Dara Singh Biography: बाल विवाह से Mumtaz संग अधूरी लव स्टोरी तक, जानें पहलवान के बारे में सब कुछ

पहलवान से अभिनेता बने दिवंगत स्टार दारा सिंह ने अपने 500 कुश्ती मैचों के करियर में एक भी मैच नहीं हारा है। आइए आपको इनकी लाइफ के बारे में बताते हैं।

img

By Shivakant Shukla Last Updated:

Dara Singh Biography: बाल विवाह से Mumtaz संग अधूरी लव स्टोरी तक, जानें पहलवान के बारे में सब कुछ

दीदार सिंह रंधावा, जिन्हें दारा सिंह (Dara Singh) के नाम से जाना जाता है, वह एक पहलवान से अभिनेता बने थे, जिन्होंने दोनों फील्ड में जबरदस्त प्रदर्शन किया और देश को गौरवान्वित किया। अपने शानदार रेसलिंग स्किल से दारा सिंह ने 500 मुकाबलों में विश्व प्रसिद्ध पहलवानों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। लोग उनकी कुश्ती के दीवाने थे और वे दूर देश से उनका मैच देखने जाया करते थे।

दारा सिंह ने अपने रेसलिंग करियर के अलावा कई फिल्मों में भी काम किया है। उन्होंने फिल्म 'संगदिल' से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था और बाद में वह 'पहली झलक', 'एंगल सेल्वी', 'रुस्तम-ए-बगदाद', 'जग्गा', 'आंधी और तूफान', 'सात समुंदर पार' जैसी कई फिल्मों में दिखाई दिए। 1990 के दशक में उन्होंने 'मैं मां पंजाब दी', 'गुरु गोबिंद सिंह', 'कहर', 'जुल्मी', और 'कल हो ना हो' समेत बैक-टू-बैक कई हिट फिल्में दीं।

Biography Of Actor Dara Singh

भारतीय सिनेमा के 'आयरनमैन' दारा सिंह

19 नवंबर 1928 को पंजाब के गुरदासपुर जिले में जन्मे दारा सिंह का बचपन संघर्षपूर्ण रहा। उन्हें भारतीय सिनेमा के 'आयरनमैन' के रूप में भी जाना जाता है, उन्हें एक मजबूत और सख्त पर्सनैलिटी वाला माना जाता था। हालांकि, उनकी फिट बॉडी का एक वार्म साइड (नरम पक्ष) भी था, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

Biography Of Actor Dara Singh

कुश्ती के उस्ताद और सख्त दिखने वाले दारा सिंह प्यार में पागल थे। अभिनेता का नाम बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री मुमताज के साथ जुड़ चुका है। दोनों की मुलाकात तब हुई थी, जब दारा सिंह की दूसरी फिल्म 'फौलाद' के निर्माता फिल्म के लिए अभिनेत्री की तलाश कर रहे थे।

दारा सिंह और मुमताज की लव स्टोरी

इससे पहले दारा सिंह की फिल्म 'किंग कॉन्ग' ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था और इसे काफी सराहना मिली थी, लेकिन बावजूद इसके उन्हें अपनी अगली फिल्म के लिए एक्ट्रेस ढूंढने में काफी वक्त लग गया था। हर दूसरी एक्ट्रेस ने उनके साथ फिल्में करने से यह कहकर मना कर दिया था कि वे किसी रेसलर के साथ काम नहीं करेंगी। हालांकि, नियति को कुछ और ही मंजूर था और उसी समय दारा की मुलाकात अभिनेत्री मुमताज से हुई। इस तरह, दारा सिंह को मुमताज में अपनी एक्ट्रेस मिल गई थी, जिन्होंने फिल्म में माइनर रोल ही किया था।

Biography Of Actor Dara Singh

हुआ यूं कि जब दारा सिंह अपनी अगली फिल्म के लिए एक्ट्रेस की तलाश कर रहे थे, तब मुमताज अपनी बहन के साथ सेट पर पहुंच गई थीं और जैसे ही दारा ने उन्हें देखा था, उन्होंने उन्हें (मुमताज को) अपनी फिल्म की एक्ट्रेस के रूप में चुन लिया था, इसलिए दारा सिंह ने मुमताज को अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया था और इस तरह दोनों की जोड़ी बन गई थी। दारा सिंह और मुमताज ने साल 1963 में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई फिल्म 'फौलाद' में साथ काम किया था। जब से उन्होंने इस फिल्म में काम करना शुरू किया था, तब से उनके प्यार में होने की अफवाहें उड़ने लगी थीं।

क्यों हुआ था दारा सिंह और मुमताज का ब्रेकअप?

