अर्चना पूरन सिंह की लव लाइफ: मर्दों से नफरत करने वाली एक्ट्रेस ऐसे हुई पति परमीत की दीवानी

अर्चना पूरन सिंह और परमीत सेठी का लव फर्स्ट साइट वाला है। कभी मर्दों से नफरत करती थीं अर्चना, लेकिन परमित के अचानक मिलते ही वो कैसे उन पर फिदा हो गईं, आइए आपको बताएं।

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By Ritu Singh Last Updated:

अर्चना पूरन सिंह की लव लाइफ: मर्दों से नफरत करने वाली एक्ट्रेस ऐसे हुई पति परमीत की दीवानी

बॉलीवुड एक्ट्रेस अर्चना पूरन सिंह (Archana Puran Singh) और परमीत सेठी (Parmeet Sethi) की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी में हुई थी। एक तरफ अर्चना अपनी पहली शादी टूटने से दुखी थीं, तो उधर परमीत भी सहारे की तलाश में थे। जब ये पार्टी में एक दूसरे से पहली बार मिले तो दोनों ने एक-दूसरे से कुछ देर बात की और फिर फ्लर्टिंग शुरू हो गई। पार्टी में ही दोनों ने महसूस किया कि इनकी ट्यूनिंग मैच करती है। पहली नजर में एक दूसरे के प्रति आकर्षण कुछ इस कदर गहरा हुआ कि दोनों ने एक-दूसरे के साथ पूरी जिंदगी गुजारने का फैसला भी कर लिया। हालांकि, ये सफर इतना आसान इस कपल के लिए नहीं था। जीवन की दुश्वारियां और परिवार से मनमुटाव के बावजूद इस कपल ने शादी की और एक-दूसरे के साथ बहुत खुशहाल जिंदगी बिता रहे हैं। इस कपल की लव स्टोरी के कुछ रोचक पल हम यहां आपके लिए लाए हैं, तो चलिए इनकी जिंदगी के इस पन्ने को पलटते हैं।

अर्चना और परमीत ने फर्श से अर्श तक का सफर साथ-साथ तय किया। वो चाहे साढ़े पांच सौ रुपये की ड्रेस खरीदने की बात रही हो या मुंबई में एक बड़ा घर लेने की, दोनों ने बेहद समझदारी से एक-दूसरे की सलाह पर काम किया है। एक बार परमीत ने बताया था कि अर्चना की वो कौन सी खास बात थी, जिस पर वह मर मिटे थे। इसके जवाब में उन्होंने बताया था कि, “मेरे लिए ये पहली नजर वाला प्यार था। अर्चना की खूबसूरती और उनके अंदाज ने मुझे बोल्ड कर दिया था। अर्चना के स्वभाव और उनके नेचर से मैं बेहद प्रभावित हुआ था।” (इसे भी पढ़ें: इन बॉलीवुड कपल्स के बीच है उम्र का लंबा अंतर, लेकिन प्यार के आगे नहीं की ऐज की परवाह)

वहीं इस मामले में अर्चना ने कहा था, “मुझे परमीत का स्वभाव काफी अलग सा लगा। वह एक ही समय में नरम और रूखा, दोनों तरह का व्यवहार कर सकते हैं। मुझे याद है जब मैं पहली बार उनसे एक पार्टी में मिली थी, तो मैं मैग्जीन पढ़ रही थी और उन्होंने अचानक उसे मेरे हाथ से खींच लिया और उसे किसी और को दिखाने लगे, और यहां तक कि उन्होंने मुझसे पूछना भी जरूरी नहीं समझा। इससे मुझे लगा कि वह थोड़ा रूखे स्वभाव के हैं, लेकिन अचानक ही वह पलटे और सॉरी भी कहा। इससे मैं और भी चौंक गई। कुछ देर उनके बारे में ही सोची रही।”

इस वाकये के बाद दोनों की जल्दी-जल्दी मुलाकातें होने लगीं और दोनों के बीच केमिस्ट्री भी गहरी होती गई। परमीत से मिलने से पहले अर्चना शादीशुदा थीं, लेकिन वो रिश्ता ज्यादा लंबा चल नहीं पाया और नौबत ये आ गई कि अर्चना को मर्दों से नफरत सी होने लगी। अर्चना ने तय कर लिया था कि अब किसी मर्द को अपने जीवन में फटकने नहीं देंगी। उनका मानना था कि मर्द औरतों को लेकर सेंसिटिव नहीं होते और उन पर हावी रहना चाहते हैं, लेकिन परमीत से मिलने के बाद, मर्दों को लेकर उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया। इस बारे में अर्चना ने एक इंटरव्यू में कहा था, “शादी फेल होने के बाद मैंने तय कर लिया था कि अब किसी मर्द को अपनी लाइफ में फटकने भी नहीं दूंगी। लेकिन परमीत से मिलने के बाद मैंने महसूस किया कि मर्द भी सज्जन, प्यार करने वाला और सेंसिटिव हो सकता है, और सभी आक्रामक और असुरक्षा भाव से ग्रसित नहीं होते। मुझे परमीत पुरुषवादी सोच के बिल्कुल उलट मिले।”

