क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर हमेशा ही अपने निजी जीवन के बारे में मीडिया से बात करने से सकुचाते रहे हैं, लेकिन इनकी 'लव स्टोरी' बहुत ही रोचक रही है। तो आइए आपको बताते हैं इनकी प्रेम कहानी के बारे में।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) बहुत ही शर्मीले हैं और ये बात उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर (Anjali Tendulkar) भी मानती हैं। यही कारण है कि सचिन अपनी निजी जीवन से जुड़ी बातों को मीडिया से दूर रखना ही पसंद करते हैं। लेकिन आखिरकार क्रिकेटर की 'बायोग्राफी' और उनकी पत्नी अंजलि के इंटरव्यू से उनकी 'लव स्टोरी' का पता चल ही गया है। सचिन और अंजलि का 'फर्स्ट साइट लव' अचानक परवान चढ़ा था। सचिन तेंदुलकर की 'लव स्टोरी' कम रोमांटिक नहीं है, लेकिन इसे बहुत कम लोग ही जानते हैं। उनका रिश्ता काफी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। भले ही उन्होंने अपनी इस 'लव स्टोरी' को बहुत समय बाद में दुनिया के सामने रखा, लेकिन उनके फैंस के लिए ये किसी गिफ्ट से कम नहीं है। तो आइए सचिन और अंजलि की इस लव स्टोरी की कुछ अनसुनी बातों को आपके साथ शेयर करते हैं।
सचिन और अंजलि का प्यार पहली नजर वाला था। दोनों ने एक-दूसरे के पहली बार मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर देखा और उन्हें प्यार हो गया था। जब दोनों की मुलाकात हुई थी, उस समय सचिन साल 1990 में अपने पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट दौरे से लौट रहे थे, जबकि अंजलि अपनी मां को एयरपोर्ट पर रिसीव करने गई थीं। यहीं पर अंजलि की दोस्त ने सचिन के बारे में उन्हें बताया था और फिर अंजलि ने उनका नाम चिल्लाना शुरू कर दिया। फैंस की भीड़ में सचिन की निगाह अंजलि पर गई और दोनों ने एक-दूसरे को पहली ही नजर में पसंद कर लिया था। सचिन यहां झेंप गए और अंजलि के देखते हुए मुस्कुराकर निकल गए थे। इस बीच अंजलि यह भी भूल गई थीं कि, वह अपनी मम्मी को रिसीव करने आई थीं। (ये भी पढ़ें: अनुष्का शर्मा के बचपन की दोस्त हैं साक्षी धोनी, देखें दोनों की स्कूल से लेकर कॉलेज तक की फोटोज)
एयरपोर्ट पर पहली मुलाकात के कुछ दिन बाद ही अंजलि और सचिन एक कॉमन फ्रेंड के घर पर मिले थे। यहां से उनके रिश्ते ने आकार लेना शुरू कर दिया। अंजलि तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि, "मुझे नहीं पता था कि वो मुझमें क्या पसंद करते थे, हालांकि मैं जब उनसे पहली बार मिली थी, तो मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ भी पता नहीं था और न ही मैं सचिन को जानती थी।” जब सचिन तेंदुलकर और अंजलि पहली बार मिले थे, तब अंजलि डॉक्टर बन चुकी थीं और प्रैक्टिस करती थीं। वहीं, सचिन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत ही की थी। अंजलि की क्रिकेट में दिलचस्पी काफी कम थी। वह स्पोर्ट्स और खासकर क्रिकेट के बारे में ज्यादा नहीं जानती थीं। हालांकि, जब सचिन और अंजलि करीब आए और उन्होंने डेटिंग शुरू की, तो अंजलि ने क्रिकेट के बारे में अपनी जानकारी बढ़ानी शुरू कर दी थी। (ये भी पढ़ें: रवींद्र जडेजा की लव स्टोरी: क्रिकेट के 'जादूगर' को BJP नेत्री रीवाबा सोलंकी से ऐसे हुआ था प्यार)
सचिन अपने करियर की शुरुआत से ही फेमस हो गए थे, ऐसे में अंजलि के साथ डेटिंग पर कहीं बाहर जाना उनके लिए काफी मुश्किल रहता था। इसके चलते वे बहुत कम बाहर निकल पाते थे। एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में अंजलि ने एक पुराने दिनों को याद करते हुए बताया था कि, अपने दोस्तों के साथ वे फिल्म ‘रोजा’ देखने जा रहे थे, लेकिन उन्हें डर था कि अगर लोग सचिन को पहचान गए तो फिर मुसीबत खड़ी हो जाएगी। इसलिए सचिन ने नकली दाढ़ी और चश्मा लगाकर अपना हुलिया बदल लिया था। तब फिल्म देखने गए। इतना ही नहीं, उन्होंने फिल्म शुरू होने के कुछ देर बाद थिएटर में एंट्री की, ताकि लोगों का ध्यान उन पर न जाए, लेकिन इंटरवल के दौरान अचानक उनका चश्मा गिर पड़ा और लोगों ने उनको पहचान लिया और घेर लिया। इसके चलते उनको फिल्म बीच में ही छोड़कर निकलना पड़ा। (ये भी पढ़ें: केएल राहुल से लेकर शुभमन गिल तक ये क्रिकेटर्स किसको कर रहे हैं डेट! जानें इसके बारे में)