फिल्म की शूटिंग के दौरान दारा और मुमताज ने एक-दूसरे के साथ कुछ यादगार पल शेयर किए थे। वे दोनों उस समय बॉलीवुड में चर्चा का विषय बन गए थे और लोगों ने उन्हें लवबर्ड्स मान लिया था। हालांकि, अपनी फिल्म की रिलीज़ के साथ मुमताज को पॉपुलैरिटी मिली ​और उन्होंने बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई।

Biography Of Actor Dara Singh

वह बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस बन चुकी थीं और अपने काम में काफी व्यस्त हो गई थीं। अपने बिजी वर्क शेड्यूल के चलते वह दारा सिंह से मिलने का समय ही नहीं निकाल पाती थीं। इससे दोनों के बीच दूरियां पैदा हो गई थीं और उसके बाद दोनों को कभी साथ नहीं देखा गया। मुमताज के साथ अपनी असफल प्रेम कहानी के बाद दारा सिंह टूटकर बिखर गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दारा सिंह ने एक बार कहा था, 'बॉलीवुड ने मुमताज को मुझसे छीन लिया।' 

दारा सिंह ने की थीं दो शादियां

14 साल की छोटी सी उम्र में दारा सिंह के परिवार ने उनकी पहली शादी तय कर दी थी। 1937 में उनकी शादी बचनो कौर से हुई थी, जो उनसे उम्र में काफी बड़ी थीं। इतना ही नहीं, जब वह नाबालिग थे, तब वह पिता भी बन गए थे। हालांकि, शादी के दस साल बाद दोनों अलग हो गए थे।

Biography Of Actor Dara Singh

बाद में साल 1961 में दारा सिंह ने सुरजीत कौर से दूसरी शादी की थी। उन दिनों वे चौकीदार का काम करते थे। दोनों का वैवाहिक जीवन सुखमय था और उनके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं, जिनमें से एक अभिनेता विंदू दारा सिंह हैं।

Biography Of Actor Dara Singh

दारा सिंह का कुश्ती प्रेम

दारा सिंह के माता-पिता ने बहुत कम उम्र में ही उन्हें खेतों में काम करने के लिए स्कूल जाने से मना कर दिया था। हालांकि, उचित शिक्षा न होने के कारण दारा सिंह ने कुश्ती की ओर अपना मन लगा लिया था और वह अक्सर अपने गांव में गैर-प्रोफेशनल कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे। 1947 में दारा सिंह सिंगापुर गए और एक ड्रम निर्माण मिल में छोटे-मोटे काम किए। हालांकि, दारा सिंह के जीवन में मोड़ तब आया, जब वह अपने गुरु हरनाम सिंह से मिले, जिन्होंने 6 फुट 2 इंच लंबे दारा को कुश्ती में दीक्षा दी थी।

Biography Of Actor Dara Singh

उन दिनों, दारा सिंह ने एक हेल्दी डाइट का सेवन करके अपने शरीर को मजबूत बनाए रखा, जिसमें दूध, घर का बना मक्खन, बादाम और चिकन सूप शामिल था। उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प ने उन्हें कई पुरस्कार जीतने के लिए प्रेरित किया। 1954 में दारा सिंह ने पहलवान टाइगर जोगिंदर सिंह को हराकर 'रुस्तम-ए-हिंद' का खिताब जीता था और 1959 में 'राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप' भी जीती थी।

उसके बाद दारा सिंह प्रोफेशनल रेसलिंग में चले गए थे। अपने करियर में दारा सिंह ने कई चैंपियनशिप जीती थीं और 1956 में मशहूर ऑस्ट्रेलियाई पहलवान किंग कांग और 1968 में विश्व चैंपियन अमेरिकी पहलवान लू थेज़ जैसे कई अंतरराष्ट्रीय पहलवानों को हराया था।

