By Pooja Shripal Last Updated:
अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) और ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) बी-टाउन के पॉवर कपल हैं, जो अपनी बेटी आराध्या के लविंग एंड केयरिंग पैरेंट्स हैं। अभिषेक और ऐश्वर्या को अक्सर अपनी बेटी के साथ इवेंट्स में शामिल होते देखा जाता है। अब, हाल ही में अभिषेक ने अपनी और ऐश्वर्या की पैरेंटिंग स्टाइल के बारे में खुलकर बात की और कुछ टिप्स भी दिए।
'हिंदुस्तान टाइम्स' के साथ अपने एक हालिया इंटरव्यू में जब अभिषेक से एक जिद्दी टीनएजर से निपटने के तरीके के बारे में पूछा गया, तो अभिषेक ने कहा, “बात यह है कि इससे निपटने की कोशिश मत करो। यही जीवन है। हर आने वाली पीढ़ी तेजी से मैच्योर होती है। जब हम बच्चे थे, तो हमारे माता-पिता सोचते थे कि शायद हम उनके लिए बहुत तेज़ हैं। यह पीढ़ी एक ऐसी दुनिया में पैदा हुई है, जहां उन्होंने उस प्रक्रिया को नहीं देखा है, जिससे गुजरकर हम यहां तक पहुंचे हैं।''
उन्होंने आगे कहा, ''मुझे नहीं लगता कि नई पीढ़ी में पदानुक्रम (Hierarchy) की भावना है। यह कुछ ऐसा है, जिसके साथ हम बड़े हुए थे। वे जिज्ञासु हैं... वे ऐसे हैं कि 'मैं सिर्फ इसलिए आपकी बात क्यों सुनूं, क्योंकि आप मेरी मां हैं?' उनके पास पहले से काफी जानकारी है। वे इंफॉर्मेशन एंड टैक्नोलॉजी के इस युग में पैदा हुए हैं। इसलिए मेरी सलाह बस यही है उनके सवालों का जवाब दें।"
इसके अलावा, अभिषेक ने खुलासा किया कि उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन अपनी बेटी आराध्या की पैरेंटिंग की सभी जिम्मेदारियां उठाती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे यहां एक बात बतानी होगी कि मैं घर पर हैवी लिफ्टिंग (पालन-पोषण की जिम्मेदारी) नहीं उठाता। यह पूरी तरह से मेरी पत्नी (ऐश्वर्या) द्वारा किया जाता है। वह मुझे जाने और अपना काम करने की अनुमति देती हैं।”
बातचीत के अंत में अभिषेक ने कहा कि पैरेंट्स को अपने बच्चों की गरिमा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बच्चे के पालन-पोषण में डांट-फटकार बेहद महत्वपूर्ण है और इसलिए, माता-पिता को भी हमेशा उचित गरिमा बनाए रखनी चाहिए। फिर मजाक में अभिषेक ने माता-पिता से अपने बच्चों को एक आईपैड देने के लिए भी कहा।
अभिषेक ने कहा, “एकमात्र पेरेंटिंग टिप जो मैं किसी को दे सकता हूं, वह यह है कि अपने बच्चे की गरिमा के साथ कभी समझौता न करें। कभी-कभी हमें उन्हें डांटने का मन करता है, क्योंकि हम ऐसे ही बड़े हुए हैं। बचपन में हमें इसी तरह डांटा जाता था और अनुशासित किया जाता था, लेकिन यह पीढ़ी कहीं अधिक संवेदनशील है। शायद इसलिए, क्योंकि उन्होंने हमारे माता-पिता या दादा-दादी द्वारा देखे गए उथल-पुथल को नहीं देखा है... यदि आप डांटते समय उनकी गरिमा से समझौता करते हैं, तो वे बस आपके पास से चले जाएंगे। शॉर्ट में, आप कुछ नहीं कर सकते। बस उन्हें एक आईपैड दीजिए।''
(जब Abhishek ने कहा था- 'Aaradhya के लिए कुछ भी करने को हूं तैयार', पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।)
फिलहाल, पैरेंटिंग के बारे में अभिषेक के दृष्टिकोण के बारे में आप क्या सोचते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।