By Shivakant Shukla Last Updated:
'FIDE शतरंज विश्व कप 2023' के फाइनल में सभी की निगाहें 18 वर्षीय भारतीय चेस खिलाड़ी रमेशबाबू प्रज्ञानानंद (R Praggnanandhaa) पर टिकी थीं, जिनका मुकाबला पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन से था। हालांकि, तीन दिनों तक चले इस फाइनल मुकाबले में प्रज्ञानानंद हार गए।
हर कोई रमेशबाबू प्रज्ञानानंद के 'फिडे शतरंज विश्व कप 2023' जीतने के बारे में अपनी उम्मीदें हाई रख रहा था, लेकिन यह मैग्नस कार्लसन हैं जिन्होंने विश्व कप ट्रॉफी जीतकर अपने खिताबों की लिस्ट में एक और उपलब्धि जोड़ ली। हालांकि, यह प्रज्ञानानंद की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने तीन दिनों तक अनुभवी खिलाड़ी कार्लसन को कड़ी टक्कर दी।
चूंकि 'FIDE शतरंज विश्व कप' सबसे फेमस खेलों में से एक है, तो फाइनलिस्ट खाली हाथ नहीं लौटेंगे। उन्हें अपने टैलेंट और कड़ी मेहनत के लिए बड़ी धनराशि मिलने वाली है। तो, अब बिना किसी देरी के आइए जानते हैं कि विजेता और उपविजेता को कितनी बड़ी रकम मिलेगी।
'फिडे शतरंज विश्व कप 2023' के विजेता मैग्नस कार्लसन ने खेल जीतकर साबित कर दिया है कि उन्हें शतरंज मास्टर के रूप में क्यों जाना जाता है। विजेता को ट्रॉफी के साथ 110K डॉलर यानी 90,93,551 रुपए मिलेंगे।
दूसरी ओर, महज 10 साल की उम्र में शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के इंटरनेशनल मास्टर बनने वाले आर प्रज्ञानानंद को भी खेल में उनकी कड़ी मेहनत के लिए मोटी रकम मिलेगी। बता दें कि प्रज्ञानानंद को 80k डॉलर यानी 66,13,444 रुपए मिलेंगे।
'FIDE शतरंज विश्व कप 2023' के विजेता और उपविजेता को मिलने वाली मोटी रकम 'क्रिकेट विश्व कप' और 'FIFA WC' के विजेता पुरस्कार से काफी अधिक है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों? जहां 'ICC वनडे विश्व कप' या 'फीफा विश्व कप' एक टीम या समूह में खेला जाता है, ऐसे में जीतने वाली धनराशि ग्रुप के व्यक्तियों के बीच वितरित की जाती है, लेकिन FIDE पुरस्कार राशि के मामले में यह केवल एक व्यक्ति के लिए है।
30 नवंबर 1990 को जन्मे मैग्नस कार्लसन को दुनिया के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। यह नॉर्वेजियन शतरंज ग्रैंडमास्टर बहुत कम उम्र में शतरंज का टैलेंटेड खिलाड़ी बन गया और 2004 में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया। कार्लसन 2013 में विश्व शतरंज चैंपियन बने और उन्होंने उस पद को बरकरार रखा है।
इस नाम से पूरा देश परिचित है। रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने महान भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद की विरासत को आगे बढ़ाया है। 10 अगस्त 2005 को जन्मे प्रज्ञानानंद वास्तव में कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। युवा खिलाड़ी 2016 में मात्र 10 साल की उम्र में शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बन गए थे और उन्होंने अपनी बेहतरीन चालों से सभी को हैरान करना जारी रखा है। कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में सरप्राइज परफॉर्मेंस देने के अलावा, प्रज्ञानानंद को शतरंज समुदाय के सबसे प्रतिभाशाली रत्नों में से एक माना जाता है। सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर्स में से एक प्रज्ञानानंद पहले ही शतरंज की दुनिया में 'chess prodigy' का खिताब हासिल कर चुके हैं।
जानें R Praggnanandhaa के बारे में, जो 18 की उम्र में हैं चेस ग्रैंडमास्टर और खेला 'FIDE World Cup'
साल 2022 के बाद आर प्रज्ञानानंद 'फिडे शतरंज विश्व कप 2023' में खेलने वाले पहले भारतीय थे। हालांकि, वह अपना रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके। पहले दो मैच ड्रा होने के बाद टाई-ब्रेकर मैच की नौबत आई। इसके अलावा, 18 वर्षीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी 25 मिनट तक खेलने और 47 असाधारण चालें खेलने के बाद हार गया। पहले पार्ट में प्रज्ञानानंद ने खेल में तूफान ला दिया और शानदार खेल दिखाया, लेकिन अंत में मैग्नस कार्लसन ने वापसी की और चैंपियन का ताज हासिल किया।
फरवरी 2022 में आर प्रज्ञानानंद ने एक ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में मैग्नस कार्लसन को हराया था।
फिलहाल, मैग्नस कार्लसन और आर प्रज्ञानानंद को 'फिडे शतरंज विश्व कप 2023' के फाइनलिस्ट के रूप में बड़ी राशि मिलने पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।