भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन इस समय बेहद खुश हैं, क्योंकि वह लगभग तीन साल बाद अपने 9 वर्षीय बेटे जोरावर से मिलने के लिए तैयार हैं। उनकी पूर्व पत्नी आयशा मुखर्जी को अदालत ने भारत बुलाया है।
दिग्गज क्रिकेटर शिखर धवन (Shikhar Dhawan) टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज़ हैं, जो प्रोफेशनल फ्रंट पर हाई राइडिंग कर रहे हैं। हालांकि, उनका निजी जीवन बहुत अच्छा नहीं रहा है और मौजूदा समय में वह अपनी पूर्व पत्नी आयशा मुखर्जी के साथ फेल मैरिज के लिए सुर्खियों में हैं। बता दें कि धवन और आयशा साल 2012 में शादी के बंधन में बंधे थे और उन्होंने साल 2014 में एक बच्चे जोरावर का स्वागत किया था। हालांकि, 2020 में उनकी शादी में अनबन की खबरें आईं और दोनों ने सितंबर 2021 में तलाक के लिए अर्जी दी।
आयशा और शिखर ने भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों जगह तलाक व बच्चे की कस्टडी को लेकर कानूनी कार्यवाही शुरू की थी। अपने तलाक के बाद से आयशा मुखर्जी ऑस्ट्रेलिया चली गईं और बेटे जोरावर को अपने साथ ले गईं। दुख की बात है कि शिखर धवन 33 महीने से अपने बच्चे से नहीं मिले हैं और वह उसे एक बार देखने के लिए तरस रहे हैं। खैर, शिखर धवन अपने नौ साल के बेटे के साथ फिर से जुड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, क्योंकि दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने उनकी पूर्व पत्नी आयशा को उनके बेटे को परिवार से मिलाने के लिए भारत लाने का आदेश दिया है।
8 जून 2023 को दिल्ली फैमिली कोर्ट ने आयशा मुखर्जी को बेटे जोरावर को एक फैमिली मीट के लिए भारत लाने का आदेश दिया और बताया कि अकेले एक मां के पास एक बच्चे पर सभी अधिकार नहीं होते हैं। जज हरीश कुमार ने यह भी कहा कि एक पिता को भी अपने बेटे से मिलने का अधिकार है।
जोरावर को भारत में धवन के परिवार से नहीं मिलने देने के आयशा के कारणों पर सवाल उठाते हुए जज ने कहा, "अकेले मां का बच्चे पर अधिकार नहीं है, फिर वह याचिकाकर्ता का अपने ही बच्चे से मिलने का विरोध क्यों कर रही हैं, जबकि वह एक बुरे पिता नहीं हैं। परिवार के भीतर वातावरण को दूषित करने का दोष दोनों को साझा करना पड़ता है। विवाद उत्पन्न होता है, जब एक परेशानियों को उठाता है और दूसरा इस पर ध्यान नहीं देता है।"
शिखर धवन का परिवार अगस्त 2020 से अपने बेटे जोरावर से नहीं मिला है और अब वे एक पारिवारिक समारोह की मेजबानी कर रहे हैं। इससे पहले, जब धवन ने निवेदन किया था कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा 17 जून 2023 को फैमिली मीट में शामिल हो, तो उनके बेटे के स्कूल में महत्वपूर्ण क्लासेस होने के कारण अदालत ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
इसके अलावा, आयशा ने यह भी दावा किया था कि इस कार्यक्रम में ज्यादा लोग शामिल नहीं होंगे, इसलिए उन्हें भी आने की जरूरत नहीं है। धवन ने बच्चे के स्कूल की छुट्टी को मैनेज करने के लिए 1 जुलाई 2023 को कार्यक्रम तय किया, लेकिन आयशा ने फिर से विरोध किया और दावा किया कि नई तारीख के बारे में परिवार के सदस्यों से परामर्श नहीं किया गया था।
दिल्ली की अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे धवन की पत्नी आयशा ने ऑस्ट्रेलियाई अदालत से क्रिकेटर को निगरानी सूची में डालने का आग्रह किया। इतना ही नहीं, आयशा को पिछले महीने अपने बच्चे की कस्टडी मामले में भारतीय अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाने के लिए भी फटकार लगाई गई थी।
आयशा को उनके कार्यों के लिए फटकार लगाते हुए जज ने कहा था, "खर्च पर उनकी आपत्ति उचित हो सकती है, लेकिन उनकी अनिच्छा को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। वह यह नहीं बता पाई हैं कि याचिकाकर्ता के बच्चे के बारे में उनका क्या डर है और उन्होंने उन्हें निगरानी सूची में डालने के लिए ऑस्ट्रेलिया में अदालत का दरवाजा क्यों खटखटाया।" यदि याचिकाकर्ता बच्चे की कस्टडी लेने के लिए कानून को अपने हाथ में लेने का इरादा रखता, तो वह भारत में अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाता।"
जब आयशा मुखर्जी ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर कर बयां किया था तलाक का दर्द। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
फिलहाल, शिखर अपने बेटे जोरावर से लगभग तीन साल बाद मिलने के लिए उत्साहित हैं। तो आपका इस बारे में क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।