By Shivakant Shukla Last Updated:
देश की टॉप गार्मेंट्स कंपनी में से एक 'रेमंड' की जर्नी 1925 में शुरू हुई। यह दुनिया भर में पुरुषों के सूट की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। विजयपत सिंघानिया ने ब्रांड को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। हालांकि, बहुत से लोग नहीं जानते कि उन्हें उनके बेटे गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) ने अपने ही साम्राज्य से बाहर निकाल दिया था। विजयपत सिंघानिया का अपने बेटे पर परिवार के सभी लोगों को घर से बाहर निकालने का आरोप लगाने का एक पुराना वीडियो फिर से सामने आया है और नेटिजंस इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
'रेमंड' के संस्थापक विजयपत सिंघानिया का एक पुराना वीडियो इंटरनेट पर फिर से सामने आया है। वीडियो में बुजुर्ग ने बेहद आसान शब्दों का इस्तेमाल कर अपना दर्द बयां करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि कैसे उनके अपने बेटे गौतम ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया था। विजयपत ने आगे बताया कि उनका बेटा गौतम 36 मंजिला इमारत में अकेला रहता है।
विजयपत ने कहा, "उसने मुझे मेरे ही घर से निकाल दिया है। मैं क्या कह सकता हूं? वह 36 मंजिला इमारत में अकेला रह रहा है। उसे अपने माता-पिता, वहां रहने वाले अपने भतीजों की कोई परवाह नहीं है। उसने सभी को बाहर निकाल दिया है, क्योंकि वह हर किसी को खरीद सकता है।"
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जैसे ही वीडियो ऑनलाइन वायरल हुआ, नेटिजंस ने कमेंट बॉक्स में बाढ़ ला दी। एक यूजर ने लिखा, "कथानक में ट्विस्ट: जिस बेटे ने उन्हें कंपनी से बाहर निकाल दिया था, वह अब अपनी पत्नी के साथ तलाक के समझौते पर है और वह उसकी नेटवर्थ का 75% हिस्सा मांग रही है।" एक अन्य ने लिखा, "अब उसकी पत्नी उसे बाहर फेंक देगी। यही जीवन का चक्र है।" एक नेटिजन ने लिखा, "कर्म ने उस पर पलटवार किया।"
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बता दें कि गौतम सिंघानिया एक कठिन दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी नवाज मोदी सिंघानिया से नाता तोड़ लिया है। यह जोड़ा 32 साल तक एक साथ रहा, लेकिन उनकी शादी में खटास आ गई थी। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज मोदी ने तलाक के बाद गौतम सिंघानिया की 75 फीसदी संपत्ति की मांग की है।
'इकोनॉमिक टाइम्स' की एक रिपोर्ट के अनुसार, गौतम सिंघानिया ने अस्थायी रूप से मांग पर सहमति व्यक्त की है, लेकिन उन्होंने एक पारिवारिक ट्रस्ट बनाने का भी प्रस्ताव रखा है, जहां वह एकमात्र मैनेजिंग ट्रस्टी होंगे, जिसे नवाज ने स्वीकार नहीं किया है। सिंघानिया ने एक फैमिली ट्रस्ट स्थापित करने का सुझाव दिया और उनकी संपत्ति व रुपए ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी जाएगी, जिसका अर्थ है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार के सदस्यों को उनकी संपत्ति विरासत में मिलेगी।
84 वर्षीय बिजनेसमैन विजयपत तब मुसीबत में पड़ गए थे, जब उन्होंने सोचा था कि वह अपने बेटे गौतम को अपनी 37 प्रतिशत हिस्सेदारी तोहफे में देकर अपने अरबों डॉलर के कपड़ा साम्राज्य को परिवार में बनाए रख रहे हैं। यह 2007 का एक समझौता था, जिसमें कहा गया था कि विजयपत को मुंबई में सिंघानिया परिवार के 36 मंजिला 'जेके हाउस' में एक अपार्टमेंट मिलेगा। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ और विजयपत ने अपने बेटे गौतम पर इसका आरोप लगाया था।
जैसे ही पारिवारिक झगड़ा बढ़ा, बोर्ड ने विजयपत का 'अध्यक्ष' पद हटा दिया और उन पर कंपनी को लिखे पत्रों में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पूर्व अध्यक्ष का दावा है कि उन्हें शारीरिक रूप से उनके कार्यालय और 'पद्म भूषण' अवॉर्ड सहित उनकी संपत्ति से हटा दिया गया था। उन्होंने मामले को अदालत में घसीटा और उन्हें किराए के मकान में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।
फिलहाल, दिवाली के अगले दिन गौतम सिंघानिया ने अपनी पत्नी नवाज मोदी से अलग होने की घोषणा की थी। तो आपका इस पूरे मामले पर क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।