By Pooja Shripal Last Updated:
रवि किशन शुक्ला, जिन्हें रवि किशन (Ravi Kishan) के नाम से जाना जाता है, भोजपुरी सिनेमा के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में से एक हैं। 1992 में फिल्म 'पीतांबर' से बॉलीवुड में अभिनय की शुरुआत करने वाले एक्टर 'ज़ख्मी दिल', 'हेरा फेरी', 'तेरे नाम' और 'लक' जैसी फिल्मों में काम कर चुके हैं और उन्होंने खुद को एक बेहतरीन एक्टर के तौर पर साबित किया है। इसके अलावा, वह साउथ की फिल्मों में भी नजर आ चुके हैं।
रवि किशन ने साल 2002 में फिल्म 'सईयां हमार' से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी, जिससे वह रातों-रात सुपरस्टार बन गए थे। इसके बाद, रवि किशन को 'दूल्हा मिलल दिलदार', 'हम तो हो गई नी तोहार', 'अब तो बनजा सजनवा हमार', 'भूमिपुत्र', 'बलिदान', 'सत्यमेव जयते', 'कैसन पियवा के चरितर बा' जैसी फिल्मों में देखा गया।
तमिल इंडस्ट्री में रवि ने फिल्म 'मोनिशा एन मोनालिसा' से डेब्यू किया था, जबिक तेलुगु में उनकी पहली फिल्म 'रेस गुर्रम' और कन्नड़ में 'हेब्बुली' थी। इसके अलावा, उन्होंने 'स्पाइडर-मैन 3' को आवाज दी थी, जो भोजपुरी में डब होने वाली पहली हॉलीवुड फिल्म थी। वहीं, रवि किशन की फिल्म 'महादेव का गोरखपुर' अमेरिका में रिलीज होने वाली पहली भोजपुरी फिल्म है।
रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में अपनी उपस्थिति के दौरान रवि किशन ने 'बिग बॉस' के पहले सीज़न में अपनी भागीदारी के बारे में बात की थी और स्वीकार किया था कि इसने उनकी जिंदगी बदल दी है। अभिनेता ने पहले रनर-अप कैरोल ग्रेसियस और विजेता राहुल रॉय के बाद दूसरे रनर-अप के रूप में शो खत्म किया था। रवि किशन ने स्वीकार किया था कि वह कभी भी रियलिटी शो का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे, क्योंकि उस समय वह बैक-टू-बैक फिल्में कर रहे थे, लेकिन शो में शामिल होने का फैसला उनके लिए सही साबित हुआ।
एक्टर ने कहा था, "मेरी फिल्में हिट होने के बाद मैं अहंकारी हो गया था। मेरी पत्नी ने मुझे बिग बॉस में शामिल होने की सलाह दी। मेरी इच्छा नहीं थी, लेकिन मैं गया। तीन महीने तक उनके सेट में बंद रहने के बाद, जब मैं बाहर आया, तो मैं बहुत बदल गया था। इतना ही नहीं मैं लोकप्रिय हो गया था, लेकिन मैं एक सामान्य व्यक्ति बन गया। उस टाइम के दौरान मैंने अपने पारिवारिक जीवन को भी सुलझा लिया। तीन महीने की जेल (क़ैद) से बाहर आने के बाद मैं आध्यात्मिकता का कैदी बन गया था। बिग बॉस ने मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव डाला था।”
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फिल्मों में अभिनय के अलावा, रवि किशन राजनीति में भी काफी सक्रिय हैं। यह सब तब शुरू हुआ था, जब वह जौनपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) में शामिल हुए और 2014 के आम चुनाव में लड़े। हालांकि, 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने गोरखपुर सीट से BJP पार्टी के टिकट से लड़ा और जीता भी। इससे वह और अधिक पॉपुलर हो गए।
एक बार एक पब्लिकेशन को दिए पुराने इंटरव्यू में रवि किशन ने खुलासा किया था कि उन्होंने रामलीला में 'देवी सीता' का किरदार निभाया था और इस वजह से उनके पिता ने उन्हें खूब पीटा था और एक्टिंग भूल जाने के लिए भी कहा था। हालांकि, रवि किशन की मां ने उन्हें 500 रुपए देकर मुंबई जाकर अपना सपना पूरा करने को कहा, क्योंकि उन्हें पता था कि अगर उन्होंने एक्टिंग जारी रखी, तो उनके पिता उन्हें मार देंगे, क्योंकि उनके लिए एक्टिंग का पेशा अपमानजनक था।
'ब्रूट' के साथ बातचीत में भोजपुरी सुपरस्टार ने खुलासा किया था कि एक बार जब वह फेमस एक्टर बन गए, तो उनके पिता को उन पर बहुत गर्व था। उसी के बारे में रवि किशन ने कहा था, "वह मुझसे बहुत खुश थे, क्योंकि अभिनय में मेरे करियर ने मुझे बहुत पैसा दिया। उनकी मृत्यु से पहले, उनकी आंखों में आंसू थे और उन्होंने कहा, 'तुम हमारे गौरव हो'।" पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले लखनऊ की एक महिला अपर्णा ठाकुर ने एक्टर पर कई गंभीर आरोप लगाए और उनसे शादी करने का दावा किया। महिला ने कहा है कि रवि किशन ने 1996 में मुंबई में उनसे शादी की थी और उनकी एक बेटी है, जिसे एक्टर अपनाने से इनकार कर रहे हैं। महिला ने कहा है कि या तो एक्टर उनकी बेटी को गोद लें या फिर उसे उसका वाजिब हक दें। जबकि एक्टर ने इसे चुनाव से पहले 'समाजवादी पार्टी' का षडयंत्र बताया है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
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फिलहाल, अपना घर छोड़ने से लेकर बॉलीवुड में काम करने और भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार बनने तक, रवि किशन की जर्नी के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।