By Pooja Shripal Last Updated:
संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) भारत के सबसे पॉपुलर डायरेक्टर्स में से एक हैं, जिन्होंने 'अर्जुन रेड्डी' और 'कबीर सिंह' जैसी फिल्में बनाई हैं। इस समय वह 'एनिमल' को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। संदीप रेड्डी वांगा किस तरह के फिल्म निर्माता हैं, यह तो सभी जानते हैं, लेकिन उनके बारे में लोग यह नहीं जानते कि वह आज जहां भी हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। वर्षों के संघर्ष के बाद वह यहां तक पहुंचे हैं। तो आइए उनके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
संदीप रेड्डी वांगा का जन्म 25 दिसंबर 1981 को तेलंगाना में हुआ था। उनके पैरेंट्स का नाम प्रभाकर रेड्डी और सुजाता है। संदीप ने 'प्लैटिनम जुबली हाई स्कूल' वारंगल से अपनी स्कूली शिक्षा ली, जहां उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने 'सिद्धार्थ हाई स्कूल' से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की और फिर हैदराबाद चले गए।
फिल्म निर्माता ने धारवाड़ के प्रतिष्ठित 'एसडीएम कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी' से फिजियोथेरेपी में डिग्री हासिल की है। हालांकि, डिग्री पूरी करने के बाद संदीप रेड्डी वांगा को एहसास हुआ कि उनकी रुचि फिल्म निर्माण में है। इसलिए वह सिडनी चले गए और इंटरनेशनल फिल्म स्कूल में प्रवेश ले लिया।
फिल्म स्कूल के दौरान संदीप रेड्डी वांगा ने कई प्रोजेक्ट्स में काम किया, जिससे उन्हें फिल्म मेकिंग को समझने में मदद मिली। इसके बाद जब वह इंडिया वापस आए, तो उन्होंने किसी जाने-माने डायरेक्टर के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर फिल्म मेकिंग को नजदीक से समझने की कोशिश की। इस कोशिश में जब वह फिल्म निर्माता पुरी जगन्नाध के ऑफिस में गए, तो पुरी के मैनेजर्स में से एक ने उन्हें अपना बायोडाटा और आवेदन चौकीदार के ऑफिस में छोड़ने के लिए कहा। कई डायरेक्टर्स से रिजेक्ट होने के बाद उन्हें फिल्म 'मल्ली मल्ली ईदी रानी रोजू' में क्रांति माधव के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम करने का मौका मिला।
एक बार, 'डेक्कन क्रॉनिकल' के साथ एक साक्षात्कार में संदीप रेड्डी ने अपने संघर्ष के दिनों के बारे में खुलकर बात की थी और कहा था, "जब मैं पुरी (पुरी जगन्नाध) से मिलने गया, तो मुझसे कहा गया कि मैं अपना बायोडाटा चौकीदार के पास छोड़ दूं, जो मैंने नहीं किया। मैं राजामौली (एस एस राजामौली) से भी नहीं मिल सका, लेकिन उनके पास भी कोई पद खाली नहीं था।"
संदीप रेड्डी वांगा की निजी जिंदगी की बात करें, तो उन्होंने मनीषा रेड्डी से शादी की है। कपल की एक बेटी और एक बेटा है। रेड्डी ने अपने बेटे का नाम अर्जुन रेड्डी रखा है। संदीप रेड्डी को उनके डेब्यू से मिली पहचान और सफलता से हर कोई वाकिफ है, यही वजह है कि यह हमेशा उनके दिल के करीब रहेगा। इस प्रकार, जब उनके बेटे का जन्म हुआ, तो उन्होंने उसका नाम अपनी फिल्म के चरित्र 'अर्जुन रेड्डी' के नाम पर रखा, जो उनके लिए हमेशा खास रहेगा।
शाहिद कपूर स्टारर 'कबीर सिंह' 2019 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्मों में से एक थी। हालांकि, फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा को उस सीन के लिए काफी आलोचना मिली थी, जिसमें 'अर्जुन रेड्डी' (शाहिद कपूर) ने 'प्रीति सिक्का' (कियारा आडवाणी) को थप्पड़ मारा था। फिल्म की ब्लॉकबस्टर सफलता के तुरंत बाद, संदीप ने 'फिल्म कंपेनियन' पर अनुपमा चोपड़ा के साथ बातचीत की थी, जिसमें उन्होंने अपने बचाव में कुछ ऐसा कहा था, जिसकी वजह से वह और ट्रोल हो गए थे।
उन्होंने कहा था, "जब आप किसी महिला से गहराई से प्यार करते हैं और गहराई से जुड़े होते हैं, ऐसे में अगर आपको एक-दूसरे को थप्पड़ मारने की आजादी नहीं है, तो मुझे इसमें इमोशंस नजर नहीं आते। कबीर के पास उसे थप्पड़ मारने का एक कारण था। यदि आप थप्पड़ नहीं मार सकते, यदि आप अपनी महिला को जब चाहे छू नहीं सकते, यदि आप किस नहीं कर सकते, तो मुझे वहां भावनाएं नहीं दिखतीं।"
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उसी इंटरव्यू में जब अनुपमा चोपड़ा ने संदीप रेड्डी वांगा से पूछा था कि क्या उनकी नजर में 'कबीर सिंह' अग्रेशन का चरम है, तो फिल्म निर्माता ने कहा था कि लोगों को उनकी फिल्म 'एनिमल' का इंतजार करना चाहिए। खैर, इस फैक्ट से इनकार नहीं किया जा सकता है कि संदीप रेड्डी की कहानी ने वास्तव में बहुत से लोगों को निराश किया है, लेकिन उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन किया है, यह भी उन्हें पसंद करने वाले दर्शकों के बारे में बहुत कुछ बताता है।
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फिलहाल, संदीप रेड्डी वांगा ने जिस तरह का सिनेमा पेश किया है, उस पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।