By Pooja Shripal Last Updated:
भारत की 'स्वर कोकिला' यानी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए हजारों गानों की बदौलत वह अब भी फैंस के दिलों में बसती हैं। सिर्फ एक गायिका के रूप में ही नहीं, लता मंगेशकर ने अपने विनम्र स्वभाव से भी लोगों का दिल जीता है। हालांकि, उनके फैंस का दिल तब टूट गया था, जब 6 फरवरी 2022 को 92 वर्ष की आयु में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
'News18' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिवंगत महान गायिका लता मंगेशकर के परिवार ने उनकी वसीयत में लिखी उनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए तिरुपति मंदिर में 10 लाख रुपए दान किए हैं। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के बोर्ड सदस्य को संबोधित एक आधिकारिक पत्र में लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर ने मंगेशकर परिवार की ओर से दान देने का अनुरोध किया। दरअसल, लता मंगेशकर के मन में भगवान वेंकटेश्वर के प्रति गहरी श्रद्धा थी और उन्होंने तिरुपति ट्रस्ट के दरबारी संगीतकार के रूप में भी काम किया था।
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जुलाई 2022 में लता मंगेशकर के परिवार के सदस्यों ने गायिका के 'स्वर मौली फाउंडेशन' की स्थापना के सपने को पूरा किया था, जो एक गैर सरकारी संगठन और एक वृद्धाश्रम होगा। जरूरतमंदों के लिए आवासीय सुविधाओं के अलावा, फाउंडेशन उन बच्चों और युवाओं को भी मदद प्रदान करेगा, जो सिंगिंग, डांसिंग और एक्टिंग सहित प्रदर्शन कला के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।
फाउंडेशन के बारे में मंगेशकर फैमिली की ओर से जारी किए गए नोट में लिखा गया था, “स्वर मौली भारत की स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो संगीत और प्रदर्शन कला, सिनेमा और थिएटर के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एक 'वृद्धाश्रम' है। इस फाउंडेशन का 'मुख्य लक्ष्य' वृद्धाश्रम के निर्माण की 'प्रक्रिया' शुरू करना है, मुख्य रूप से उन कलाकारों के लिए, जो अपनी जिंदगी की जद्दोजहद में अपने सपनों को मजबूरन छोड़ देते हैं। 'स्वर मौली फाउंडेशन' एक धर्मनिरपेक्ष और गैर-लाभकारी संगठन है।"
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लता मंगेशकर अपनी शर्तों पर जीने वाली गायिका थीं, जिन्होंने हमेशा अपने दिल की सुनी और अपने बनाए सिद्धांतों पर कायम रहीं। उन्होंने कभी भी शादी और पार्टी में गाना नहीं गाया। इस बारे में उनकी बहन और गायिका आशा भोसले ने अप्रैल 2022 में मुंबई में पहले 'लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह' में बात की थी।
उन्होंने कहा था, “किसी ने हमें शादी के लिए बुलाया था। उनके पास मिलियन डॉलर या पाउंड की कीमत के टिकट थे। उन्होंने कहा कि वे आशा भोसले और लता मंगेशकर से सिंगिंग कराना चाहते हैं। दीदी ने मुझसे पूछा 'क्या तुम शादी में गाओगी?' मैंने कहा कि मैं नहीं गाऊंगी और फिर उन्होंने उस प्रतिनिधि से कहा, 'अगर आप 10 करोड़ डॉलर की पेशकश करेंगे, तो भी हम नहीं गाएंगे, क्योंकि हम शादियों में नहीं गाते हैं।' यह सुनकर वह व्यक्ति बहुत निराश हो गया था।”
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फिलहाल, लता मंगेशकर के परिवार द्वारा तिरुपति मंदिर को इतनी बड़ी राशि दान करने के बारे में आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।