By Shashwat Mishra Last Updated:
प्यार एक ऐसा शब्द है, जो लोगों की ज़िन्दगी में अचानक परिवर्तन लाने के लिए काफ़ी है। प्यार में इंसान वो सबकुछ कर जाता है, जो उसने कभी न किया हो। प्यार एक अलग मज़हब है, जिसमें सारे धर्म के लोगों को शरण मिलती है। आज इस आर्टिकल में हम उस शख़्स की प्रेम कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी एक झलक पाने को लोग बेताब रहते हैं। वो जहां जाता है, वहां पर लोगों का हुजूम ख़ुद-ब-ख़ुद इकट्ठा हो जाता है। सोशल मीडिया से लेकर देश के अख़बारों तक, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, हिन्दुस्तान से लेकर अमेरिका तक, वो किसी पहचान के मोहताज़ नहीं हैं। फ़िल्मी जगत से ताल्लुक रखने वाले इस कलाकार को किसी भी तरह का रोल मिले, ये ख़ुद को उसके हिसाब से ढ़ाल ही लेते हैं। इनका किरदार जीने का अलग ही तरीक़ा है। जब इनकी फ़िल्म रिलीज़ होती है, तो उस दिन तमिलनाडु की ज़्यादातर बाज़ारों में बंदी जैसे हालात होते हैं। पूरी जनता थियेटर्स में नज़र आती है। एक-एक सीन पर सीटी औऱ तालियां बजती रहती हैं। जश्न इस कदर होता है कि मानो कोई त्योहार हो। अब भी जो लोग समझ नहीं पाए, उन्होंने सुपरस्टार "रजनीकांत" का नाम तो सुना ही होगा। ये कहानी उन्हीं के बारे में है।
रजनीकांत की फ़िल्मी ज़िन्दगी के बारे में तो किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है। लेकिन उनकी प्रेम कहानी के बारे में उनका हर फैन जानना चाहता है। रजनीकांत और उनकी पत्नी लता रंगाचारी की लवस्टोरी शादी तक कैसे पहुंची? इस सवाल का जवाब बेहद कम लोगों को ही पता होगा।
बात साल 1980 की है, रजनीकांत 1979 में आई बॉलीवुड फ़िल्म 'गोलमाल' की तमिल रीमेक 'थिल्लू मल्लू' की शूटिंग कर रहे थे। यह फ़िल्म बालाचंदर बना रहे थे, जो कि रजनीकांत की पहली कॉमेडी फिल्म थी। इसी फ़िल्म की शूटिंग के दौरान रजनीकांत को एक इंटरव्यू के लिए पूछा जाता है। रजनीकांत मान जाते हैं औऱ इंटरव्यू देने के लिए जैसे ही आते हैं, सामने बैठी इंटरव्यूर को अपना दिल दे बैठते हैं। ये इंटरव्यू लेने आई लड़की कोई और नहीं, 'लता रंगाचारी' रहती हैं। लता, इतिराज कॉलेज की स्टूडेंट थी, जो अपने कॉलेज की मैगजीन के लिए इंटरव्यू लेने आती हैं।
इंटरव्यू ख़त्म होते-होते इसने एक उपन्यास का रूप ले लिया। अब एक दास्ताँ लिखी जाने वाली थी, जो आगे चलकर पूरी दुनिया को चौंकाने के लिए काफ़ी थी। इंटरव्यू ख़त्म होने पर रजनीकांत ने लता से कहा- 'मैं तुमसे शादी करना चाहता हूँ।' ये बात सुनकर लता शॉक्ड़ हो जाती हैं। किसी भी कॉलेज गर्ल के लिए, एक फ़िल्मी स्टार की तरफ से पहली मुलाक़ात में शादी के लिए प्रपोजल एक आश्चर्यजनक बात थी। लेकिन, फिर भी लता ने उस वक्त अपने आप को संभाला और मुस्कुराते हुए कहा- ''कोई भी बात कहने से पहले मैं इस प्रस्ताव के बारे में अपने परिवार वालों से बात करना चाहती हूँ।'' जिसके बाद बहुत ही जल्द स्वर्ग में बनी यह जोड़ी, धरती पर एक-दूसरे के बंधन में बंध गयी।
लता रंगाचारी इंग्लिश लिटरेचर की छात्रा थी। वह चेन्नई के इतिराज कॉलेज में अपनी यह पढ़ाई कर रही थी। जब वह रजनीकांत का इंटरव्यू लेने गयी, तो उस इंटरव्यू में एक बात थी जो दोनों को जोड़ रही थी, वो था बेंगलुरु से रिश्ता। जहां रजनीकांत बेंगलुरु में 'बेंगलुरु परिवहन सेवा' में एक कंडक्टर के तौर पर काम किया करते थे, तो दूसरी ओर लता का परिवार भी बेंगलुरु में ही रहता था। दोनों का बेंगलुरु से नाता होना, इंटरव्यू के दौरान दोनों के लिए सहज होने का आधार बन गया। रजनीकांत ने भी सारे सवालों के जवाब खुलेमन से दिए।
