हाल ही में, एक्टर संजय कपूर ने एक लेटेस्ट इंटरव्यू में अपनी बेटी शनाया कपूर और उनके करियर के बारे में बात की है। आइए आपको बताते हैं उन्होंने क्या कहा है।
बॉलीवुड एक्टर संजय कपूर (Sanjay Kapoor) फिल्म इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया है। इसके बाद भी उन्हें वह सफलता नहीं मिल पाई, जो उनके भाई अनिल कपूर को मिली है। हालांकि, अब उनकी बेटी शनाया कपूर फिल्मों में काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और उन्हें अपनी बेटी से काफी उम्मीदें हैं।
'ई-टाइम्स' को दिए एक लेटेस्ट इंटरव्यू में संजय कपूर ने अपने और बेटी शनाया के करियर के बारे में खुलकर बात की है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि, वह अर्जुन कपूर के लिए एक पिता की तरह हैं।
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अपने करियर के बारे में बात करते हुए संजय ने कहा, ''जब मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी, तो मैं जो भी किरदार निभाता हूं, उसे अगली फिल्म शुरू करने से पहले उस रोल से निकल जाता हूं, क्योंकि एक नए कलाकार के रूप में भी मैं पांच फिल्मों की शूटिंग कर रहा था। मेरी पहली फिल्म रिलीज होने से पहले ही, मैं एक समय में फिल्म 'राजा', 'कर्तव्य', 'बेकाबू' और 'छुपा रुस्तम' की शूटिंग कर रहा था। 1995 में, मैं पहला अभिनेता था, जिसकी एक के बाद एक कई फ़िल्में रिलीज़ हुई थीं। मई में 'प्रेम' रिलीज हुई, जून में 'राजा' रिलीज हुई, सितंबर में 'कर्तव्य' और 1996 जनवरी में 'बेकाबू' आ गई। इसलिए जब आप अलग-अलग भूमिकाएं करते हैं और एक फिल्म के लिए 15 दिन और दूसरी फिल्म के लिए अगले कुछ दिनों तक शूटिंग करते हैं, तो एक किरदार में होना मुश्किल हो जाता है। आज, हम एक ही प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करते हैं और यही कारण है कि, जब प्रदर्शन, निरंतरता और फिल्म निर्माण के कई अलग-अलग पहलुओं की बात आती है, तो गुणवत्ता में वास्तव में सुधार हुआ है। पहले मैं साथ में 5 फिल्मों के लिए काम करता था और हर दिन दो शिफ्ट में भी काम करता था। मैं एक दिन में दो फिल्मों की शूटिंग करता था।''
जब संजय से पूछा गया कि, महीप और आपके बच्चों के अलावा परिवार में आपके सबसे करीब कौन है? इसका जवाब देते हुए संजय ने कहा, ''मैं परिवार में सभी के करीब हूं, क्योंकि मेरा व्यक्तित्व ऐसा ही है। हालांकि, कुछ स्थितियों और घटनाक्रमों की बदौलत मैं अर्जुन कपूर के सबसे करीब हो गया हूं। मैंने सचमुच उन्हें पाला है। हम लोखंडवाला में एक ही घर में रहते थे। मैं शादी के बाद जुहू में शिफ्ट हो गया, तब भी हमने एक साथ काफी समय बिताया। मैंने उनके साथ एक फिल्म भी बनाई है और उनके साथ काफी समय बिताया है। मैं परिवार में अन्य लोगों के भी करीब हूं। मैं अपनी बहन के बच्चों के भी करीब हूं, लेकिन अर्जुन के साथ मैंने सबसे ज्यादा वक्त बिताया है। अभी शायद ऐसा न लगे, लेकिन जब अर्जुन बहुत छोटे थे, तब मैं सचमुच उनके लिए पिता समान था। हमारे बीच 'चाचा-भतीजा' का रिश्ता है, लेकिन हम दोस्तों की तरह हैं।''
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बेटी शनाया के करियर पर बात करते हुए संजय कपूर ने बताया, ''एक्ट्रेस बनने की इच्छा एक ऐसी चीज है, जो भीतर से आती है। हम किसी को एक्ट्रेस बनने के लिए सलाह या मार्गदर्शन नहीं दे सकते हैं। अगर कोई अभिनेता बनना चाहता है, तो हमें उस व्यक्ति को अपने सपने का पीछा करने से नहीं रोकना चाहिए। मुझे लगता है कि, यह काम करने के लिए एक अद्भुत इंडस्ट्री है और एक्ट्रेस बनने का फैसला शनाया का था। महीप और मैंने हमेशा उन्हें प्रोत्साहित किया है। वह पिछले 8-9 वर्षों से ट्रेनिंग ले रही हैं। लोग अब केवल उनकी एक झलक स्क्रीन पर देखेंगे, लेकिन वह 12 साल की उम्र से कड़ी तैयारी कर रही हैं। वह अपनी डांस क्लासेस, डिक्शन ट्रेनिंग और भी बहुत कुछ करती हैं। यहां तक कि, महामारी के दौरान, जब हर कोई घर पर बैठा था, वह हर समय अपने लैपटॉप पर रिहर्सल करती रहती थीं। वह बहुत फोकस्ड हैं और एक्ट्रेस बनने का फैसला हमेशा उनका खुद का था। मैंने उन्हें कभी एक्ट्रेस बनने के लिए नहीं कहा। हालांकि, जब उन्होंने कहा कि, वह एक एक्ट्रेस बनना चाहती हैं, तो मैंने उनका समर्थन किया।''
फिलहाल, संजय कपूर के इन खुलासों पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।