दिवंगत सिंगर वाजिद खान की पत्नी कमलरुख खान उनके परिवारवालों के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची हैं। आइए आपको बताते हैं इस बारे में।
साल 2020 में हमने शोबिज की दुनिया से कई महान टैलेंट को खो दिया, उनमें से एक म्यूजिक कंपोजर व सिंगर वाजिद खान (Wajid Khan) भी शामिल थे। वाजिद ने जून 2020 में अपनी अंतिम सांस ली थी और उनके निधन को 1 साल हो चुका है। वाजिद की वाइफ कमलरुख खान (Kamalrukh Khan) ने सिंगर के निधन के बाद अपनी फैमिली के खिलाफ चौंका देने वाले दावे किये थे और ये भी आरोप लगाया था कि उनसे उनका धर्म जबरन चेंज करवाया गया था। अब, वह साजिद खान और उनकी मां के खिलाफ संपत्ति में तीसरे पक्ष के अधिकारों का दावा करने से स्थायी निषेधाज्ञा की मांग करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंची हैं।
पहले ये जान लीजिए कि, किडनी की समस्या से परेशान वाजिद खान का निधन 1 जून को हार्ट अटैक से हुआ था। वह चेम्बूर के एक अस्पताल में भर्ती थे। वाजिद को बाद में कोरोना वायरस का संक्रमण भी हो गया था, जिसके चलते मात्र 42 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनके निधन के बाद वाजिद की पत्नी कमलरुख ने बताया था कि, वो और वाजिद शादी से पहले 10 साल के रिलेशनशिप में थे। उन्होंने आगे कहा था कि, शुरुआत में सिर्फ वाजिद की फैमिली उन पर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेशर बना रही थी, लेकिन उसके बाद उनके पति भी 2014 से कमलरुख को तलाक देने की धमकी देने लगे थे।
अब कमलरुख के वकील ने ‘ईटाइम्स’ से बात करते हुए कहा है, “ये फैमिली के लिए कीमती मूल्यवान संपत्ति जिनकी इमोशनल और इकोनॉमिकल दोनों इम्पोर्टेंस है। आज वो एक विधवा हैं और अपना गुजारा चलाने के लिए वो केवल इन संपत्तियों पर निर्भर हो सकती हैं। साथ ही दिवंगत मिस्टर वाजिद खान अपनी बेटी को USA आगे की पढ़ाई के लिए भेजना चाहते थे, लेकिन अचानक से उनकी मौत और उनकी फैमिली के को-ऑपरेट न करने की वजह से, ये एसेट्स उन्हें मदद करेंगे।”
इससे पहले, कोर्ट ने साजिद और उनकी मां से दिवंगत सिंगर की प्रॉपर्टीज की डीटेल्स शेयर करने को कहा था। इसके बाद ये खुलासा हुआ था कि, फैमिली के पास 16 करोड़ की प्रॉपर्टी है, जिसमें से वाजिद के पास फेमस पेंटर्स की पेंटिंग्स है और उनकी वैल्यू 8 करोड़ के करीब है।
27 नवंबर 2020 को कमलरुख ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, ‘मैं पारसी हूं, और वो मुस्लिम थे। हम कॉलेज स्वीटहार्ट्स थे। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत शादी की थी। हमने स्पेशल मैरिज एक्ट (एक ऐसा एक्ट जिसके तहत आप दूसरे धर्म में शादी कर सकते हैं) के तहत शादी की थी। मैं अपनी इंटर-कास्ट मैरिज अनुभव साझा करना चाहती हूं...इस दौर और उम्र में कैसे एक महिला पूर्वाग्रह का सामना कर सकती है। धर्म के नाम पर तकलीफ देना और भेदभाव करना शर्मनाक और आंखें खोलने वाला है। शादी के बाद मुझे धर्म के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।’
कमलरुख ने आगे बताया था, ‘मेरी साधारण पारसी परवरिश बहुत ही लोकतांत्रिक थी। शादी के बाद यही स्वतंत्रता, शिक्षा और वैल्यू सिस्टम मेरे पति के परिवार के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई। एक पढ़ी-लिखी, सोचने-समझने वाली, स्वतंत्र महिला, जो अपना एक नजरिया रखती है, उन्हें मंजूर नहीं था, और रूपांतरण के दबावों का विरोध करना उनके लिए सही नहीं था।"
फिलहाल, अब ये केस क्या मोड़ लेता है, ये तो वक्त के साथ ही पता चलेगा। तो आपकी इस पूरे मामले पर क्या राय है? हमें कमेंट में बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।