पत्रकार और लेखक हनीफ जावेरी ने दिवंगत अभिनेता संजीव कुमार की जीवनी लिखी है। एक इंटरव्यू में उन्होंने दिवंगत अभिनेता के बारे में कुछ खुलासे किए। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।
'हरिहर जेठालाल जरीवाला' के रूप में जन्मे, अभिनेता ने अपना नाम बदलकर संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) कर लिया था और भारतीय सिनेमा में शानदार अभिनय से लोगों को अपना दीवाना बनाया था। महान अभिनेता ने फिल्म 'शोले' में 'ठाकुर' की भूमिका निभाई थी। अनगिनत फिल्मों में अपने उम्दा प्रदर्शन के लिए दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेता, संजीव कुमार ने 1960 की फिल्म 'हम हिंदुस्तानी' से अपने करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद उन्होंने 'दस्तक', 'कोशिश', 'त्रिशूल', 'अर्जुन पंडित' जैसी सैकड़ों हिंदी फिल्मों में अभिनय किया। लेकिन, उन्होंने कभी शादी नहीं की।
लेखक और पत्रकार हनीफ जावेरी और सुमंत बत्रा ने संजीव कुमार की बायोग्राफी लिखी है, जिसमें उनकी जिंदगी से जुड़ी कई दिलचस्प बातें बताई गई हैं। इस बीच 'पिंकविला' के साथ एक साक्षात्कार में हनीफ जावेरी को संजीव कुमार के जीवन के सबसे दिलचस्प एपिसोड में से एक को साझा करने के लिए कहा गया, जिसने उन्हें चौंका दिया था। उसी के बारे में बात करते हुए उन्होंने साझा किया कि, "संजीव कुमार ने हंसा नाम की लड़की से 1954 में सगाई कर ली थी। लेकिन तीन साल बाद सगाई टूट गई, क्योंकि संजीव उनसे शादी नहीं करना चाहते थे। सूरत में हंसा का पता लगाने में मुझे दो-तीन साल लग गए, जिनकी दो बार शादी हो चुकी है। वर्षों बाद, जब हंसा का परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था, उस समय संजीव एक सुपरस्टार थे, उन्हें इस बात का पता चला, तो उन्होंने अपनी मां से कहा था कि, वह परिवार की मदद करना चाहते हैं। कहीं न कहीं, उन्हें लगता था कि, उन्होंने हंसा का दिल तोड़ा है।"
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हनीफ जावेरी ने संजीव कुमार के दुर्भाग्यपूर्ण प्रेम जीवन पर कुछ प्रकाश डाला और फिल्म 'देवी' के सेट पर संजीव और नूतन के बीच थप्पड़ मारने की घटना के बारे में भी बात की। उन्होंने बताया कि, "फिल्मों में आने के बाद उनके जीवन में दो महत्वपूर्ण रिश्ते थे। एक स्वर्गीय अभिनेत्री नूतन के साथ और दूसरा हेमा मालिनी के साथ था। नूतन एक विवाहित महिला थीं और उनको एक बेटा था। उनके पति रजनीश बहल एक नौसेना अधिकारी थे। और वह किसी भी तरह से एक अफेयर को बर्दाश्त नहीं कर सकते थे। हमने 'देवी' (1970) के सेट पर 'थप्पड़ मारने की घटना' (कथित तौर पर नूतन ने संजीव को फिल्म के सेट पर बढ़ती नजदीकियों के लिए थप्पड़ मारा) का उल्लेख किया है। हमने इस बारे में, उससे पहले क्या हुआ था, उस दिन क्या हुआ था... सब कुछ विस्तार से कवर किया है।"
