By Rinki Tiwari Last Updated:
कोरोना वायरस महामारी देश भर में फैल रही है। पहली और दूसरी लहर ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। कुछ लोग बीमार हैं, तो कुछ लोग अपनों को खो रहे हैं। इस खतरनाक वायरस से बॉलीवुड भी अछूता नहीं है। पिछले साल से लेकर अब तक कई बी-टाउन के सेलिब्रिटीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं, जिसमें बॉलीवु़ड एक्टर अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) भी शामिल हैं। हाल ही में, अभिषेक बच्चन ने अपने कोरोना पॉजिटिव होने के दौरान का अनुभव शेयर किया है और बताया कि, कैसे उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) ने उन्हें निराशा की भावना से निकाला। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
पहले ये जान लीजिए कि, जुलाई 2020 में अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन, उनकी वाइफ ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी बेटी आराध्या बच्चन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। यहां तक कि, अमिताभ और अभिषेक को मुंबई के नानावती अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि, करीब 1 महीने के बाद पिता और बेटे दोनों रिकवर हो गए थे। अब एक साल बाद अभिषेक बच्चन ने इंटरनेशनल स्पीकर आनंद चुलानी (Anand Chulani) संग बातचीत कर अपना अनुभव साझा किया है।
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अभिषेक ने कहा, ‘कोविड के दौरान सभी का अपना-अपना अनुभव था और लोगों ने इस पर अपना अलग रिएक्शन भी दिया। ये मेरे लिए अच्छा एक्सपीरिएंस नहीं था, क्योंकि मेरी फैमिली भी इसका शिकार हुई थी। अगर आप मेडिकल ऑब्जर्वेशन में होते हैं, तो आप शक्तिहीन महसूस करते हैं। आपकी जिंदगी मेडिकल टीम के द्वारा चलाई जा रही होती है। क्योंकि आप खुद के नियंत्रण में नहीं होते हैं। आपके पास शक्ति नहीं होती है। आपको समझ नहीं आता है कि, क्या हो रहा है। शुरुआती रातें जब मैं अस्पताल में था, सोना मुश्किल था।’
अपनी बात जारी रखते हुए अभिषेक बच्चन ने कहा, ‘शुरुआत में, मेरे पिता और मैं एक साथ अस्पताल में भर्ती थे। एक हफ्ते बाद मेरी पत्नी और बेटी को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्र है, उन्हें केवल एक सप्ताह के लिए वहां रहना पड़ा, फिर उन्हें डिस्चार्ज मिल गया था। इसके बाद मैं और मेरे पिताजी थोड़ी दिनों तक अस्पताल में रहे, क्योंकि हमारा टेस्ट निगेटिव नहीं आया था। वो मेरे पास एक अच्छी कंपनी हैं, इसलिए जागना और मेरे पिता को देखना अद्भुत था, जो पिछले साल 78 वर्ष के थे। एक व्यक्ति गंभीर कॉमरेडिटी वाले थे, लेकिन वो पॉजिटिव थे और कोविड से लड़ने की उनमें स्ट्रॉन्ग पॉवर थी। मैं उस वक्त उनकी एज की वजह से उनके हेल्थ की चिंता कर रहा था।’
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अपने इंटरव्यू में अभिषेक ने बताया कि, कैसे अपने पिता को देखकर उन्हें प्रेरणा मिलती थी। अभिषेक ने कहा, ‘मेरे पिता मेरे एक अच्छे दोस्त भी हैं। कोरोना के दौरान उनके साथ उनके साथ बैठना भी एक अच्छा मोमेंट था। जब आप एक कोविड पेशेंट होते हैं, तो आपके पास अन्य रोगियों के साथ बात करने के अलावा कुछ भी करने के लिए नहीं होता है। आपको बस इंतजार करना होता है। इसलिए उनके साथ वक्त बिताना अच्छा था। वो वास्तव में एक अच्छे रूमी (रूममेट) हैं।’
इंटरव्यू के आखिर में अभिषेक बच्चन ने बताया कि, पिछले साल उन्होंने लॉकडाउन के दौरान क्या सीखा और कैसे उनकी वाइफ ऐश्वर्या राय ने उन्हें संभाला। अभिषेक ने कहा, ‘एक चीज जो मैंने पिछले साल सीखी है, वो रिश्तों को महत्व देना है और वो भी तब, जब आपके आस-पास एक खुशहाल और स्वस्थ परिवार है। एक समय था, जब मैं लॉकडाउन के दौरान निराश था, तब मेरी पत्नी ने मुझे समझाया और बताया कि, कई सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि, हम एक-दूसरे के साथ बिना घड़ी देखे हुए बैठे हैं और एक-दूसरे के साथ बैठकर एंजॉय कर रहे हैं। ये अपने आप में एक आशीर्वाद है।’
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फिलहाल, अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन के बॉन्ड से हर कोई वाकिफ है। पिता-बेटे दोनों एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और इसमें कोई-राय नहीं है। तो अभिषेक बच्चन के इस इंटरव्यू पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।