हाल ही में, दिग्गज बॉलीवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर ने अपने फाइनेंस और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट के बारे में बात की। आइए आपको बताते हैं।
भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्रियों में से एक शर्मिला टैगोर (Sharmila Tagore) ने सत्यजीत रे की बंगाली फिल्म 'अपुर संसार' (द वर्ल्ड ऑफ अपू) में अपनी शुरुआत के साथ कम उम्र में सफलता का स्वाद चखा। 1970 का दशक उनके करियर का पीक टाइम था। 'आराधना', 'सफर', 'छोटी बहू', 'अमर प्रेम' और 'राजा रानी' जैसी हिट फिल्मों में राजेश खन्ना के साथ उनकी आइकॉनिक जोड़ी ने लाखों दिलों को जीता।
इन फिल्मों से शर्मिला टैगोर ने न सिर्फ तारीफ बटोरी बल्कि स्टारडम भी हासिल किया। हालांकि, भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को तब स्वीकार किया गया, जब उन्हें 2014 में 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, शर्मिला को उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए 'एडिनबर्ग नेपियर यूनिवर्सिटी' द्वारा मानद 'डॉक्टरेट ऑफ आर्ट्स' से सम्मानित किया गया।
अपनी ग्लैमरस छवि के लिए फेमस शर्मिला टैगोर ने अपने बोल्ड किरदार के लिए भी काफी सुर्खियां बटोरीं, खासकर जब वह उस जमाने में बड़े पर्दे पर बिकनी में नजर आईं, उन्होंने रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए अपने चार्मिंग लुक से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। 1968 में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व 'पटौदी' के नौवें नवाब मंसूर अली खान पटौदी से शादी की थी। शर्मिला तीन बच्चों सैफ अली खान, सोहा अली खान और सबा अली खान की मां हैं। जहां सैफ और सोहा एक्टर्स हैं, वहीं सबा ने फिल्मों से दूरी बनाए रखी।
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अनुपम गुप्ता के साथ यूट्यूब शो 'पैसा वैसा' पर हालिया इंटरव्यू में शर्मिला टैगोर ने फाइनेंस और प्रॉपर्टी के मैनेजमेंट के बारे में अपने दृष्टिकोण का खुलासा किया। अनुभवी अभिनेत्री ने खुलासा किया कि वह अपनी संपत्तियों और फाइनेंस पर एकमात्र स्वामित्व रखती हैं और उन्हें अपने पति और बच्चों से अलग रखती हैं। अपनी फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "घर से लेकर कारों से लेकर ज्वेलरी तक, मैंने जो कुछ भी खरीदा, वह हमेशा मेरे नाम पर था, मेरे पति के साथ साझा नहीं किया गया।" उन्होंने यह भी बताया कि उनके पति मंसूर अली खान पटौदी अपनी प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट अलग से करते थे और उन्होंने एक वसीयत भी बनाई थी।
इस्लामी विरासत कानूनों की जटिलताओं पर चर्चा करते हुए शर्मिला टैगोर ने वसीयत बनाने में आने वाली लिमिटेशन पर भी जिक्र किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर प्रकाश डाला कि उनकी व्यापक भूमि जोत और संपत्ति कानूनी नियमों व पारिवारिक विचारों का पालन करते हुए उनके तीन बच्चों के बीच उचित रूप से प्रबंधित और वितरित की जाती है।
अपनी फाइनेंशियल जर्नी पर विचार करते हुए शर्मिला टैगोर ने स्वीकार किया कि वह बाद में फाइनेंशियली जागरूक हो गईं और महामारी लॉकडाउन के दौरान अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो को मैनेज करना शुरू कर दिया। फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस और एस्टेट प्लानिंग में उनकी अंतर्दृष्टि कई लोगों के लिए एक मूल्यवान सबक के रूप में काम करती है, जो उनकी विरासत को सुरक्षित रखने के लिए उनके व्यावहारिक दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती है।
जब शर्मिला टैगोर ने पति मंसूर के मैरिज प्रपोजल का बताया था किस्सा, कहा था- 'मैंने बोला था सुनाई नहीं दे रहा' पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
फिलहाल, शर्मिला टैगोर के इस खुलासे के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।