By Pooja Shripal Last Updated:
मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) बॉलीवुड के उन अभिनेताओं में से एक हैं, जो अपने हर किरदार को पर्दे पर जीवंत कर देते हैं। फिल्मों से लेकर वेब सीरीज तक, मनोज ने अपनी एक्टिंग स्किल से फैंस को हर बार इम्प्रेस किया है। मनोज अपने अब तक के करियर में तीन 'नेशनल अवॉर्ड्स', 6 'फिल्मफेयर पुरस्कार' और दो 'एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवॉर्ड्स' अपने नाम कर चुके हैं।
2019 में 'पद्म श्री पुरस्कार' पाने वाले मनोज की कुछ सबसे बड़ी हिट फिल्मों के बारे में बात करें, तो इसमें 'बैंडिट क्वीन', 'सत्या', 'कौन', 'अक्स', 'रोड', 'एलओसी: कारगिल', 'शूल', 'पिंजर', 'राजनीति', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'स्पेशल 26' जैसी फिल्में हैं। अपने दमदार अभिनय से बड़े पर्दे पर छाने के अलावा, मनोज बाजपेयी ने 'द फैमिली मैन' सीरीज से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी तहलका मचा दिया था।
यहां हम आपको मनोज बाजपेयी की पर्सनल लाइफ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में फैंस कम ही जानते होंगे कि उन्होंने दो शादियां की हैं।
कम ही लोगों को पता होगा कि मनोज बाजपेयी ने दो शादियां की हैं। एक्ट्रेस शबाना रजा के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन एक्टर ने अपनी पहली शादी के बारे में कम ही बात की है। हालांकि, पहले हम आपको शबाना के बारे में बताते हैं, जिनसे मनोज ने अंतर-धार्मिक की थी। दरअसल, आठ साल से अधिक समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद 2006 में मनोज और शबाना ने शादी की थी।
कपल ने 2011 में अपनी बेटी अवा नायला के जन्म के साथ पैरेंटहुड अपनाया था। शबाना रजा को 'करीब', 'होगी प्यार की जीत', 'फिजा', 'राहुल' और 'आत्मा' जैसी फिल्मों में देखा गया है। फिलहाल, वह एक फिल्म निर्माता के रूप में काम करती हैं और स्क्रिप्ट तय करने में अपने पति मनोज का मार्गदर्शन करती हैं।
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'आजतक' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज बाजपेयी की पहली शादी तब हुई थी, जब वह अपने होम टाउन बेलवा (बिहार) में थे। यह एक अरेंज मैरिज थी, जिसे उनके माता-पिता राधाकांत बाजपेयी और गीता देवी ने फाइनल किया था। शादी के बाद मनोज एक्टिंग में अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई चले गए। सपनों और आकांक्षाओं के साथ मुंबई आने वाले अधिकांश महत्वाकांक्षी अभिनेताओं की तरह, मनोज को भी कई रिजेक्शन का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत और आशा नहीं छोड़ी।
उस कठिन दौर के दौरान, मनोज बाजपेयी की शादीशुदा जिंदगी में दरारें आने लगीं और कथित तौर पर आर्थिक तंगी उनके तलाक का कारण बनी। अभिनेता ने इस बारे में कभी खुलकर बात नहीं की और अपनी पहली पत्नी की पहचान और बैकग्राउंड को हमेशा सीक्रेट ही रखा है। यह वास्तव में अभिनेता के लिए एक कठिन दौर था, लेकिन उन्होंने अपने सपने की दिशा में काम करना जारी रखा। अंततः, उन्हें अपने दृढ़ संकल्प का इनाम 1994 में मिला, जब उन्होंने गोविंद निहलानी द्वारा निर्देशित फिल्म 'द्रोहकाल' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
फिल्म में उनका सिर्फ एक मिनट का रोल था, लेकिन यह शेखर कपूर का ध्यान खींचने के लिए काफी था, जिन्होंने मनोज बाजपेयी को अपनी फिल्म 'बैंडिट क्वीन' में उन्हें एक रोल दिया। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत के चार साल बाद, मनोज को बड़ा ब्रेक राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' से मिला, जिसमें उन्होंने 'भीकू म्हात्रे' का किरदार निभाया था और यह किरदार आज तक लोगों के जहन में बसा हुआ है, जो मनोज के यादगार किरदारों में से एक है।
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फिलहाल, मनोज बाजपेयी की पहली शादी टूटने के कारण के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।