उन्होंने आगे कहा कि, 'हेमा मालिनी के साथ अपने ब्रेकअप के बाद संजीव अडिग थे और वह किसी से शादी नहीं करना चाहते थे।' इसके बारे में बात करते हुए हनीफ ने कहा, "खैर, हेमा मालिनी के साथ संजीव के ब्रेकअप के लिए कई कारण बताए गए हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि, एक शीर्ष अभिनेता कहीं न कहीं इसके लिए जिम्मेदार थे। अपनी ओर से हेमा ने संजीव को चीजों को समझाने की पूरी कोशिश की। लेकिन संजीव अडिग थे। हेमा मालिनी के साथ ब्रेकअप के बाद, संजीव शादी नहीं करना चाहते थे। उन्होंने शादी पर विचार करना बंद कर दिया था। उन्हें यह भी डर था कि, उनकी पत्नी उनकी देर रात और अनिश्चित जीवन शैली के अनुकूल नहीं हो पाएगी।" कहते हैं कि, सुलक्षणा पंडित उनसे शादी करना चाहती थीं, मगर संजीव कुमार ने इनकार कर दिया था। बायोग्राफी में बताया गया है कि, एक बार हेमा मालिनी अभिनेता राजेश खन्ना के कहने पर उनके साथ एक हॉलीवुड फिल्म के प्रीमियर पर चली गई थीं। इस बात से संजीव कुमार नाराज हो गए और इसके बाद उनके बीच दूरी आ गई।
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फिर उनसे पूछा गया कि, क्या हेमा की धर्मेंद्र से नजदीकी की अफवाहों के चलते संजीव परेशान थे। इस तथ्य से इनकार करते हुए हनीफ ने खुलासा किया कि, "वास्तव में, जितेंद्र, जिसने हेमा मालिनी को प्रपोज किया था, और संजीव के दोस्त भी थे। संजीव ने जितेंद्र के साथ में भी अभिनय किया था। संजीव का रुख था, "ब्रेक-अप के बाद, क्या होता है, यह मेरी चिंता नहीं है।" 'शोले' (1975) की शूटिंग के दौरान, संजीव और हेमा अलग-अलग होटलों में रहते थे। उन्हें किसी भी फ्रेम में एक साथ नहीं देखा गया था। 'त्रिशूल' (1978) में भी ऐसा ही था। माना जाता है कि, संजीव को 'शान' (1980) में शाकाल का किरदार निभाना था। जब उन्हें पता चला कि, हेमा को इसका हिस्सा बनना है, तो उन्होंने फिल्म छोड़ दी। आखिरकार, हेमा ने भी इस फिल्म को छोड़ दी थी और इसमें बिंदिया गोस्वामी आ गई थीं।"
साक्षात्कार के अंत में हनीफ से पूछा गया कि, क्या संजीव कुमार अपने परिवार के उन पुरुषों की तरह मरने से डरते थे, जो 50 साल से अधिक तक जीवित नहीं रहे थे, इस पर उन्होंने कहा कि, "वह मौत से नहीं डरते थे। एक साक्षात्कार में तबस्सुम ने उनसे पूछा था कि, कम उम्र में ही उन्होंने 'बूढ़े आदमी' की भूमिकाएं क्यों स्वीकार कीं। इस पर संजीव ने मजाक में जवाब दिया था कि, "मैं बूढ़ा नहीं होने जा रहा हूं, क्योंकि मैं 50 साल से अधिक समय तक नहीं रहूंगा, मेरे परिवार के अन्य पुरुषों की तरह। इसलिए, मैंने स्क्रीन पर बुढ़ापे का अनुभव किया।”
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जानकारी के लिए बता दें कि, संजीव कुमार के दादा, शिवलाल जरीवाला, उनके पिता जेठालाल जरीवाला ... सभी 50 तक पहुंचने से पहले ही दुनिया से चले गए। संजीव की भी 47 वर्ष की आयु में (6 नवंबर 1985 को) मृत्यु हो गई। उन सभी की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई।
जो नहीं जानते, उन्हें बता दें कि, संजीव कुमार जीवन भर अविवाहित रहे। तो एक्टर के निधन के इतने दिनों के बाद अब फैंस को संजीव कुमार के बारे में काफी कुछ जानने को मिलेगा। तो आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।