By Pooja Shripal Last Updated:
दिवंगत दिग्गज एक्ट्रेस ललिता पवार (Lalita Pawar) ने हिंदी सिनेमा में बतौर लीड एक्ट्रेस अपनी शानदार शुरुआत की थी। हालांकि, बाद में उनकी लाइफ में एक ऐसा मोड आया कि वह सिर्फ एक सपोर्टिंग स्टार बनकर रह गईं। अपने जीवन में उन्होंने एक से बढ़कर एक निगेटिव किरदार निभाए हैं, जिन्हें देखकर ऑडियंस को नफरत हो जाए।
उनके द्वारा निभाए गए इन्हीं बेहतरीन किरदारों में से एक है, रामानंद सागर की 'रामायण' में निभाया गया 'मंथरा' का रोल, जिसे देखकर आज भी लगता है कि भगवान राम के युग में जो मंथरा रही होंगी, वह बिल्कुल ललिता पवार की जैसी ही होंगी। खैर, उनका निजी जीवन किसी रोलर-कोस्टर की सवारी से कम नहीं रहा। अपनी प्रोफेशनल लाइफ में सफलता के शिखर को छूने वाली ललिता पवार की जिंदगी में एक समय वह भी आया, जब उनकी शादीशुदा लाइफ को उनकी छोटी बहन ने ही बर्बाद कर दिया।
ललिता पवार ने महज 9 साल की उम्र में एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। 18 अप्रैल 1916 को जन्मीं ललिता पवार का असली नाम 'अंबा लक्ष्मण राव' था, जिसे बाद में बदलकर उन्होंने ललिता पवार रख लिया था। इसी नाम ने उन्हें सिनेमा जगत में एक खास पहचान दिलाई। ललिता की पहली फिल्म 'राजा हरिश्चंद्र' थी, जिसका निर्देशन वाई.डी सरपोतदर ने किया था। वैसे तो यह फिल्म एक साइलेंट मूवी थी, लेकिन फिल्म में किए गए ललिता के काम को हर किसी ने खूब सराहा और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
ललिता अपने जमाने की खूबसूरत एक्ट्रेस रही हैं, जो फिल्मों में लीड रोल किया करती थीं, लेकिन फिल्म 'जंग-ए-आज़ादी' के एक थप्पड़ मारने वाले सीन में उनके को-एक्टर भगवान दादा ने ललिता को इतनी जोर से थप्पड़ जड़ दिया था कि उनके कानों से खून बहने लगा था। इससे उनकी दाहिनी आंख की नस फट गई थी और नतीजा ये हुआ था कि उनके चेहरे की एक साइड पैरालाइज हो गई और आंख भी खराब हो गई, जिसकी वजह से उन्हें लीड रोल मिलने बंद हो गए थे।
हालांकि, ललिता पवार ने हार नहीं मानी और बतौर सपोर्टिंग एक्ट्रेस जबरदस्त कमबैक किया। उन्हें सख्त और डोमिनेटिंग सास के रोल मिलने लगे, जिन्हें उन्होंने इतनी शिद्दत से निभाए कि उनकी छवि 'बेस्ट विलेन' की बन गई। ये उनके निगेटिव किरदार ही थे, जिनकी वजह से उन्हें रामानंद सागर की 'रामायण' में 'मंथरा' का आइकॉनिक रोल मिला, जिसे उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से अमर बना दिया।
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एक ओर जहां ललिता की प्रोफेशनल लाइफ सफलता से भरी रही, वहीं उनकी पर्सनल लाइफ काफी मुश्किल रही। 1930 के दशक के बीच में ललिता पवार ने फिल्म निर्माता गणपतराव के साथ शादी की थी। हालांकि, उनकी खुशहाल जिंदगी में तब ग्रहण लग गया, जब ललिता को पति गणपतराव के एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर का पता चला। हालांकि, ललिता की खुशियों को छीनने वाली कोई और नहीं, बल्कि उनकी अपनी छोटी बहन थी।
जैसे ही ललिता को इस बात की खबर लगी, उन्होंने अपने पति को तलाक दे दिया। इसके बाद उनके जीवन में दोबारा प्यार की एंट्री हुई और उन्होंने राजकुमार गुप्ता से दूसरी शादी की। पेशे से वह भी फिल्म मेकर ही थे। इस शादी से उन्हें एक बेटा जय पवार है, जो एक प्रोड्यूसर हैं।
दूसरी शादी के कुछ सालों बाद उन्हें मुंह का कैंसर हो गया था, जिसके बाद वह पुणे में शिफ्ट हो गई थीं। 24 फरवरी 1998 को ललिता पवार ने अपने पुणे स्थित घर में अंतिम सांस ली थी। हालांकि, उनके घरवालों को उनकी मौत का पता तीन दिन बाद चला था।
ललिता पवार ने महज 9 साल की उम्र में अभिनय करना शुरू कर दिया था। मेन लीड से सौतेली मां और मंथरा तक, उन्होंने अपने जीवन में कई यादगार किरदार निभाए हैं। ये उनकी बेमिसाल एक्टिंग और अभिनय में उनका अमूल्य योगदान ही था, जिसके लिए उन्हें 1961 में भारतीय सिनेमा की पहली महिला के रूप में भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया था। इसके अलावा, उन्हें ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म 'अनाड़ी' में उनके प्रदर्शन के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का 'फिल्मफेयर अवॉर्ड' भी मिला था।
ललिता पवार ने अपने सालों के लंबे करियर में कई यादगार फिल्मों और टीवी सीरियल्स में काम किया है। उनकी कुछ बेहतरीन फिल्मों में 'श्री 420', 'दहेज', 'नेताजी पालकर' और 'अनाड़ी' जैसी मूवी शामिल हैं। महेश भट्ट और परवीन बॉबी की दुखभरी प्रेम कहानी जान आंखों में आ जाएंगे आंसू, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
खैर, ये तो सभी जानते हैं कि फिल्मी दुनिया दूर से देखने पर जितनी शानदार और चकाचौंध भरी लगती है, अंदर से यह उतनी ही अंधेरे से भरी हुई है। ग्लैमर की दुनिया को एक तरह का दलदल भी कहा जाता है, जिसमें अगर कोई फंस जाए, तो उससे बाहर निकलना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि, अगर कोई एक्टर सफल हो जाए, तो शायद उसकी लाइफ थोड़ी आसान हो जाती है, अन्यथा जीवन गुमनामी के अंधेरे में खोकर रह जाता है। कुछ स्टार्स तो ऐसे भी रहे हैं, जिन्हें अंत समय में अपने परिवार का साथ तक नसीब नहीं हुआ। ललिता पवार भी उनमें से एक रही हैं।
फिलहाल, ललिता पवार की लाइफ के बारे में आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।