दारा सिंह एक अभिनेता के रूप में

अपनी मस्कुलर फिजीक और पॉपुलैरिटी की वजह से दारा सिंह को बॉलीवुड में ब्रेक मिल गया था। पहलवान ने सबसे पहले एक्शन हीरो की भूमिका निभाई थी और भारत के पहले 'ही-मैन' बन गए थे। उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1952 में दिलीप कुमार और मधुबाला की फिल्म 'संगदिल' में सहायक भूमिका के साथ की थी।

Biography Of Actor Dara Singh

रामानंद सांगर की 'रामायण' के किरदारों के रियल लाइफ पार्टनर के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।

दारा सिंह का अभिनय करियर

बॉलीवुड में अपने करियर के शुरुआती बीस सालों तक दारा सिंह ने एक्शन हीरो की भूमिकाएं निभाई थीं। 'रुस्तम-ए-बगदाद' (1963) से लेकर 'फौलाद' (1963), 'हरक्यूलिस' (1964) और 'बॉक्सर' (1965) तक, दारा सिंह ने अपने दमदार अभिनय से लाखों दिल जीते थे।

अनगिनत फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाने के बाद दारा सिंह ने गियर को थोड़ा बदलने की कोशिश की। साल 1970 में उन्होंने खुद को फिर से स्थापित करने का प्रयास किया, क्योंकि उन्होंने फिल्म 'नानक दुखिया सब संसार' का निर्देशन किया और इसमें अभिनय भी किया था, जो भारत की विभाजन त्रासदी के इर्द-गिर्द घूमती थी।

इसके अलावा, दारा सिंह ने 'हद कर दी' और 'क्या होगा निम्मो का' जैसे टीवी शोज में भी काम किया था। हालांकि, जिस टीवी कैरेक्टर ने उन्हें सेंसेशन बनाया था, वह 1987-88 में दूरदर्शन पर रामानंद सागर की 'रामायण' में भगवान हनुमान का किरदार था।

Biography Of Actor Dara Singh

इसके अलावा, दारा सिंह ने राज कपूर की 'मेरा नाम जोकर' (1970), 'अजूबा' (1991), 'दिल्लगी' (1999) और 'कल हो ना हो' (2003) जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में स्पेशल किरदार निभाया है। उनकी आखिरी बॉलीवुड फिल्म 2006 की ब्लॉकबस्टर 'जब वी मेट' थी, जिसमें उन्होंने करीना कपूर के दादा की भूमिका निभाई थी।

दारा सिंह एक राजनेता के रूप में

पहलवान से अभिनेता बने दारा सिंह ने राजनीति में भी हिस्सा लिया था। वह 1998 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए थे और स्पोर्ट्स कैटेगरी से राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामित होने वाले पहले व्यक्ति बने थे। वह वर्ष 2003 से 2009 तक राज्यसभा सांसद रहे थे। वे 'अखिल भारतीय जाट समाज' और 'बॉम्बे जाट समाज' के अध्यक्ष भी रह चुके थे।

Biography Of Actor Dara Singh

दारा सिंह की मौत के दस साल

दारा सिंह का मानना था कि काम करते रहना चाहिए, नहीं तो तुम बूढ़े हो जाओगे। वह संतुष्ट थे कि उन्होंने यह सब काफी हद तक किया था। हालांकि, दारा सिंह ने 1983 में कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी। साल 2012 में पहलवान से अभिनेता बने राजनेता का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था और उनकी मृत्यु के छह साल बाद दारा सिंह को 2018 में 'वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट' के 'हॉल ऑफ फ़ेम' में शामिल किया गया था।

Biography Of Actor Dara Singh

रामायण की 'मंथरा' ललिता पवार की लव लाइफ के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।

फिलहाल, जहां अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में दारा सिंह की लकीर बेदाग है और कोई भी इसे तोड़ नहीं पाया है। वहीं, फिल्मी दुनिया में भी उन्होंने अपना नाम अमर कर दिया है। तो आपको उनके बारे में ये जानकारी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। 

BollywoodShaadis