By Pooja Shripal Last Updated:
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) देश के सबसे अमीर बिजनेसमैन में से एक हैं, जिनके बच्चे आकाश अंबानी, ईशा अंबानी और अनंत अंबानी भी अपने फैमिली बिजनेस को आगे ले जाने में अपना योगदान दे रहे हैं। साल 2023 में उन तीनों को 'रिलायंस इंडस्ट्रीज' के गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। वहीं, मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस के निदेशक मंडल में एक ऐसे सदस्य भी हैं, जो 2 लाख करोड़ की कंपनी को चलाते हैं। आइए आपको उनकी सैलरी के बारे में बताते हैं।
कुंदापुर वामन (के वी) कामथ (K V Kamath) 'रिलायंस' के निदेशक मंडल के सदस्य हैं, जो एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह अगस्त 2023 में एक स्वतंत्र यूनिट के रूप में पब्लिक होने तक 'रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड' (आरआईएल) की सहायक कंपनी 'जियो फाइनेंशियल सर्विसेज' के स्वतंत्र निदेशक और गैर-कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, के वी कामथ ने मुकेश के पिता और दिग्गज बिजनेसमैन धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद उनके बेटों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच रिलायंस को बांटने में एक अहम भूमिका निभाई थी, क्योंकि धीरूभाई के वसीयत बनाने से पहले ही उनका निधन हो गया था। 2022 में RIL ने पांच साल के कार्यकाल के लिए कंपनी बोर्ड में कामथ की नियुक्ति की घोषणा की थी। 'मिंट' के अनुसार, कामथ के भरोसेमंद नेतृत्व में 'जियो फाइनेंशियल सर्विसेज' का बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) 2 लाख करोड़ रुपए है।
'पीटीआई' और 'हिंदुस्तान टाइम्स' के अनुसार, रिलायंस के निदेशक मंडल के सदस्य के रूप में के वी कामथ को वित्त वर्ष 22-23 में 3 लाख रुपए की सिटिंग फीस और 39 लाख रुपए का कमीशन दिया गया था। इसकी तुलना में मुकेश अंबानी को कोई वेतन या लाभ-आधारित कमीशन नहीं मिलता है। ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी को भी बोर्ड के सदस्यों के रूप में कोई वेतन नहीं दिया जाता है और उन्हें प्रॉफिट बेस्ड कमीशन के साथ-साथ बोर्ड व समिति की बैठकों में भाग लेने के लिए केवल सिटिंग फीस मिलती है।
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के वी कामथ ने 1970 के दशक में 'आईसीआईसीआई' बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने अनुभव हासिल करने के लिए अलग-अलग विभागों को संभाला था। 1988 में बैंकर 'एशियाई विकास बैंक' (एडीपी) में चले गए और 'आईसीआईसीआई' बैंक में उनके मैनेंजिंग डायरेक्टर और सीईओ के रूप में अपनी शानदार वापसी करने से पहले, दक्षिण पूर्व एशिया में कई वर्षों तक काम किया था। वह 2009 में मैनेंजिंग डायरेक्टर और सीईओ के रूप में रिटायर्ड हुए, लेकिन उन्होंने 2015 तक 'आईसीआईसीआई' बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
के वी कामथ ने 2011 से 2015 तक नारायण मूर्ति के नेतृत्व वाली दूसरी सबसे बड़ी इंडियन आईटी सर्विस कंपनी 'इंफोसिस' के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। 2015 में और 2020 तक, 76 वर्षीय बिजनेसमैन को 'ब्रिक्स' देशों द्वारा स्थापित 'न्यू डेवलपमेंट बैंक' के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। कामथ वर्तमान में 'नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट' (NaBFID) के अध्यक्ष हैं, जबकि ह्यूस्टन स्थित तेल सेवा कंपनी 'Schlumberger' और भारतीय दवा निर्माता 'ल्यूपिन' के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। इसके अलावा, वह 'पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी' (पीडीईयू) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी हैं।
मेंगलुरु में जन्मे के वी कामथ एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जिनके पास 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक' (NITK सुरथकल) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री और 'भारतीय प्रबंधन संस्थान' अहमदाबाद (IIM अहमदाबाद) से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री है।
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फिलहाल, के वी कामथ की इतनी सारी उपलब्धियों के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।