पिता जगदीप जाफरी को याद कर भावुक हुए जावेद, सोशल मीडिया पर लिखा इमोशनल नोट

बॉलीवुड के फेमस कॉमेडियन और फिल्म 'शोले' में 'सूरमा भोपाली' के किरदार से मशहूर जगदीप जाफरी (Jagdeep jaffrey) के निधन के बाद बेटे जावेद जाफरी (Javed Jafri) ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक इमोशनल नोट लिखा है। तो आइए देखें।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

पिता जगदीप जाफरी को याद कर भावुक हुए जावेद, सोशल मीडिया पर लिखा इमोशनल नोट

बॉलीवुड के फेमस कॉमेडियन और फिल्म 'शोले' में 'सूरमा भोपाली' के किरदार से मशहूर जगदीप जाफरी (Jagdeep jaffrey) का 8 जुलाई को मुंबई में निधन हो गया था। जिसके बाद से ही उनके परिवार समेत पूरी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। अपने पिता के निधन के पांच दिन बाद अब बेटे जावेद जाफरी (Javed Jafri) ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक इमोशनल नोट लिखा है। 

जावेद जाफरी ने 13 जुलाई की रात अपने ट्विटर अकांउट पर ये नोट शेयर किया। इस नोट में उन्होंने लिखा, "मेरे पिता के निधन के दुख को जिन लोगों को पूरे प्रेम, पछतावे और सराहना के साथ बांटा उनका मैं तहे दिल से धन्यवाद करता हूं। इतना प्यार..इतनी इज्जत..इतनी दुआएं..?? यही तो है 70 सालों की असली कमाई।

10 से 81 तक उनका जीना सिर्फ फिल्मों के लिए था। 7 साल की उम्र में अपने पिता को खो देने के बाद और इस उम्र में विभाजन के चलते सारी अच्छी चीजें खो देने के बाद, मुंबई की सड़कों पर गरीबी के साथ गुजारा करना आसन नहीं था। जैसे एक 8 साल के बच्चे को उसकी मां के साथ समुद्र में फेंक दिया हो और उन्हें या तो डूबना था या तो तैरना था। छोटी फैक्ट्रियों में काम करने से लेकर पतंग बनाने तक, साबुन बेचने और एक मालिशवाले के साथ उसके तेल का डब्बा थम कर 'मालिश तेल मालिश' चिल्लाते हुए चलने तक। 10 साल की उम्र में मंजिल ने उन्हें सिनेमा से मिलकर अंधेरे गुफे में रोशनी से मिलाया।''

आगे उन्होंने लिखा, ''बीआर चोपड़ा साहब की पहली फिल्म 'अफसाना' (49 में शूट हुई लेकिन 51 में रिलीज हुई) से शुरू हुई जो आगे कई मीलों तक चली और फिर पीछे पलटना नहीं था। बिमल रॉय, गुरु दत्त, महबूब खान और के आसिफ उनके आदर्श थे। हिंदी सिनेमा में एक कमाल की टाइमिंग के हास्य कलाकार, उन्होंने कभी भी मनोरंजन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। (ये भी पढ़ें: 27 सालों से अलग रह रहे हैं अलका याग्निक और नीरज कपूर, फिर भी प्यार है बेमिसाल)  

दिलीप कुमार, गुरु दत्त, बलराज साहनी किशोर कुमार, सुनील दत्त, अशोक कुमार जॉनी वॉकर, मेहमूद, हेलेन, नंदा, राजकपूर, देव आनंद, शालीन कपूर, लीला मिश्रा, अरुणा ईरानी, कन्हैया लाल, जीवनलाल, फ़िरोज़ान, फ़िरोज़ान, फ़िरोज़ान, फ़रहान , अनिल कपूर, ऋषि कपूर, राजश्री प्रोडक्शन, सुभाषजी, सलीम-जावेद नसीरुद्दीन शाह, ओमपुरी, अमरीश पुरी, डैनी, आरके संतोशी, इंद्रकवि श्रीदेवी, माधुरी, एसआरके, आमिर, सलमान जैसे एक्टर-डायरेक्टर हमेशा उनकी तारीफ करते।''

आगे उन्होंने लिखा, ''आजकल लीजेंड शब्द बड़ी ही आसानी से कह दिया जाता है लेकिन इनके केस में वो इसके सही हकदार थे। मेरे पिता ने मुझे जिंदगी का पाठ पढ़ाया, गरीबी की सीख दी और लगन से काम करने का महत्त्व सिखाया ताकि काम को बेहतरीन ढंग से किया जा सके। हमेशा मुस्कुराते और प्रेरणा भरे शब्दों के साथ मुझे याद दिलाते कि असली सफलता इससे मिलती है कि इंसान क्या किया है और इस बात से नहीं कि उसके पास क्या है और ओ क्या जानता है।''

अंत में उन्होंने लिखा, ''क्या सफर था, हिंदुस्तान के लोगों को दो चीजों से बहुत लगाव था, एक है मां दूसरा सिनेमा। मेरे पिता को भी दोनों से बेहद लगाव था। मैं अपने पसंदीदा दोहे के साथ समाप्त करना चाहूंगा, जिसे उनकी मां ने सख्त रुख के साथ लिखा था और जिसे वह लगातार याद करते थे- ''वो मंज़िल क्या, जो आसनी से तय हो, वो राही क्या, जो थक कर बैठ जाए।''  मगर अफसोस जिंदगी कभी कभी थक कर बैठने पर मजबूर कर देती है। हौंसला बुलंद होता है पर जिस्म साथ नहीं देता। उस व्यक्ति के लिए जिन्हें मैं 'पापा' कहकर पुकारता था और दुनिया अलग-अलग अवतार से जानती है... सलाम!!! आपका नाम सूरमा भोपाली ऐसे नहीं था!!" (ये भी पढ़ें: जगदीप जाफरी ने मुंबई की सड़कों पर बेचे थे कंघे, की थी 3 शाद‍ियां, कुछ ऐसी है पर्सनल लाइफ)  

बता दें कि जगदीप जाफरी ने तीन शादियां की थी और उनके छह बच्चे हैं। जिनमें जावेद जाफरी भारतीय सिनेमा के जाने माने अभिनेता डांसर और कॉमेडियन हैं।

तो इन्हीं शब्दों के माध्यम से जावेद जाफरी ने अपने पिता जगदीप जाफरी को याद करते हुए ये इमोशनल नोट लिखा है। इस नोट में जावेद ने अपने पिता के पूरे जीवन को दर्शाया है। हम भी जगदीप जाफरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। 

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