बेशक! लता ख़ुश तो थी, मगर थोड़ा ड़रा हुआ भी महसूस कर रही थी। लेकिन, एक ऐसे अभिनेता जिन्होंने अपनी पकड़ फिल्म इंडस्ट्री में बना रखी थी उनके साथ शादी करने के विचार से ही, उनका यह ड़र भी ख़त्म हो गया था। लता को रजनीकांत की विनम्रता औऱ सादगी बेहद पसंद थी। उनकी इसी बात औऱ व्यक्तित्व ने लता को उनसे बहुत ही कम समय में इश्क़ करने के लिए राज़ी कर लिया। यह प्यार समय के साथ बढ़ता गया औऱ मजबूत भी होता गया।
लता ने साल 2012 में सन टीवी के साथ हुए इंटरव्यू में बताया था- 'उन्होंने मुझे प्रपोज़ नही किया था, बल्कि सिर्फ इतना कहा था कि वह मुझसे शादी करेंगे औऱ इतना कहने के बाद वह वहां से चले गए।'
काफ़ी अजीब लगता है, जब कोई ऐसा इंसान जिसने अपनी किस्मत ख़ुद लिखी औऱ अपनी ज़िन्दगी को अपने इशारों पर चलाया हो, लेकिन वह अपनी प्रेमिका के घर वालों से मिलने में ड़र रहा हो। लता के परिवार से पहली बार मिलना मानो रजनीकांत के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। हालांकि, प्यार में यह ड़र जायज़ भी था। प्यार ने एक नायक को आशिक़ जो बना दिया था। ख़ुशकिस्मती से, रजनीकांत को जब पता चला कि लता की बहन सुधा ने तमिल फिल्म इंड़स्ट्री में किसी से शादी की है, तो रजनीकांत ने उस व्यक्ति (तमिल सिनेमा कॉमेडियन वाई जी महेंद्रन) से मदद मांगी औऱ लता के परिवार वालों से मिलने के लिए अपने साथ आने को कहा। इन सब बातों के बाद जब रजनीकांत की लता के परिवारवालों से मुलाकात हुई, तो वह मुलाकात दोनों की ज़िन्दगी को आगे बढ़ाने वाली थी। परिवारवालों की तरफ़ से शादी के लिए हरी झंडी दिखा दी गयी।
परिवार वालों की सहमति मिलने के बाद रजनीकांत औऱ लता रंगाचारी ने कुछ दिनों बाद शादी रचाने का फैसला लिया। जिसके बाद 26 फरवरी 1981 वह पावन घड़ी बनी, जिस दिन दोनों ने एक-दूसरे का हाथ थामा। लाल जोड़ा पहने लता ने, सफेद सिल्क की धोती औऱ कुर्ता पहने उस शख़्स से शादी कर ली, जिसको उससे प्यार हुआ था। जिसके साथ अब उसने सात वचनों की एक ड़ोर बाँध ली थी, औऱ उसकी ज़िन्दगी में ज़िंदगानी बनकर दाखिल हो चुकी थी। दोनों प्रेमी युगल पारम्परिक दक्षिण भारतीय शैली के अनुसार शादी के बंधन में बंध गए थे। उनकी शादी तमिलनाडु में स्थित सुप्रसिद्ध बालाजी मंदिर में संपन्न हुई।
शादी के बंधन में बंध जाने के बाद, दोनों की ज़िन्दगी अब अपने हसीं सफ़र पर निकल चुकी थी। साल 1982 में दम्पति को अपनी पहली बेटी ऐश्वर्या आशीर्वाद के रूप में मिली। जिसके जन्म लेने से दोनों ख़ुश थे। ऐश्वर्या अभी चलना ही सीख रही थी कि 1984 में रजनीकांत की दूसरी बेटी का भी जन्म हुआ, जिसका नाम उन्होंने सौंदर्या रखा। दोनों बच्चों के बड़े होने के बाद लता ने अपना भविष्य संगीत में खोज़ा, औऱ 1991 में उन्होंने ग़रीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करवाने हेतु चेन्नई में एक विद्यालय की स्थापना भी की। इन दोनों की प्रेमकहानी में एक बात है जो आज की युवा पीढ़ी को सीखना चाहिए। शादी के इतने सालों बाद भी रजनीकांत औऱ लता के बीच जो प्यार है, वो एक दूसरे के सम्मान से पनपता है। दोनों एक दूसरे के प्रति बेहद ईमानदार होने के अलावा, साथ में सपने देखने औऱ उसे पूरा करने का माद्दा भी रखते हैं। रजनीकांत के लिए लता आज भी उतनी ही अहम औऱ ख़ास हैं, जितना उन्होंने जब पहली बार लता को देखा था।
पहली नज़र वाले एक तरफ़ा प्यार से, दोनों के बीच इश्क़ तक की इस प्रेम कहानी में, रजनीकांत का लता रंगाचारी के साथ रिश्ता, पवित्रता की निशानी है। आज की युवा पीढ़ी को सोशल मिडिया की मोहब्बत से इतर, अपने जीवनसाथी की तलाश कुछ इस तरह से करनी चाहिए। जिससे उनकी लव स्टोरी भी आगे चलकर लोगों को इंस्पायर कर सके। वैसे, इस लव स्टोरी को पढ़कर आपको कैसा लगा? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।