By Prakash Joshi Last Updated:
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं में से एक शम्मी कपूर (Shammi Kapoor) ने 1950 से लेकर 1970 के दशक के बीच फिल्म इंडस्ट्री पर राज किया। इस बीच उन्होंने एक से बढ़कर एक कई हिट फिल्में दी हैं। बड़े पर्दे पर किस किरदार को किस कदर फैंस के दिलों तक पहुंचाना है, ये उन्हें बखूबी आता था। शम्मी कपूर ने फिल्मी पर्दे पर कई अभिनेत्रियों के साथ रोमांस किया, लेकिन उनकी रियल लव लाइफ काफी संघर्ष से भरी रही।
दरअसल, अपने सहज और प्रभावी अभिनय के लिए मशहूर अभिनेत्री गीता बाली 50 के दशक की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार थीं। शम्मी कपूर इस एक्ट्रेस को अपना दिल दे बैठे थे। साल 1955 में शम्मी कपूर ने उनसे रानीखेत में फिल्म 'रंगीन रातें' के सेट पर मुलाकात की और यहीं से दोनों का प्यार परवान चढ़ा, लेकिन दोनों के घरवाले इस शादी के लिए राजी नहीं थे। ऐसे में कपल ने घरवालों की इच्छा के खिलाफ जाकर मंदिर में शादी रचाई। कुछ वक्त तक घरवाले इस शादी से नाराज रहे, लेकिन फिर वो मान गए।
'द क्विंट' के साथ एक थ्रोबैक इंटरव्यू में महान सुपरस्टार शम्मी कपूर ने गीता बाली के साथ हुई अपनी शादी के बारे में बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था, 'मैंने गीता के साथ तीन फिल्में (कॉफी हाउस, कोका कोला, और मोहर) कीं। हम वास्तव में एक-दूसरे को पसंद करते थे और फिर हमें प्यार हो गया। वो एक स्टार थी और मैं कुछ भी नहीं था, फिर भी उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। मैंने शादी का प्रस्ताव रखा और उसके तीन साल बाद साल 1955 में हमने शादी कर ली, यहीं सुबह 4 बजे बांद्रा में। सात फेरे लिए, फिर उसने अपने पर्स से एक लिपस्टिक निकाली और मुझे दे दी और बोलीं, "मेरी मांग में डाल दीजिए।" और मैंने ऐसा ही किया। ये सुंदर था, वो मेरे लिए बहुत स्ट्रांग सपोर्ट थीं। उनकी मौत के बाद, मैं काफी लापरवाह और अकेला हो गया।' (ये भी पढ़ें: जब पूजा भट्ट और करिश्मा कपूर की हो गई थी लड़ाई, माता-पिता के सेप्रेशन पर भिड़ गईं थी एक्ट्रेस)
शम्मी कपूर ने उस बारे में भी बात की थी, जब वो गीता बाली के प्यार में पड़ गए थे, जिसे राउत अहमद ने अपनी किताब 'शम्मी कपूर: द गेम चेंजर' में बताया है। सुपरस्टार ने खुलासा किया था, 'कुछ प्रश्न चिह्न थे। गीता मुझसे एक साल बड़ी थी। उन्होंने मेरे पिता पृथ्वीराज कपूर के साथ 'आनंद मठ' (1952) नाम की फिल्म में सह-अभिनय किया था। उन्होंने मेरे भाई राज कपूर के साथ किदार शर्मा की फिल्म 'बावरे नैन' (1950) में भी काम किया था। मुझे नहीं पता था कि मेरा परिवार इस पर कैसी प्रतिक्रिया देगा? मैं खुद अंदर ही अंदर इस बात पर अड़ा था कि उसे (गीता) मेरा बनना है। गीता मुझसे कहती रही, शम्मी मैं तुमसे प्यार करती हूं। मैं तुम्हारे बिना रहने के बारे में नहीं सोच सकती।'
इसी इंटरव्यू में शम्मी कपूर ने खुलासा किया था कि कैसे उन्होंने शादी रचाई थी? उन्होंने कहा था कि, '23 अगस्त 1955 को मैं और गीता, मुंबई स्थित जुहू के एक होटल में थे। तभी मैंने गीता के सामने फिर से शादी का प्रस्ताव रखा, ये जानकर कि वो एक बार फिर अपना सिर हिलाएंगी और मुस्कुराएंगी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बजाय उन्होंने कहा, 'ठीक है शम्मी, चलो शादी कर लेते हैं।' (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के वो 8 मशहूर सितारे, जिनकी प्रेम कहानी का हुआ बड़ा ही दुखद अंत)
इसके बाद शम्मी कपूर और गीता बाली ने साल 1955 में शादी कर ली थी। साल 1956 में इस जोड़े के घर बेटे 'आदित्य राज कपूर' और साल 1961 में बेटी 'कंचन कपूर' ने जन्म लिया। ऐसे में शम्मी और गीता पैरेंट्स बनने के बाद बेहद खुश थे, लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। साल 1965 के जनवरी महीने में गीता बाली अपनी एक फिल्म के सेट पर बीमार पड़ गईं थी और उन्हें चेचक हो गया था, जिसके चलते उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखा गया था। इसके बाद 21 जनवरी 1965 में महज 35 साल की उम्र में ही वो चल बसीं। उनके जाने से शम्मी कपूर को बहुत बड़ा धक्का लगा था।
वहीं एक समय वो भी आया जब शम्मी कपूर ने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली थी, क्योंकि वो अक्सर बीमार रहने लगे थे। धीरे-धीरे उनके गुर्दों ने भी काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद 14 अगस्त 2011 को 79 साल की उम्र में फिल्मों के रॉकस्टार शम्मी कपूर ने इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। (ये भी पढ़ें: बॉलीवुड के ऐसे 12 सेलेब्स जिन्होंने 40 की उम्र के बाद भी नहीं की है शादी, जानें कौन हैं ये)
आज भले ही शम्मी कपूर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वो अपनी फिल्मों के जरिए आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।