भारतीय सिनेमा को 'मुगल-ए-आजम' जैसी फिल्म देने वाले दिग्गज दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की 7 जुलाई 2022 को पहली बरसी है। इस मौके पर उनकी पत्नी सायरा बानो ने उन्हें याद किया है। आइए आपको बताते हैं।
दिवंगत दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार (Dilip Kumar) सिर्फ एक नाम नहीं हैं, वह भारतीय सिनेमा का एक युग रहे हैं। 'मुगल-ए-आजम', 'क्रांति', 'सौदागर' और 'कर्मा' जैसी न जानें कितनी बेमिसाल फिल्मों को देने वाले एक्टर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी डायलॉग डिलीवरी और शानदार अभिनय की वजह से वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे। कल यानी 7 जुलाई 2022 को उनकी पहली डेथ एनिवर्सरी है। इसी बीच उनकी पत्नी व बीते जमाने की दिग्गज और खूबसूरत एक्ट्रेस सायरा बानो (Saira Banu) ने 'ईटाइम्स' को एक लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं के बारे में बताया है।
बता दें कि, दिलीप कुमार की मृत्यु के बाद से ही सायरा बानो की भी तबीयत ठीक नहीं रहती है। कई बार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब उन्होंने अपने पति को उनकी पहली डेथ एनिवर्सरी पर याद करते हुए लेटर लिखा, तो वह टूट गई थीं। सायरा लिखती हैं, "मुझे आश्चर्य है कि, आप में से कितने लोग इसे पढ़ रहे हैं, जिन्होंने अपने जीवन के प्यार, जिसे वो सबसे ज्यादा प्यार करते हैं, उनके साथ, पल, दिन और कई साल बिताए हैं। यदि आपके साथ आपका जीवनसाथी है, तो आप आसानी से समझ सकते हैं कि, उस खाली जगह को देखकर मैं कैसा महसूस करती होउंगी, जहां मैंने अपने पति के साथ साढ़े 5 दशक से ज्यादा बिताए हैं। मैं मुंह फेरकर वापस सोने की कोशिश करती हूं, मानो ऐसा करके मैं फिर से अपनी आंखें खोलूंगी और उन्हें अपनी बगल में सोते हुए देखूंगी। मुझे उनके गुलाबी गाल सुबह की किरणों में चमकते हुए दिखाई देंगे।''
सायरा आगे लिखती हैं, ''निश्चित रूप से मैं सच्चाई जानती हूं। एक ऐसी सच्चाई, जिसे सभी को मानना है। जब आप अपने जीवन में सबसे कीमती लोगों को खो देते हैं, तो मेरा मानना है कि, ये बात आपको सबसे ज्यादा परेशान करती है कि, भगवान की मर्जी के आगे आपकी एक नहीं चल सकती। हमारे पास ईश्वर की इच्छा को मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता है। हालांकि, मुझे यह स्वीकार करना होगा। इसके साथ ही मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि, मेरा और यूसुफ (दिलीप) का साथ 56 साल या उससे ज्यादा तक रहा। पूरी दुनिया अब जानती है कि, मुझे 12 साल की उम्र में उनसे प्यार हो गया था और मैं इस सपने के साथ बड़ी हुई थी कि, वह मेरे लिए परफेक्ट पर्सन हैं। जब मेरा यह सपना सच हुआ, तो मुझे पता था कि, मैं अकेली उनकी फैन नहीं थी और मैं उन महिलाओं की लंबी लाइन में कूद गई थी, जो श्रीमती दिलीप कुमार बनने की उम्मीद कर रही थीं।''
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वह आगे लिखती हैं, ''मैं उनका साथ पाकर बहुत खुश थी, लेकिन साथ ही यह भी जानती थी कि, वह मुझपर पूरा ध्यान नहीं देने वाले हैं। वह अपने काम के प्रति बहुत समर्पित और जुनूनी थे। साथ ही, वह अपने भाई-बहनों के लिए न केवल एक भाई थे, बल्कि एक पिता के समान थे और उनके लिए शक्ति व समर्थन के पिलर थे।''
उन्होंने आगे लिखा, ''वह अपनी निजी जिंदगी में अन्य अभिनेताओं से अलग थे। देश के पहले सुपरस्टार के रूप में उन्होंने जो पद हासिल किया था, उसके लिए उनके मन में अत्यधिक सम्मान था और उन्होंने सामाजिक कारणों का समर्थन करना व अपने फैंस के लिए एक अच्छा रोल मॉडल बनना अपनी जिम्मेदारी समझी। मैंने अल्लाह को धन्यवाद दिया और धन्यवाद देना जारी रखा, जिसने मुझे एक ऐसे व्यक्ति का उपहार दिया, जो दिल से एक बच्चे की तरह सरल और शुद्ध थे। मैं पागल लग सकती हूं ये कहती हुई कि, वह मेरे लिए जिंदा हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने काम के रूप में हमारे लिए बहुमूल्य विरासत छोड़ी है।''
अपने बीते दिनों को याद करते हुए सायरा लिखती हैं, ''जब मुझे याद आता है कि, कैसे उन्होंने मेरी दादी से बात की थी, जिनके साथ वे अक्सर शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत और उर्दू कविता पर चर्चा करते थे। मेरी मां उनके लिए खास क्रॉकरी में पसंदीदा चाय लेकर आती थीं। मैं हर चीज में उन्हें महसूस करती हूं। उदाहरण के लिए, जिस बगीचे में वह आराम करना पसंद करते थे, विशेष रूप से शाम को जब कौवे पेड़ों में अपने घोंसलों की ओर उड़ते हुए एक कर्कशता पैदा करते हैं। उनके पास एक विशेष सीटी थी, जिसे कौवे पहचानते थे और वह उन्हें बगीचे में बुलाते थे, जहां वो खुद बैठे होते थे।''
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उन्हें याद करते हुए एक्ट्रेस लिखती हैं, ''मेरी जिंदगी को कोई भी दिन ऐसा नहीं गुजरता, जब वह मेरी आंखों के सामने न हों। अगर किसी ने टेलीविजन चालू कर दिया है और उनकी एक फिल्म स्क्रीन पर चल रही है, अगर कोई ऑडियो डिवाइस चालू है और उन पर फिल्माया गया गाना बज रहा है, तो मेरा स्टाफ उत्सुकता से देखता और सुनता है, लेकिन मैं उनसे जुड़ने से बचती हूं, क्योंकि मैं अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाती। मैं बिना टूटे अपने साहेब की कोई छवि नहीं देख सकती। चाहे वह उनकी किसी फिल्म का लोकप्रिय गीत हो, साक्षात्कार या व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड मैसेज, कहानियों और उनके काम के बारे में व्यक्तिगत यादों से भरी हुई बाते हों, मैं ये सब सुनकर अक्सर भावुक हो जाती हूं।''
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सायरा ने अपने लेटर के अंत में लिखा, विडंबना देखिए कि, मैं जानती हूं कि, वो हमेशा मेरे साथ हैं, मेरे दिल में हैं, लेकिन फिर भी हर सुबह मैं अपनी आंखें इसी विचार से खोलती हूं कि, उन्हें अपने सामने पाउंगी।'' खैर, भले ही अब दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके बेहतरीन अभिनय से वह हमेशा हमारे जहन में जिंदा रहेंगे। तो, सायरा के इस इमोशनल नोट पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।