गुजरात के हीरा व्यापारी की 9 साल की बेटी बनी 'संन्यासी', अरबों की संपत्ति ठुकराकर ली 'दीक्षा'

हाल ही में, गुजरात के एक हीरा कारोबारी धनेश संघवी की 9 साल की बेटी देवांशी ने संन्यास ग्रहण किया है, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं। आइए आपको दिखाते हैं।

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By Pooja Shripal Last Updated:

गुजरात के हीरा व्यापारी की 9 साल की बेटी बनी 'संन्यासी', अरबों की संपत्ति ठुकराकर ली 'दीक्षा'

9 Year Old Devanshi Embraces Monkhood: इस भौतिकवादी युग में जब हर किसी के मन में बड़ी गाड़ी, बड़ा घर और सभी सुख-सुविधाओं की इच्छा होती है, ऐसे में संन्यास ग्रहण करना और जीवन की सभी भौतिक सुख-सुविधाओं को त्यागना बेहद कठिन होता है। ऐश-ओ-आराम की जिंदगी को त्यागने के बारे में सोचना भी बहुत मुश्किल लगता है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें संसार की इन सुख-सुविधाओं का कोई मोह नहीं होता है और जो संन्यासी बनकर सुकून की जिंदगी बिताना चाहते हैं। हाल ही में ऐसा हुआ है। दरअसल, गुजरात के एक हीरा व्यापारी की नौ साल की बेटी ने अरबों की संपत्ति को ठुकराकर संन्यास ग्रहण किया है।

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गुजरात के हीरा व्यापारी की 9 साल की बेटी बनी संन्यासी

बता दें कि 9 साल की इस कन्या का नाम देवांशी (Devanshi) है, जो गुजरात के हीरा व्यापारी धनेश संघवी (Dhanesh Sanghvi) की बेटी है। 15 जनवरी 2023 को देवांशी का संन्यास ग्रहण का समारोह शुरू हुआ। इसके बाद 17 जनवरी 2023 को भिक्षु बनने से एक दिन पहले, गुजरात के सूरत में ऊंटों, हाथियों, घोड़ों और अन्य शानदार व्यवस्थाओं के साथ एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। बाद में, देवांशी ने सूरत के वेसु इलाके में एक जैन मुनि आचार्य विजय कीर्तियशसूरि और सैकड़ों अन्य लोगों की उपस्थिति में दीक्षा ली। इसके बाद वह अन्य साधुओं के साथ करीब 700 किलोमीटर पैदल भी चलीं। 

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गुजरात के नामी हीरा व्यापारी हैं देवांशी के पिता

'टीओआई' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देवांशी के पिता धनेश संघवी गुजरात के एक बड़े हीरा व्यापारी हैं। यह परिवार गुजरात में तीन दशक पुरानी डायमंड पॉलिशिंग और एक्सपोर्ट फर्म 'संघवी एंड संस' का मालिक है। संघवी के एक पारिवारिक मित्र नीरव शाह ने कहा, "आज, उन्हें (देवांशी) एक समारोह में 'दीक्षा' दी गई थी। संघवी की दो बेटियां हैं - देवांशी बड़ी हैं और उनकी चार साल की बहन है। देवांशी में बचपन से ही धार्मिक झुकाव था। उन्होंने बहुत कम उम्र से तपस्वी जीवन का पालन किया है। देवांशी ने 'दीक्षा' लेने से एक दिन पहले मंगलवार को शहर में धूमधाम से एक धार्मिक जुलूस निकाला।''

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देवांशी ने बचपन से ही जिया है सादा जीवन

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, देवांशी बचपन से ही अपने माता-पिता की तरह एक साधारण जीवन जी रही हैं। इसके अलावा, उनका बचपन से ही आध्यात्मिक जीवन की ओर झुकाव रहा है। वह परिवार के अन्य सदस्यों की तरह दिन में तीन बार प्रार्थना करती थीं और 367 दीक्षा कार्यक्रमों का भी हिस्सा रही हैं। परिवार के एक करीबी सूत्र ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया कि देवांशी ने न तो टीवी या फिल्में देखी हैं और न ही वह किसी रेस्तरां या अन्य शादियों में गई हैं। सूत्र ने कहा, "एक विशाल व्यवसाय सेट-अप के मालिक होने के बावजूद, परिवार एक साधारण जीवन जीता है। देवांशी ने कभी टीवी या फिल्में नहीं देखीं और कभी भी रेस्तरां या विवाह में शामिल नहीं हुईं। उन्होंने अब तक 367 दीक्षा कार्यक्रमों में भाग लिया है।"

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वैसे, देवांशी के संन्यासी बनने के फैसले के बारे में आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

(Picture Credit: Instagram)
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