जिस पेड़ के नीचे अभिषेक और ऐश्वर्या ने लिए थे सात फेरे, वह हो गया धराशाई, बिग बी ने लिखी ये बात

बीते दिनों मुंबई में हुई भारी बारिश हुई के चलते अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के बंगले 'प्रतीक्षा' में लगा हुआ गुलमोहर का पेड़ उखड़कर गिर गया। इस बार बिग बी ने अपने ब्लॉग 'बच्चन बोल' में उस पेड़ से जुड़ी अपनी कई यादें साझा की हैं।

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By Shivakant Shukla Last Updated:

जिस पेड़ के नीचे अभिषेक और ऐश्वर्या ने लिए थे सात फेरे, वह हो गया धराशाई, बिग बी ने लिखी ये बात

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, और अपने अनुभव प्रशंसकों के साथ शेयर करते रहते हैं। बीते दिनों मुंबई में हुई भारी बारिश हुई के चलते उनके बंगले 'प्रतीक्षा' में लगा हुआ गुलमोहर का पेड़ उखड़कर गिर गया। इस बार बिग बी ने अपने ब्लॉग 'बच्चन बोल' में 43 साल पुराने गुलमोहर के उस पेड़ से जुड़ी अपनी कई यादें साझा की हैं। 

बता दें कि अमिताभ बच्चन ने साल 1976 में अपना पहला बंगला खरीदा था, जिसका नाम 'प्रतीक्षा' था। उन्होंने ने अपने ब्लॉग में बताया कि किस तरह ये पेड़ उनके हर सुख-दुख में शामिल रहा। अमिताभ अपने ब्लॉग में लिखते हैं कि ''साल 1976, हम पहली बार इस घर में आए जिसे इस पीढ़ी ने कभी खरीदा और बनाया था और अपना खुद का नाम दिया था। इसे एक पौधे के रूप में लगाया गया था, तब ये सिर्फ कुछ इंच ऊंचा था... और इसे लॉन के बीच में लगाया गया था, जो कि संपत्ति के आसपास है।''  

इसलिए घर का नाम रखा गया था प्रतीक्षा

अमिताभ ने बंगले का नाम 'प्रतीक्षा' रखने की वजह बताते हुए लिखा,''बाबूजी ने घर को देखा क्योंकि हमने उन्हें और मां जी के साथ रहने के लिए बुला लिया था। बाबू जी ने घर को देखा और इसका नाम दिया प्रतीक्षा। जो कि हमने उनकी लिखी एक कविता की पंक्ति से आया है, जो इस तरह है... ''स्वागत सबके लिए यहाँ पर, नहीं किसी के लिए प्रतीक्षा'' (ये भी पढ़ें: जब अभिषेक बच्चन असली की बजाए नकली अंगूठी से ऐश्वर्या राय को कर बैठे थे प्रपोज, कई साल बाद हुआ खुलासा)    

पेड़ के पास ही अभिषेक और ऐश्वर्या ने लिए थे सात फेरे

आगे उन्होंने बताया कि कैसे यह गुलमोहर उनके हर सुख-दुख का साक्षी बना। पेड़ के पास ही अभिषेक और ऐश्वर्या ने सात फेरे लिए थे। इसके बारे में बताते हुए अमिताभ लिखते हैं कि, ''बच्चे इसके आसपास खेलकर बड़े हुए। इसी तरह पोते-पोतियां भी। उनके जन्मदिन और त्योहारों की खुशियां भी इस गुलमोहर के सुंदर पेड़ के चमकीले नारंगी फूलों के साथ सजी हुई हैं, जो कि गर्मियों के दौरान खिलते थे। बच्चों की शादी भी बस इससे कुछ ही फीट की दूरी पर हुई थी, और ये अभिभावक की तरह उनके ऊपर खड़ा हुआ था।'' (ये भी पढ़ें: ऐश्वर्या राय के बच्चन फैमिली में शामिल होने पर जया बच्चन ने ऐसे किया था स्वागत, देखें वीडियो)  

दुख में शोक के भार से झुक गई थीं पेड़ की शाखाएं

''जब मां बाबूजी का निधन हुआ तब इसकी शाखाएं दुख और शोक के भार से झुक गई थीं। उनके जाने के 13 और 12 दिन बाद हुई उनकी प्रार्थना सभा के दौरान सभी इसकी छाया में खड़े थे। होलिका जब होली के उत्सव के एक दिन पहले बुरी शक्तियों को जलाया जाता है, इसी तरह दीपावली की सारी रोशनी इसकी शाखाओं को निहारती थी। सत्यनारायण की पूजा और शांति और समृद्धि के लिए किए गए हवन भी इसके आसपास ही होते थे।''

ये चुपचाप गिर गया...

'और आज वो सभी दुखों से दूर है, ये चुपचाप गिर गया। बिना किसी आत्मा को नुकसान पहुंचाए। नीचे फिसला और वहां अचेत हो गया। जिन फूलों को खुद इसने समृद्ध किया था, वही आसपास बिखरे हुए थे। इसकी शाखाएं और पत्तियों ने मानसून की बौछारों के बाद भी इसका साथ नहीं छोड़ा। (ये भी पढ़ें:  Happy Anniversary: इस फिल्म ने बनाई थी अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की जोड़ी, पढ़ें लव स्टोरी)  

आगे उन्होंने एक कविता के रूप में इस पेड़ का महत्व को बताते हुए लिखा, 

'उँगली भर कोंपल, लगाई थी हमने, इस बहु सुंदर गुलमोहर वृक्ष की,
चालीस तीन बरसों तक साथ दिया उसने, आज अचानक हमें छोड़ दिया उसने।
ऐतिहासिक वर्ष बिताए थे हमने, इसकी सुगंधित छात्र छाया में, 
शोक है, दर्द है, फिर से उगाएँगे, हम, इक नयी कोंपल पल भर में।।'

कुछ इस तरह से अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के अंदाज में एक पेड़ के लिए अपने लगाव को कविता के भाव में दर्शाया, और भावुक हो गए। वैसे आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।  

(स्त्रोत: अमिताभ बच्चन ब्लॉग)
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