब मैं उनसे मिली, तो मैंने शादी का मुद्दा इसलिए उठाया, क्योंकि मैं थोड़ा असुरक्षित महसूस कर रही थी। इसके बाद बिना कुछ कहे उन्होंने अपने बटुए से एक ब्लेड निकाला, अपना अंगूठा काट लिया और अपने खून से मेरी मांग भर दी। वह मेरे जीवन में अब तक का सबसे प्यारा पल है। फिर बाद में मैं उसे चिढ़ाती थी कि, वो पूरे फिल्मी हैं।’
आखिर में दोनों ने फैसला किया था कि, विक्रम के कारगिल युद्ध से लौटने के बाद वे शादी के बंधन में बंध जाएंगे। लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, उन्होंने कारगिल पर विजय प्राप्त करने और अपने साथी सैनिकों को बचाने में अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। 7 जुलाई 1999 को विक्रम की छाती में एक गोली लगने के बाद उनकी मृत्यु हो गई थी और उन्होंने भारत के सबसे महान सैन्य नायकों में से एक के रूप में अपना नाम उकेरा था। विक्रम की मृत्यु के बाद डिंपल ने उन यादों के साथ चंडीगढ़ में रहने का फैसला किया था, जो उन्होंने शहर में उन चार गौरवशाली वर्षों में एक साथ बनाई थीं।
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डिंपल ने ‘द क्विंट’ को दिए इंटरव्यू के आखिर में बताया था कि, आखिर क्यों उन्होंने विक्रम बत्रा की विधवा के रूप में अपनी जिंदगी जीने का फैसला किया। उन्होंने कहा था, ‘मैं जीवन भर की यादों का वर्णन कैसे करूं, जो सिर्फ चार सालों के जुड़ाव में बनीं? मैं और आगे बढ़ सकती थी, और यादें अभी भी आती रहेंगी। पिछले 17 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं आया, जब मुझे लगा हो कि, वो मुझसे अलग हैं। ऐसा लगता है, जैसे वो किसी पोस्टिंग पर दूर हैं। मैं अपने दिल में जानती हूं कि, हम फिर से मिलने जा रहे हैं, यह बस समय की बात है।’ विक्रम और डिंपल की कहानी इस बात का सबूत है कि, हर मजबूत सैनिक के पीछे एक मजबूत महिला का हाथ होता है, जो उसके साथ खड़ी रहती है, उसका समर्थन करती है और उसे जीवन व मृत्यु से परे प्यार करती है।
जिसे नहीं पता, उसे बता दें कि, 'कारगिल के शेरशाह' यानी विक्रम बत्रा पर ही फिल्म 'शेरशाह' बनाई गई है, जो 12 अगस्त 2021 को रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म में विक्रम का किरदार एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और डिंपल का किरदार एक्ट्रेस कियारा आडवाणी निभाती हुई नजर आ रही हैं। इस फिल्म को निर्माता करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है।
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