लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर 2023 को 'सहारा समूह' के संस्थापक और अध्यक्ष सुब्रत रॉय सहारा का निधन हो गया। आइए आपको बताते हैं।
देश के जाने-माने उद्योगपति व 'सहारा समूह' के संस्थापक और अध्यक्ष सुब्रत रॉय (Subrata Roy) का लंबी बीमारी से जूझने के बाद 14 नवंबर 2023 मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।
सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि मेटास्टेटिक मैलिग्नेंसी, हाइपरटेंशन और डायबिटीज से उत्पन्न जटिलताओं के साथ लंबी लड़ाई के बाद कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण 24 नवंबर 2023 को सुब्रत रॉय का निधन हो गया। 12 नवंबर 2023 (रविवार) को उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंबई के 'कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट' में भर्ती कराया गया था।
कंपनी ने कहा, "उनके निधन से पूरे सहारा इंडिया परिवार को गहराई से दुख है। सहारा इंडिया परिवार 'सहाराश्री' की विरासत को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारे संगठन को आगे बढ़ाने में उनके दृष्टिकोण का सम्मान करना जारी रखेगा।"
समाजवादी पार्टी मुखिया और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सहारा के निधन में शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, "श्री सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए एक भावनात्मक क्षति है, क्योंकि वह एक बहुत ही सफल व्यवसायी होने के साथ-साथ बड़े दिल वाले एक संवेदनशील व्यक्ति भी थे, जिन्होंने अनगिनत लोगों की मदद की और उनका सहारा बने।"
साल 1948 में बिहार के अररिया में जन्मे सुब्रत रॉय की 'सहारा इंडिया परिवार' शुरू करने की सफलता की कहानी 1978 में शुरू हुई। सहारा ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि केवल 2,000 रुपए की पूंजी से शुरुआत करने वाली कंपनी ने एंटरप्रेन्योरशिप में टॉप बनने के लिए एक लंबा सफर तय किया है। बाद में उनका परिवार बिहार से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चला गया।
इसके बाद, सुब्रत रॉय 1990 के दशक में लखनऊ शिफ्ट हो गए और यहीं अपने ग्रुप का मुख्यालय बनाया। हालांकि, सहारा को एक मामले में पैसे को लेकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसे अब 'सहारा चिटफंड घोटाला' के रूप में जाना जाता है।
सुब्रत रॉय की लव लाइफ: जब 'सहारा' को गिरवी रखने पड़ गए थे पत्नी के गहने, पढ़ें इनकी प्रेम कहानी
कथित मनी लॉन्ड्रिंग केस में साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहारा की एक निवेशक योजना को अवैध बताने के साथ शुरू हुआ मामला तेजी से एक बड़े विवाद में बदल गया, जिसमें पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से जांच करने को कहा। इसके बाद, सहारा ने वर्षों तक इस मामले में लड़ाई लड़ी। इसके बाद उन्हें जमाकर्ताओं को पैसा वापस करने के लिए कहा गया।
इस साल की शुरुआत में एक वेबसाइट खोली गई थी, जहां सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ता 45 दिनों में अपने रिफंड का दावा कर सकते हैं। यह वेबसाइट मार्च में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद लॉन्च की गई थी, जिसमें कहा गया था कि सहारा सहकारी समितियों में निवेश किए गए जमाकर्ताओं को 'सहारा-सेबी रिफंड खाते' से CRCS में 5,000 करोड़ ट्रांसफर किए जाने चाहिए। इसके साथ ही सरकार ने जमाकर्ताओं को सहारा घोटाले में फंसा पैसा लौटाने का आश्वासन दिया था।
सुब्रत रॉय के परिवार में उनकी पत्नी स्वप्ना रॉय और दो बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय हैं, जो विदेश में रहते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों बेटे अपने पिता के कारोबार से ही जुड़े हुए हैं। सुब्रत ने साल 2004 में अपने दोनों बेटों की शादी एक ही दिन कराई थी, इसमें 10,000 से ज्यादा मेहमान पहुंचे थे।
फिलहाल, हम भी सुब्रत रॉय सहारा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं।