हाल ही में, अभिनेत्री तन्वी आजमी ने खुद को 'विद्रोही' बताते हुए बाबा आजमी संग अपनी इंटरफेथ वेडिंग के बारे में हात की। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा है।
तन्वी आजमी (Tanvi Azmi) बॉलीवुड की बेहतरीन एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने 'बाजीराव मस्तानी' में रणवीर सिंह की मां का किरदार निभाया था और अपनी एक्टिंग स्किल से हर किसी को इम्प्रेस कर दिया था। हाल ही में, उन्हें वेब सीरीज 'दिल, दोस्ती, डिलेम्मा' में अनुष्का सेन के साथ देखा गया। पर्सनल लाइफ की बात करें, तो अभिनेत्री ने सिनेमैटोग्राफर बाबा आजमी से इंटरफेथ वेडिंग की है।
'Indianexpress.com' को दिए एक इंटरव्यू में तन्वी ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात की और खुद को विद्रोही बताया। तन्वी ने कहा कि वह आज्ञाकारी थीं, लेकिन शादी के बाद उनमें कुछ बदलाव आया था। एक्ट्रेस कहती हैं, “मैं एक आज्ञाकारी बच्ची थी और फिर कुछ बदलाव हुआ… मुझमें हमेशा कुछ विद्रोही खून था, लेकिन वह कुछ समय से निष्क्रिय था। हालांकि, एक समय ऐसा आया जब मैंने विद्रोह कर दिया। यह तब हुआ जब मेरी शादी हुई और यह बहुत ज्यादा हो गया था। मुझे ऐसा लगा जैसे पूरी मुंबई भड़क उठी हो, क्योंकि एक ब्राह्मण महाराष्ट्रीयन लड़की ने एक मुस्लिम व्यक्ति से शादी कर ली थी और यह कई लोगों के लिए दुनिया के अंत जैसा था। मेरे लिए, तभी विद्रोह शुरू हुआ और वह चलता रहा, वह कभी ख़त्म नहीं हुआ।”
'दिल, दोस्ती, डिलेम्मा' में तन्वी, अनुष्का सेन की दादी के किरदार में हैं। ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि इस रोल ने उन्हें कितना प्रभावित किया, तो एक्ट्रेस ने कहा, “मैं एक जॉइंट फैमिली में पली-बढ़ी हूं, तो मुझे पता है ऐसे परिवार में होना कैसा होता है। मुझे अपने दादाजी की बहुत याद आती है, जो मुझे बहुत लाड़-प्यार देते थे और मुझे लगता था कि मर्द महिलाओं के साथ इसी तरह व्यवहार करते हैं। मैं उनकी आंखों का तारा थी, उन्होंने मेरे 8 साल के होने तक मुझे अपने पास रखा था। हमारे शो में जो दिखाया गया है, ऐसा आज के बच्चे एक्सपीरियंस नहीं कर सकते, क्योंकि आजकल खासकर शहरों में माता-पिता सिर्फ अपने बच्चों के साथ रहते हैं। ऐसे में बच्चों को दादा-दादी का साथ नहीं मिलता।''
तन्वी आज़मी की फैमिली की बात करें, तो वह एक सफल परिवार से हैं, जिसमें कवि कैफ़ी आज़मी, अभिनेत्री शौकत आज़मी, शबाना आज़मी और जावेद अख्तर शामिल हैं। अपने परिवार के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री ने बताया, “ऐसे परिवार का हिस्सा बनना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इसने मुझे कभी दबाव महसूस नहीं होने दिया कि जैसा दूसरों ने हासिल किया, मुझे भी वैसा ही करना है। यह उनकी जर्नी है, जब तक मुझे अच्छा काम मिल रहा है, मैं अपनी जर्नी से खुश हूं। मेरा ध्यान वह काम करने पर है, जो मुझे चुनौती दे। मैंने कभी भी अपनी तुलना किसी से नहीं की या अपने परिवार में उपलब्धियां हासिल करने वालों के कारण खुद को कमतर महसूस नहीं किया। मुझे उनमें से हर एक पर बेहद गर्व महसूस होता है।''
फिलहाल, तन्वी आजमी के इन बयानों पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।