आपको एक और चौंकाने वाली बात बताते हैं। शादी से पहले अर्चना और परमीत लंबे समय तक लिव-इन रिलेशनशिप में भी रहे। अर्चना अपने नए रिश्ते को लेकर हड़बड़ी में नहीं थीं और इस रिश्ते की हर कमी और अच्छाई को परख लेना चाहती थीं। हालांकि, इस रिश्ते को लेकर दोनों को समाज और अपनी निजी सर्किल में भी काफी कुछ सुनना भी पड़ा और  उनकी काफी आलोचना भी हुई। मगर, उनकी आपसी समझ ने सब कुछ दरकिनार कर दिया। बल्कि ये कहना ज्यादा बेहतर होगा कि इससे उनके रिश्ते में और मजबूती आई। उस दौर को याद करते हुए अर्चना बताती हैं, “हम जब साथ-साथ रहते थे, तो मीडिया हमारे लाइफस्टाइल के बारे में लिखता था, लेकिन इससे हमारे संबंधों पर शायद ही रत्ती भर भी फर्क पड़ा हो। लेकिन मुझे सबसे ज्यादा चोट परमीत के पैरेंट्स के व्यवहार से पहुंची, जिन्होंने हमारे रिश्ते और मुझे लेकर खासतौर पर नकारात्मक धारणा बना रखी थी। मुझे खुशी है कि परमीत मेरे साथ खड़े रहे और मुझे कभी असुरक्षित या अकेला महसूस नहीं होने दिया। और धीरे-धीरे इतने सालों में मैं अपने ससुराल के लोगों और खास तौर पर परमीत की मां की बेहद करीबी बन चुकी हूं।”

शादी के बाद के अपनी लाइफ के बारे में एक बार परमीत ने इंटरव्यू में कहा था, “हमने घड़ी-घड़ी एक दूसरे से ‘आई लव यू’ नहीं कहा। ये हमारे लिए आपसी समझ का मामला है, जो कि बगैर एक भी शब्द कहे बयां हो जाता है। जब आपके बच्चे बड़े होने लगते हैं, तो रोमांस के आइडिया में आप खुद बड़ा बदलाव महसूस करते हैं।”

परमीत और अर्चना के करियर ग्राफ में भी काफी बड़ा अंतर देखने को मिलता है। दोनों ने इसे बेहद समझदारी से संभाला भी है। परमीत ने एक इंटरव्यू में इस बारे में भी बात की थी और कहा कि उन्होंने अपने तरीके से कैसे इसे संभाला। उन्होंने कहा था, “अर्चना पहले से एक स्थापित स्टार थीं, लेकिन मुझे उनकी उपलब्धियों से कभी ईर्ष्या नहीं हुई। हम दो लोगों की तरह काम खत्म करके घर लौटते हैं। हम एक-दूसरे को स्पेस देते हैं और कभी एक दूसरे के काम में दखलंदाजी नहीं करते।”

इस पर अर्चना कहती हैं, “हम कह सकते हैं कि हमारा मामला निश्चित तौर पर ‘अभिमान’ वाला नहीं है। वह हमेशा मेरी उपलब्धियों पर गर्व करते रहे हैं, और उस समय जब मेरी पहचान बन चुकी थी, तब वो अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उस समय जब वह अपनी भूमिकाओं को लेकर आपा खो बैठते थे तो खुद को अलग-थलग कर लेते थे, लेकिन उसके बाद वह शानदार तरीके से उबर आते और कड़ी मेहनत करते। दरअसल, उनका काम के प्रति समर्पण ही उनकी असली ताकत है। वह पूरी लगन से काम करते हैं और उन्होंने कभी भी मुझसे होड़ करने की नहीं सोची।”

अर्चना और परमीत ने चार साल लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद 30 जून, 1992 को शादी की थी। उनके लिए शादी का महत्व सिर्फ समाज की परंपरा निभाने तक ही सीमित है और उनके रिश्ते की गहराई से इसका कोई लेना देना नहीं है। वे अपने दायरे में दो खुशहाल लोगों की तरह हैं। परमीत के मुताबिक, “हर रिश्ता दोस्ती से शुरू होता है, और दोस्ती भरोसे से शुरू होती है। जिस पल कोई एक पार्टनर भरोसे और ईमानदारी को खतरे में डालता है, वहीं एक दरार पैदा हो जाती है। हम चार साल तक लिव-इन रिलेशन में थे, और शादी के चार साल बाद तक हमने ये नहीं बताया कि हमारी शादी हो चुकी है, क्योंकि इससे हमें फर्क नहीं पड़ता था। शादी से एक रिश्ते को नाम मिलता है। असल में ये प्रेम होता है, जो ये दिखाता है कि दो लोग खास तौर पर एक दूसरे के लिए बने हैं। हमने जब लिव-इन में रहना शुरू किया, तो हमने एक दूसरे को मजबूती से सपोर्ट किया। हो सकता था कि हम लिव-इन में ही रह जाते, लेकिन हमें अपने बच्चों को एक पहचान भी देनी थी, इसलिए हमने शादी का फैसला किया। हालांकि, हम आज भी एक-दूसरे के बेस्ट फ्रेंड हैं।” (इसे भी पढ़ें: ये एक्ट्रेसेज पहली बार रखेंगी करवा चौथ का व्रत, लॉकडाउन में रचाई थी शादी)

