बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान की 5000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को लेकर हाल ही में, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, उनके चारों बच्चे इसके वारिस नहीं बन सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान (Saif Ali Khan), जो अपनी नायाब एक्टिंग के लिए जाने जाते है, वो पटौदी खानदान के 10वें नवाब भी हैं। उन्हें यह उपाधि अपने स्वर्गीय पिता मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi) से विरासत में मिली थी, जो एक भारतीय क्रिकेटर भी थे। एक्टर भारत के अमीर परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनकी संयुक्त संपत्ति की कीमत लगभग 5000 करोड़ रुपए है, जिसमें हरियाणा में पटौदी पैलेस और भोपाल में उनकी अन्य पैतृक संपत्ति शामिल हैं।
अक्सर हमने सैफ अली खान और उनकी वाइफ व एक्ट्रेस करीना कपूर खान को हरियाणा में नवाबों की पुश्तैनी संपत्ति में घूमने के लिए जाते देखा है। वैसे सैफ के लिए ये जगह सिर्फ हॉलिडे के लिए ही नहीं है, बल्कि ये उनके लिए एक इमोशनल वैल्यू भी रखती है, क्योंकि उनके पिता और दादा को यहीं दफनाया गया था। जिस तरह उन्हें अपने पिता से संपत्ति विरासत में मिली, उसी तरह सैफ भी इसे अपने बच्चों सारा अली खान, इब्राहिम अली खान, तैमूर अली खान और जहांगीर अली खान को देना चाहेंगे। हालांकि, इस समय यह मुश्किल लग रहा है।
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दरअसल, ‘बॉलीवुड लाइफ’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, चूंकि पटौदी हाउस भारत सरकार के विवादास्पद शत्रु विवाद अधिनियम के अंतर्गत आता है, इसलिए कोई भी इसका उत्तराधिकारी होने का दावा नहीं कर सकता है। रिपोर्ट में लिखा है, “जाहिर है, पटौदी हाउस से संबंधित सभी संपत्तियां और अन्य प्रासंगिक संपत्तियां भारत सरकार के विवादास्पद शत्रु विवाद अधिनियम के अंतर्गत आती हैं और इस तरह, कोई भी ऐसी किसी भी संपत्ति या संपत्ति का उत्तराधिकारी होने का दावा नहीं कर सकता है, जो उक्त अधिनियम के दायरे के अंतर्गत आती है।”
हालांकि, रिपोर्ट में आगे ये भी कहा गया है कि, अगर कोई सैफ अली खान की 5000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के वारिस होने का दावा करना चाहता है, तो उन्हें हाई कोर्ट जाना होगा। इसके असफल प्रयास पर सुप्रीम कोर्ट और भारत के राष्ट्रपति का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, “यदि कोई व्यक्ति या लोग शत्रु विवाद अधिनियम का विरोध करना चाहते हैं और किसी संपत्ति पर दावा करना चाहते हैं, जो उन्हें लगता है कि यह उनका अधिकार है, तो उन्हें उच्च न्यायालय का रुख करना होगा, जिसमें विफल होने पर, अगला विकल्प उन्हें सर्वोच्च न्यायालय और अंत में, भारत के राष्ट्रपति के पास ले जाता है।”
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रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि, सैफ अली खान के पर-दादा हमीदुल्लाह खान जो ब्रिटिश शासन के अंतर्गत नवाब थे, उन्होंने कभी अपनी सारी संपत्तियों के लिए वसीयतनामा नहीं बनाया था। जिससे परिवार में मुख्य रूप से पाकिस्तान में सैफ की पर-दादी के वंशजों से, किसी बात को लेकर विवाद हो सकता है। इसलिए, इन सभी वैधताओं को देखते हुए, यह माना जा सकता है कि, सैफ अली खान द्वारा हरियाणा और भोपाल में अपनी संपत्ति अपने बच्चों सारा, इब्राहिम, तैमूर और जहांगीर के नाम करने की संभावना काफी कम है।
जानकारी के लिए बता दें कि, शत्रु सम्पत्ति अधिनियम 1968 भारतीय संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है, जिसके अनुसार शत्रु सम्पत्ति पर भारत सरकार का अधिकार होगा। इस अधिनियम के अनुसार जो लोग बंटवारे या 1965 में और 1971 की लड़ाई के बाद पाकिस्तान चले गए और जिन्होंने वहां की नागरिकता ले ली थी, उनकी सारी अचल संपत्ति 'शत्रु संपत्ति' घोषित कर दी गई।
सैफ अली खान ‘द कपिल शर्मा शो’ में अपनी फिल्म ‘भूत पुलिस’ के प्रमोशन के लिए आए थे। इस दौरान उन्होंने शाही संपत्ति के मालिक होने की झंझटों पर खुलकर बात की थी और खुद को 'छोटा सा जमींदार' कहा था। एक्टर ने कहा था, “अरे, ये बहुत बड़ा सिरदर्द है। मैं अभी छोटा सा जमींदार हूं। पुरानी सोच, हमने प्रॉपर्टी में निवेश किया और उसे रेंट पर लगा दिया। मुझे एसी, पानी की लीकेज की समस्या से संबंधित इतने कॉल्स आते थे। कभी मुझे लगता था कि, ‘मुझे किसी को हायर कर लेना चाहिए’। मैंने आखिरकार एक मैनेजर रख लिया। लेकिन उससे पहले, मैं सारे इश्यूज खुद हैंडल करता था।”
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फ़िलहाल, अब इस रिपोर्ट में कितनी सच्चाई है, ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा। तो आपकी इस बारे में क्या राय है? हमें कमेंट में बताएं, साथ ही कोई सुझाव हो तो अवश्य दें।