जब दिग्गज दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की एक व्यंगात्मक टिप्पणी 'भारत कोकिला' लता मंगेशकर को इतनी बुरी लगी कि उन्होंने 13 साल के लिए उनसे बात करना बंद कर दिया था। आइए आपको इस बारे में बताते हैं।
28 सितंबर 1929 को हेमा मंगेशकर के रूप में जन्मी सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारत की सबसे महान गायिकाओं में से एक थीं। आठ दशकों के करियर में उन्हें 'नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' और 'क्वीन ऑफ मेलोडी' जैसी उपाधियों से सम्मानित किया गया। 36 भारतीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड करने वाली दिग्गज दिवंगत गायिका 'भारत रत्न' पाने वाली दूसरी महिला सिंगर हैं।
जब लता मंगेशकर ने हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना पहला कदम रखा था, तो सिंगर को उनकी आवाज 'बहुत पतली' होने के कारण निकाल दिया गया था। यह म्यूजिक डायरेक्टर गुलाम हैदर ही थे, जिन्होंने उन पर विश्वास दिखाया और उन्हें निर्णायक (Breakthrough) सॉन्ग दिल 'दिल ऐसा किसी ने मेरा मेरा तोड़ा' देकर सभी को चुनौती दी। इयके बाद लता मंगेशकर ने 'आएगा आनेवाला', 'अजीब दास्तां है ये', 'आप की नजरों ने समझा', 'प्यार किया तो डरना क्या', 'मेरा साया साथ होगा', 'पिया तोसे', 'आज फिर जीने की तमन्ना' जैसे कई अन्य गानों को अपनी मधुर आवाज से सजाया।
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लता मंगेशकर का दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के साथ बहुत मधुर रिश्ता था और वह उन्हें अपना बड़ा भाई मानती थीं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लता मंगेशकर एक बार दिलीप कुमार की भद्दी टिप्पणी से नाराज हो गई थीं और उन्होंने 13 साल तक उनसे बात नहीं की थी?
दरअसल, जब लता मंगेशकर को संगीतकार अनिल बिस्वास ने लोकल ट्रेन में दिलीप कुमार से मिलवाया था, तो उन्होंने दिलीप साहब को बताया था कि उनकी फिल्म 'मुसाफिर' के लिए 'लागी नहीं छूटे' गाना गाने के लिए लता को चुना गया है। यह सुनकर दिलीप कुमार ने एक व्यंग्यात्मक कमेंट करते हुए कहा था कि 'मराठियों की उर्दू दाल और चावल की तरह है', जिससे लता नाराज हो गई थीं और उन्होंने उनसे बात नहीं की।
13 साल बाद जब दिग्गज लेखक खुशवंत सिंह अपनी कवर स्टोरी के लिए दिलीप कुमार और लता मंगेशकर को एक साथ लाए, तो वह लता को दिलीप साहब के घर ले गए, जहां उन्होंने उनकी कलाई पर राखी बांधी। उस समय डाइनिंग टेबल पर लता ने दिलीप कुमार पर कमेंट करके सभी को चौंका दिया था। उन्होंने कहा था, ''आप जानते हैं यूसुफ साहब, मैंने हमेशा सुना है कि (ऋषिकेश मुखर्जी की) 'मुसाफिर' में आपके साथ 'लागी नहीं छूटे' डुएट सॉन्ग की रिकॉर्डिंग करते समय आप मुझसे नफरत करते थे, लेकिन मैंने इसे वैसे ही गाया, जैसे मैं किसी भी गीत को गाने से खुद को नहीं रोक सकती।''
उनका बयान सुनकर दिलीप कुमार ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कहा था कि उन्हें व उनके परिवार को उनकी आवाज बहुत पसंद है। उनके शब्दों में, ''ये बिल्कुल सही है, क्योंकि आप जिस तरह से गाती हैं, मैं उस तरह नहीं गा सकता, मैं और मेरा परिवार आपसे प्यार करते हैं! मैं इतनी दिव्य आवाज से कैसे नफरत कर सकता हूं!''
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दिलीप कुमार की आत्मकथा 'द सबस्टेंस एंड द शैडो' में लता मंगेशकर ने दिलीप कुमार के साथ अपने करीबी रिश्ते के बारे में बात की थी और कहा था, ''उन दिनों हम अक्सर नहीं मिलते थे। हालांकि, जब भी महबूब स्टूडियो में किसी गाने की रिकॉर्डिंग होती थी और यूसुफ भाई वहां शूटिंग कर रहे होते थे, तो मैं उन्हें फोन करने का मौका नहीं छोड़ती थी। वह एक सुपरस्टार थे और मैं एक प्लेबैक सिंगर के रूप में उभर रही थी, लेकिन जब हम मिले, तो उन्होंने मुझे एक बड़े भाई की तरह अपने दिल से लगा लिया और मुझे वही प्यार व सम्मान दिया, जो केवल उनके जैसा सही व्यक्ति ही दे सकता था।''
खैर, अपने दमदार अभिनय और टैलेंट के दम पर बॉलीवुड को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले दिलीप कुमार जुलाई 2021 में लंबी बीमारी के कारण इस दुनिया को अलविदा कहा। इसके एक साल से भी कम समय के बाद फरवरी 2022 में लता मंगेशकर भी इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गईं। हालांकि, उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं।
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फिलहाल, बॉलीवुड में इन दो दिग्गजों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। तो लता जी और दिलीप साहब के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।