अर्चना भी ऐसा ही कुछ मिलता जुलता सा कहती हैं, “15 साल साथ रहने के बाद भी हम प्रेमी प्रेमिका हैं, न कि शादीशुदा पति पत्नी। शादी हमारे रिश्ते में काट-छांट नहीं कर सकती। हम आज भी दोस्तों की तरह लड़ते हैं और तुरंत ही एक हो जाते हैं। और सबसे बड़ी बात ये कि हम एक दूसरे के प्रति मन में कोई मलाल नहीं रखते। कागज का टुकड़ा हमारे रिश्ते के स्वभाव को नहीं बदल सकता।”

शादी के इतने साल बाद आप या तो एक दूसरे की कमियों को स्वीकार करके साथ रहते हैं या उनको बदलने की पूरी कोशिश करते हैं। इससे रिश्ता बोझिल हो जाता है। अर्चना और परमीत ने काफी प्रैक्टिकल रवैया अपनाया और रिश्ते को जीवंत बनाए रखने के लिए उन कमियों को बरकरार रहने दिया। परमीत बताते हैं, “जब अर्चना गुस्से में होती हैं, तो मुझे और जबरदस्त लगती हैं, खास तौर पर जब वह छोटे-छोटे मसलों पर भड़कती हैं, जैसे- ये तौलिया यहां क्यों रखा है? या तुम्हारे बाल सिंक में हर जगह क्यों फैले हुए हैं? वगैरह-वगैरह।”

अर्चना कहती हैं, “उनको अपने बड़े-बड़े जूते लिविंग रूम में रखने की आदत है और वह रख कर भूल जाते हैं। जब मैं प्रेग्नेंट थी, तब उनको उन जूतों को हटाने के लिए बोलती थी क्योंकि उनसे टकराकर मेरे गिरने का खतरा रहता था। और फिर भी वो भूल जाते थे। इन छोटे-छोटे मसलों से मैंने सीखा कि मर्दों को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो रिश्ता बोझ बन जाएगा। अपने पार्टनर में बदलाव लाने से बढ़िया है कि आप अपनी उम्मीदों को ही बदल लें।”

इसके अलावा भी परमीत और अर्चना ने एक दूसरे की बेमेल आदतों को भी स्वीकार कर लिया है। अर्चना कहती हैं, “हमारे रिश्ते की खूबसूरती यही है कि हमारी समानताओं में ही हमारी बेमेल आदतें भी शामिल हैं। वो मांसाहारी हैं, जबकि मैं शुद्ध शाकाहारी। उनको मूवीज़ पसंद हैं, जबकि मैं एचबीओ और उनको स्टार मूवीज़। हमें लॉन्ग ड्राइव पर जाना पसंद है, और हालांकि उनको तेज गाड़ी चलाना पसंद है, लेकिन मुझे नजारे काफी लुभाते हैं।” (इसे भी पढ़ें: जब ईशा देओल ने भरत तख्तानी को जड़ दिया था थप्पड़, फिर ऐसे दोनों आए करीब)

जब आप साथ रहते हैं तो न केवल साथ-साथ बूढ़े हो रहे होते हैं, बल्कि आप और बेहतर तरीके से साथ रहना भी सीखते हैं। हम अपने पार्टनर से चीजें सीखते हैं, चाहे वो जानबूझ कर हो या अनजाने में, और बच्चे इस मामले में बड़ा योगदान करते हैं। दोनों के दो बेटे हैं, आर्यमान (Aaryamann) और आयुष्मान (Ayushmaan)। अर्चना कहती हैं, “मां बनने से आपका पूरा अस्तित्व, पूरा जीवन ही बदल जाता है। अचानक आपका फोकस उस नन्ही सी जान पर केंद्रित हो जाता है, वे ही आपके जीवन की सबसे बड़ी खुशियां बन जाती हैं।” परमीत कहते हैं, “भले ही आर्यमान और आयुष्मान अब अर्चना की प्राथमिकता में आ गए हों और मैं दरकिनार कर दिया गया, फिर भी वे हमारे रिश्ते को और मजबूत करने की कड़ी हैं।”

तो ये थी अर्चना पूरन सिंह और परमीत सेठी की लव लाइफ। हमारी ये स्टोरी आपको कैसी लगी? हमें जरूर बताएं और कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।

(फोटो क्रेडिट: इंस्टाग्राम)
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