कहते हैं 'प्यार की राह आसान नहीं होती है'। टीवी एक्ट्रेस सुधा चंद्रन को भी 'अपने जीवन के प्यार' रवि डांग को पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
फेमस भरतनाट्यम डांसर्स और इंडियन टेलीविजन की सराहनीय अभिनेत्रियों में से एक सुधा चंद्रन (Sudha Chandran) को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। महज 3 साल की उम्र से ही अपने मंत्रमुग्ध कर देने वाले डांस परफॉर्मेंस के साथ सुधा ने जबरदस्त स्टारडम और बिना शर्त प्यार के साथ एक लंबा व सफल रास्ता तय किया है, लेकिन उनका ये सफर आसान नहीं रहा है, चाहे वह उनका अभिनय करियर हो या फिर उनका निजी जीवन, दोनों में उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ा है।
बेहतरीन डांसर होने के बावजूद साल 1981 में मात्र 17 साल की उम्र में सुधा की जिंदगी उस वक्त थम गई, जब वह एक भयानक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थीं। उनका जीवन सुरक्षित रह गया था, लेकिन इस घटना ने उन्हें बहुत प्रभावित किया था। उनका पैर इतनी बुरी तरह से जख्मी हो गया था कि वह सड़ गया था और डॉक्टरों के पास उसे काटने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। हालांकि, वह डरी नहीं और एक सेंथेटिक पैर के साथ भी उन्होंने अपना डांस जारी रखा और भरतनाट्यम की बेस्ट डांसर्स में से एक के रूप में खुद को स्थापित किया।
दुर्घटना के बाद सुधा को धीरे-धीरे सफलता और पहचान की उम्मीद नज़र आने लगी। उनकी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना जनता तक पहुंच गई, जिससे वह कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बनीं। उन्हें तमिल फिल्म 'मयूरी' में अभिनय का पहला ब्रेक मिला, जो उनके वास्तविक जीवन के अनुभवों पर आधारित थी। इस पहली परफॉर्मेंस ने एक्टिंग के लिए छिपे उनके टैलेंट का एक बेस तैयार कर दिया और उन्हें बैक-टू-बैक फिल्मों के प्रपोजल से भर दिया, जिससे वह तुरंत दर्शकों की पसंदीदा बन गईं।
जैसे-जैसे वह अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ती गईं, उनका नाम हर घर में फेमस हो गया। एक नए प्रोजेक्ट की शूटिंग के दौरान सुधा की मुलाकात अपने मौजूदा पति रवि डांग से हुई, जो उस प्रोजेक्ट के एसोसिएट डायरेक्टर थे। सुधा तुरंत ही रवि के प्रति अट्रैक्टिव हो गईं और यह उनके लिए पहली नजर का प्यार था। एक साक्षात्कार में सुधा ने रवि के साथ अपनी पहली मुलाकात के बारे में बात करते हुए कहा था, “मैं उस फिल्म में अभिनय कर रहा थी, जब मुझे उनसे मिलवाया गया था। फिल्म के निर्माण के दौरान ही हमें प्यार हो गया और बाद में हमने शादी करने का फैसला किया।''
खैर, सुधा के लिए रवि उनके 'सपनों के राजकुमार' निकले। अपने रिश्ते के पहले दिन से ही सुधा को पता चल गया था कि वह हमेशा के लिए उनके ही हैं। वह उनके विनम्रता के गुणों से प्रभावित थीं, क्योंकि उन्होंने उनकी शारीरिक कमी के प्रति ज़रा-सी भी हिचकिचाहट के बिना उन्हें स्वीकार कर लिया था। रवि को भी सुधा में एक आदर्श प्रेम नजर आया था। जुहू समुद्र तट पर रोमांटिक डेट से लेकर शूटिंग शेड्यूल के बीच के कुछ यादगार पलों में चुपके से रवि और सुधा की प्रेम कहानी धीरे-धीरे आगे बढ़ी।
खैर, मिलन के लिए बिना किसी लड़ाई के एक प्रेम कहानी अधूरी लगती है और सुधा व रवि का प्यार भी संघर्ष के बिना नहीं पूरा हो सका। सुधा के माता-पिता उनके और रवि के मैच को लेकर बिल्कुल सख्त थे, क्योंकि वे उनकी किस्मत के बारे में अनिश्चित थे। चूंकि सुधा एक सच्चे तमिल परिवार में जन्मी इकलौती बेटी थीं, इसलिए उनके माता-पिता के लिए अपने समुदाय के बाहर इस तरह के रिश्ते को स्वीकार करना भी मुश्किल था।
सुधा ने एक बार अपनी लव लाइफ के इस समय को याद किया था और कहा था, “मेरे माता-पिता ने हमारी शादी का विरोध किया, क्योंकि वह एक पंजाबी हैं और मैं एक तमिलियन हूं। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसलिए, हमने आगे बढ़कर शादी करने का फैसला किया। हमने चेंबूर के चिरानगर मुरुगन मंदिर में शादी की।”
हमेशा के लिए एक-दूसरे के साथ रहने के अपने फैसले पर अडिग रहते हुए सुधा और रवि ने अपने प्यार को नहीं छोड़ने का फैसला किया और भागकर चुपके से शादी रचाई। अपने दोनों परिवारों और अन्य रिश्तेदारों को बताए बिना दोनों ने वर्ष 1994 में चेंबूर के चिराग नगर 'मुरुगन मंदिर' में एक छोटे से पारंपरिक विवाह समारोह में शादी कर ली।
अपनी शादी के बाद से सुधा ने हमेशा अपने जीवन में रवि जैसा विनम्र, ईमानदार और नेकदिल इंसान पाकर खुद को धन्य महसूस किया। वह अक्सर उनकी तारीफ करती हैं। रवि के साथ उन्हें कैसा महसूस होता है? इसे याद करते हुए सुधा ने एक बार कहा था, "रवि के साथ मैंने एक सुरक्षित, प्यार भरा और स्वस्थ वातावरण बनाने की खुशी का पता लगाया, जिसने हमें अपने रिश्ते बनाने में मदद की।"
लगभग 29साल से अधिक वर्षों के अपने मिलन का जश्न मनाने के बाद भी प्यारे कपल सुधा और रवि को अभी तक कोई संतान नहीं हुई है। हालांकि, उन्हें लगता है कि एक-दूसरे के साथ उनका साथ उनके लिए पर्याप्त है। 'कैराली टीवी' के साथ एक साक्षात्कार में सुधा से अपने वैवाहिक जीवन में बच्चे नहीं होने पर उनके रुख के बारे में पूछा गया और क्या वह अपने पति के साथ एक बच्चा गोद लेना पसंद करेंगी। इस पर सुधा ने बताया था कि वह और उनके पति गोद लेने में विश्वास नहीं करते हैं।
फिलहाल, शादी के 29 साल बाद भी सुधा और रवि का जीवन उतना ही ताजा और रोमांटिक है। तो आपको इनकी लव स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।