इसरो (Indian Space and Research Organisation) ने 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद इतिहास रचा। सभी की निगाहें आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में फेमस 'सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र' पर थीं और भारतीय समयानुसार दोपहर 2.35 बजे भारत ने एक बार फिर चंद्रमा पर उतरने वाला दुनिया का चौथा देश बनने का टारगेट रखा। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन जैसे राष्ट्र पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर चुके हैं। चंद्रयान-3 के लॉन्च होते ही पूरे देश ने इसरो और इस मिशन से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी।
हालांकि, एक खास महिला थीं, जिन्होंने सारी सुर्खियां बटोर लीं, क्योंकि वही थीं, जिन्होंने इस मिशन का नेतृत्व किया था। जी हां! हम बात कर रहे हैं डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव (Ritu Karidhal Srivastava) की, जो इसरो (भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक हैं। आइए यहां हम आपको भारत की 'रॉकेट वुमन' के बारे में विस्तार से बताते हैं।
'महिला आर्थिक मंच' (WEF) की एक रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव इसरो में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, जो उन सदस्यों में से एक हैं, जो अधिकांश महत्वपूर्ण निर्णयों की जिम्मेदारी लेते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने फेमस मार्स ऑर्बिटर मिशन में भी प्रमुख भूमिका निभाई थी।
डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव बचपन से ही एक मेधावी छात्रा थीं। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद रितु 1996 में लखनऊ विश्वविद्यालय चली गईं, जहां उन्होंने बी.एससी. की पढ़ाई की और एम. एससी. भौतिकी में रितु के पास एमटेक की डिग्री भी है, जो उन्होंने 'भारतीय विज्ञान संस्थान' (IISC) से हासिल की है।
कई रिपोर्टों के अनुसार, अपने बचपन के दिनों में रितु करिधल श्रीवास्तव अंतरिक्ष और ग्रहों से संबंधित खबरें पढ़ती थीं। रितु करिधल अपने स्कूल और कॉलेज के दौरान 'इसरो' और 'नासा' द्वारा लिखे गए न्यूज आर्टिकल को कट करके अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों में भी भाग लेती थीं। यह कहना उचित होगा कि रितु का टारगेट कम उम्र से ही अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में अपना करियर बनाना था।
महिला आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह नवंबर 1997 में था, जब रितु करिधल श्रीवास्तव इसरो (भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन) में शामिल हुईं। साइंटिस्ट एक ऑपरेशन डायेक्टर के रूप में कार्य करती हैं। रितु स्पेस मिशन की एक सीरीज का हिस्सा रही हैं। हालांकि, जिस तरह से उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन का नेतृत्व किया, उससे हर कोई हैरान रह गया।
इसरो में वैज्ञानिक होने के अलावा, डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पब्लिकेशन में 20 से अधिक पत्र प्रकाशित किए हैं। हालांकि, प्रकाशनों के सटीक नाम इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन रितु को वास्तव में दुनिया भर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा फ़ॉलो किया जाता है।
डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव की निजी जिंदगी की बात करें, तो उन्होंने अविनाश श्रीवास्तव नाम के शख्स से शादी की है। उनके दो बच्चे आदित्य श्रीवास्तव और अनीशा श्रीवास्तव हैं। शादीशुदा होने और बच्चों के बावजूद रितु करिधल ने सभी को शादी के बाद भी अपने सपनों का पीछा करते रहने के लिए प्रेरित किया है।
फिलहाल, चंद्रयान-3 मिशन को लीड करने वाली रितु करिधल श्रीवास्तव के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।