हाल ही में, राइटर और सोशल वर्कर सुधा मूर्ति ने 'द कपिल शर्मा शो' में खुलासा किया कि उन्होंने अपने पति नारायण मूर्ति को उनकी कंपनी शुरू करने के लिए 10,000 रुपए दिए थे। आइए आपको विस्तार से बताते हैं।
फेमस इंडियन राइटर और सोशल वर्कर सुधा मूर्ति (Sudha Murthy), जो यूनाइटेड किंगडम के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास भी हैं, जब से 'द कपिल शर्मा शो' में आई हैं, तब से सुर्खियों में छाई हुई हैं। दरअसल, शो के दौरान उन्होंने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़े कुछ ऐसे खुलासे किए, जिनके बारे में पहले शायद ही कोई जानता रहा होगा। ऐसे में उन्होंने अपनी शादीशुदा जिंदगी और पुराने दिनों के बारे में जो कहा, वह अब चर्चा का विषय बन गया है।
'द कपिल शर्मा शो' के लेटेस्ट एपिसोड में एक्ट्रेस रवीना टंडन के साथ फिल्म मेकर गुनीत मोंगा और प्रसिद्ध लेखक सुधा मूर्ति शामिल हुई थीं। शो के एक सेगमेंट के दौरान, सुधा ने अपने पति नारायण मूर्ति के साथ अपनी लव स्टोरी के बारे में बात की। बातों ही बातों में उन्होंने उस घटना को याद किया, जब उनके पति नारायण ने उन्हें अपनी कंपनी 'इंफोसिस' को शुरू करने के अपने फैसले को बताया था और कहा था कि तीन सालों तक वह काम नहीं कर पाएंगे, ऐसे में सुधा को काम करके परिवार चलाना होगा।
सुधा के शब्दों में, "उन्होंने (नारायण मूर्ति) ने 1981 में 'इंफोसिस' की शुरुआत की थी। हम तब मुंबई के बांद्रा में एक किराए के अपार्टमेंट में रह रहे थे। उन्होंने कहा, 'तुम जाओ और परिवार के लिए कमाओ और मुझे सपोर्ट करो'।"
सुधा मूर्ति ने बताया कि उनके पास कोई वित्तीय सहायता नहीं थी, ऐसे में उनके लिए कंपनी शुरू करने के बारे में सोचना भी लगभग असंभव था। हालांकि, सुधा ने 10,250 रुपए की बचत की हुई थी, जिसमें से 10,000 उन्होंने अपने पति को दे दिए, ताकि वह अपनी कंपनी 'इंफोसिस' शुरू कर सकें। इस बारे में उन्होंने कहा, "मैंने उनकी जानकारी के बिना 10,250 रुपए बचाए थे, जिनमें से मैंने उन्हें 10,000 रुपए दिए और बाकी आपात स्थिति के लिए बचा लिए थे।"
अपने उन दिनों को याद करते हुए सुधा ने स्वीकार किया कि अपने पति के सपनों में विश्वास जताना उनका सबसे बड़ा निवेश था और स्वीकार किया कि नारायण मूर्ति ने उनके भरोसे और 10,000 रुपयों के निवेश का अरबों में भुगतान किया। इसे अपने जीवन का सबसे अच्छा निवेश बताते हुए सुधा ने 'इंफोसिस' को भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रमुख आईटी सेवा कंपनियों में से एक बनाने के लिए अपने पति नारायण के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छा निवेश था, क्योंकि 10,000 रुपए अरबों में वापस आए।"
सुधा मूर्ति का जन्म 1950 में हुआ था और उन्हें उपन्यास, बच्चों की किताबें और शॉर्ट स्टोरीज लिखने के लिए जाना जाता है। उन्होंने 'इंफोसिस फाउंडेशन' की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहां वह चेयरपर्सन के रूप में कार्य करती हैं। इतना ही नहीं, 72 वर्षीय सुधा कई तरह से कार्य करती हैं, वह लेक्चर देती हैं और अपने अनुभवों व ज्ञान से लोगों को प्रेरित करती हैं। सुधा और नारायण मूर्ति की शादी 10 फरवरी 1978 को हुई थी। कपल के दो बच्चे अक्षता और रोहन हैं। अक्षता की शादी ऋषि सुनक से हुई है, जो भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की लव स्टोरी से फैमिली व नेट वर्थ तक के बारे में जानने के लिए यहां क्लिक करें।
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वैसे, जिस तरह से सुधा ने अपने पति के सपनों में विश्वास दिखाते हुए 'इंफोसिस' जैसी बड़ी कंपनी खड़ी करने में उनकी मदद की, वह वाकई काबिले-तारीफ और प्रेरणादायक है। तो इस पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।