यहां हम आपको दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना के बंगले 'आशीर्वाद' के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे शापित कहा जाता था।
देश के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया था। 70 के दशक में एक्टर ने लगातार 17 हिट फिल्में दी थीं। यह अपने आप में एक खास रिकॉर्ड है, जिसे अब तक कोई स्टार नहीं तोड़ पाया। हालांकि, 70 के दशक के बाद उनका करियर ढलान पर आ गया था और उनकी जगह अमिताभ बच्चन ने ले ली थी। कहा जाता है कि वह जिस घर में रहते थे, शायद उसकी वजह से ऐसा हुआ था, क्योंकि वह बंगला शापित और भुतहा था, जिसका नाम एक्टर ने 'आशीर्वाद' रखा था।
'आशीर्वाद' के बारे में ऐसा कहा जाता था कि यह बंगला उसके मालिक के लिए शापित है, क्योंकि जिसने भी इस घर में कदम रखा, उसका दुर्भाग्य शुरू हो गया। कार्टर रोड स्थित इस बंगले के पहले मालिक अभिनेता भारत भूषण थे। उन्हें 50 के दशक में 'बैजू बावरा', 'मिर्जा गालिब', 'गेटवे ऑफ इंडिया' और 'बरसात की रात' जैसी फिल्मों से स्टारडम हासिल हुआ था। हालांकि, बाद में उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं और कर्ज में डूबने की वजह से उन्होंने अपने इस घर को बेच दिया।
बंगला अच्छी लोकेशन पर था, लेकिन फिर भी इसका कोई खरीदार नहीं था। ऐसे में अभिनेता राजेंद्र कुमार ने इसे महज 60,000 रुपए में खरीद लिया था। राजेंद्र कुमार भी अपने जमाने के दिग्गज अभिनेताओं में से एक थे। हालांकि, वह भी बंगले के शापित होने के कारण डर रहे थे, लेकिन अभिनेता मनोज कुमार ने उन्हें बंगले में जाने से पहले पूजा करने और 'भूत बंगले' की अफवाहों पर विश्वास न करने की सलाह दी थी।
घर को खरीदने के बाद राजेंद्र कुमार ने बंगले का नाम अपनी बेटी के नाम पर 'डिंपल' रखा। इसके बाद उनकी फिल्मों ने अच्छा बिजनेस करना शुरू कर दिया था, लेकिन 1968-69 के आसपास राजेंद्र कुमार की फ़िल्में भी असफल होने लगीं और जब उन्हें अपनी फिल्मों में घाटा होने लगा, तो उन्होंने भी बंगला बेच दिया।
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जब राजेश खन्ना इंडस्ट्री में नए-नए आए थे, तो उन्हें जानकारी मिली कि राजेंद्र कुमार अपना बंगला बेचना चाहते हैं। ऐसे में राजेश ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई और 70 के दशक में कथित तौर पर महज साढ़े तीन लाख रुपए में बंगला खरीद लिया। यह बंगला खरीदने के बाद 'काका' ने इसका नाम 'आशीर्वाद' रख दिया था।
सब अच्छा चल रहा था, लेकिन लगातार 17 फिल्में हिट देने के बावजूद 70 के दशक के अंत तक राजेश खन्ना की फिल्में चलना बंद हो गईं। इसके बाद, राजेश खन्ना फाइनेंशियली और पर्सनली बहुत परेशान थे। अपने अंतिम दिनों तक वह उसी बंगले में थे। बाद में खन्ना परिवार ने भी यह बंगला बेच दिया। जानकारी के मुताबिक, यह बंगला 2014 में एक बिजनेसमैन ने 90 करोड़ रुपए में खरीदा था।
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फिलहाल, 'आशीर्वाद' बंगले के शापित और भुतहा होने के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।