By Pooja Shripal Last Updated:
पूरे देशभर में ऐसे कई महल, घर और पैलेस हैं, जो अपनी शानदार वास्तुकला और बेहतरीन डिजाइन्स के लिए जाने जाते हैं, उन्हीं में से एक इंडियन बिजनेसमैन मुकेश अंबानी का 27 मंजिला शानदार घर 'एंटीलिया' भी है। रिपोर्ट्स के मानें, तो मुकेश का यह घर दुनिया का सबसे महंगा निजी आवास है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत के सबसे बड़े निजी आवास का सम्मान शाही 'लक्ष्मी विलास पैलेस' (Laxmi Vilas Palace) को जाता है, जिसे बड़ौदा के गायकवाड़ ने बनवाया था।
'डीएनए' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'लक्ष्मी विलास पैलेस' देश का सबसे बड़ा निजी आवास है, जो वडोदरा में स्थित है। हम आपको लक्ष्मी विलास पैलेस के बारे में विस्तार से बताएं, इससे पहले बड़ौदा के गायकवाड़ की जड़ों और बैकग्राउंड के बारे में जान लेते हैं।
गायकवाड एक हिंदू मराठा राजवंश थे, जिन्होंने मराठा साम्राज्य और बाद में पश्चिमी भारत में बड़ौदा रियासत पर अधिकार किया था। 18वीं शताब्दी की शुरुआत से 1947 तक, उन्होंने बड़ौदा के महाराजा गायकवाड़ के रूप में शासन किया था। वे ब्रिटिश भारत के साथ-साथ सबसे बड़ी और सबसे समृद्ध रियासतों में से थे। उनकी संपत्ति कपास उद्योग और चावल, गेहूं व चीनी के उत्पादन जैसी चीजों के उद्योग से आती थी। उनके प्रभाव और समृद्धि ने इस क्षेत्र के इतिहास पर एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है।
भले ही देश को आजादी मिलने के बाद भारत सरकार ने राजशाही व्यवस्था खत्म कर दी हो, लेकिन बड़ौदा के गायकवाड़ वडोदरा के लोगों के दिलों में अब भी एक विशेष स्थान रखते हैं। शाही परिवार के वर्तमान मुखिया समरजीतसिंह गायकवाड़ हैं, जिनका विवाह राधिकाराजे गायकवाड़ से हुआ है। वडोदरा के स्थानीय लोग आज भी गायकवाड़ राजवंश के प्रति गहरा सम्मान रखते हैं और उनके ऐतिहासिक महत्व व सांस्कृतिक विरासत की भी रिस्पेक्ट करते हैं।
'हाउसिंग डॉट कॉम' पर दी गई जानकारी के अनुसार, लक्ष्मी विलास पैलेस 3,04,92,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला है। कथित तौर पर इस आलीशान संपत्ति में 170 से अधिक शाही कमरे हैं। वही, लंदन का बकिंघम पैलेस 828,821 वर्ग फुट में फैला है, जो लक्ष्मी विलास पैलेस से लगभग चार गुना छोटा है। मुकेश अंबानी यूके स्थित 592 करोड़ रुपए के स्टोक पॉर्क के हैं मालिक, तस्वीरें देखने के लिए यहां क्लिक करें।
बात करें मुकेश अंबानी के घर 'एंटीलिया' की, तो यह 48,780 वर्ग फुट में फैला हुआ है। ऐसे में ये सभी आंकड़े आवास के आकार और कमरों की संख्या के आधार पर लक्ष्मी विलास पैलेस की भव्यता और विशालता को बयां करने के लिए काफी हैं।
महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ III ने 1890 में भव्य लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण शुरू कराया था। रिपोर्टों के अनुसार, इसे लगभग 180,000 ब्रिटिश पाउंड स्टर्लिंग (GBP) की निर्माण लागत के साथ बनाया गया था। अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध इस महल में एक गोल्फ कोर्स भी है, जो इसकी भव्यता को बढ़ाता है और इसमें आने वाले मेहमानों को एंटरटेनमेंट की सुविधा देता है।
लक्ष्मी विलास पैलेस के दरबार हॉल में शानदार वेनिस मोज़ेक फर्श है, जो इसकी भव्यता को बढ़ाने का काम करता है। दरबार के पास एक शानदार बगीचा फैला हुआ है, जो शानदार फाउंटेन से सजा हुआ है। यह महल प्राचीन शस्त्रागारों और मूर्तियों के प्रभावशाली कलेक्शन को भी संजोए हुए है, जो इसकी समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करता है।
इसके अलावा, लक्ष्मी विलास पैलेस में 'एलवीपी' बैंक्वेट्स और सम्मेलनों, 'मोती बाग पैलेस' व 'महाराजा फतेह सिंह म्यूजियम' भी है, जो एक सांस्कृतिक और कार्यक्रम स्थल के रूप में इसके आकर्षण को और बढ़ाता है।
लक्ष्मी विलास पैलेस की शानदार भव्यता से बॉलीवुड भी अछूता नहीं रहा है। यही वजह है कि इस पैलेस में 'प्रेम रोग', 'दिल ही तो है', 'ग्रैंड मस्ती' और 'सरदार गब्बर सिंह' जैसी फिल्मों की शूटिंग हुई है।
लक्ष्मी विलास पैलेस परिसर के भीतर स्थित 'महाराजा फतेह सिंह संग्रहालय' में प्रसिद्ध कलाकार राजा रवि वर्मा की दुर्लभ पेंटिंग का एक बेहतरीन कलेक्शन भी है। इसके अलावा, महल परिसर में मोती बाग क्रिकेट ग्राउंड भी शामिल है, जो स्विमिंग पूल, क्लब हाउस, व्यायामशाला और गोल्फ कोर्स जैसी कई मनोरंजक सुविधाएं प्रदान करता है। ये सुविधाएं महल की संपत्ति के शानदार और आरामदायक माहौल को बढ़ाने का काम करती हैं।
खैर, हमें लक्ष्मी विलास पैलेस बहुत अच्छा लगा, जो भारत का सबसे बड़ा निजी निवास है। इस बारे में आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।