सचिन की बायोग्राफी ‘प्लेइंग इट माई वे’ की लॉन्चिंग पर भी अंजलि ने अपनी लव स्टोरी से जुड़ी कई बातें शेयर की थीं। उन्होंने बताया था कि, “वह सचिन को लेटर लिखती थीं ताकि इंटरनेशनल कॉल के खर्च से बचा जा सके। उस समय दोनों ही एक-दूसरे को लेटर लिखकर अपनी फीलिंग शेयर करते थे। उन्होंने बताया था कि, न्यूजीलैंड दौरे पर सचिन से मिलने के लिए किस तरह उन्होंने दुस्साहसिक काम करते हुए अंधेरे में 46 एकड़ लंबा रास्ता पार किया था। दोनों ने न्यूजीलैंड में ही सगाई का फैसला किया था। उन्होंने अंजलि से ये बात अपने परिवार को बताने को कहा था। वह पहली बार एक पत्रकार बनकर सचिन के घर गई थीं। (ये भी पढ़ें: आम्रपाली नहीं, ये हैं भोजपुरी एक्टर 'निरहुआ' की वाइफ, जानें इनकी लव लाइफ के बारे में)
मशहूर उद्योगपति अशोक मेहता की बेटी अंजलि और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मुलाकात के पांच साल बाद 24 मई,1995 को शादी की थी। तब सचिन 22 साल के थे। वहीं अंजलि 28 की थीं। वह सचिन से उम्र में छह साल बड़ी हैं। उम्र के फासले पर इस कपल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा। सचिन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, "अंजलि से असल में मुझे यह सीखने को मिला है कि ईश्वर ने जो दिया है, उसके लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहिए।"
12 अक्टूबर,1997 को सचिन और अंजलि के घर नन्ही सी परी ने जन्म लिया। उसका नाम उन्होंने ‘सारा’ रखा। 24 सितंबर,1999 को 'अर्जुन' का जन्म हुआ। अंजलि बाल रोग विशेषज्ञ थीं, लेकिन बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए उन्होंने अपने पेशे को भी छोड़ दिया था। अजंलि ने बताया था कि, उन्हें अपना करियर छोड़ने का कोई पछतावा नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अपने पति और बच्चों की देखभाल में ज्यादा खुशी मिलती है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि, “मैं जिस फील्ड से थी, उसमें मुझे पूरा समय देना होता है और तब मैं सचिन से शादी नहीं कर पाती, क्योंकि सचिन लगभग हर चीज के लिए मुझ पर निर्भर थे। यह मेरा फैसला था। मैंने निर्णय लिया और मुझे कभी भी इसका पछतावा नहीं हुआ।”
इससे ज्यादा और क्या कहा जा सकता है कि जब भी सचिन तेंदुलकर मैदान पर होते थे, तब अंजलि की दुनिया की हर चीज एक तरह से रुक जाती थी और जब भी सचिन खेल रहे होते थे,तो वह सब कुछ छोड़ कर 'मास्टर ब्लास्टर' का खेल देखने के लिए टीवी से चिपकी रहती थीं। अंजलि ने एक इंटरव्यू में कहा था कि, "जब तक सचिन बैटिंग कर रहे होते थे, तब तक मैं खाना नहीं खाती थी और न ही फोन का जवाब देती थी। पानी तक नहीं पीती थी। मैं टीवी के सामने से हिलती नहीं थी। यहां तक कि मैं किसी एसएमएस का भी जवाब नहीं देती थी।"
सचिन ने भी अंजलि के त्याग और बलिदान को हमेशा मान सम्मान दिया है। उन्होंने अंजलि को हमेशा अपना सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम माना है और इसीलिए उन्होंने अंजलि पर ही परिवार के हर फैसले की जिम्मेदारी छोड़ दी। उन्होंने अपनी बायोग्राफी 'प्लेइंग इट माई वे’ में यह माना कि, भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान होने के दौरान जो चुनौतियां उनके सामने आईं, उनसे निपटने में अंजलि ने ही मदद की। सचिन के मुताबिक, "मैंने अंजलि से कहा था कि मैं हार के इस दर्द को झेल नहीं पाऊंगा। तब अंजलि ने कहा था कि आने वाले समय में चीजें बेहतर होंगी।"
सचिन की बायोग्राफी पर बनी फिल्म ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ 26 मई, 2017 को रिलीज हुई थी। जेम्स एर्स्किन के लेखन और निर्देशन में बनी इस फिल्म को रवि भागचंदका और कार्निवल मोशन पिक्चर्स द्वारा 200 नॉटआउट प्रोडक्शंस के तहत निर्मित किया गया था। इस फिल्म में उनके निजी जीवन और उनसे जुड़े कुछ पहलुओं का खुलासा दिलचस्प तरीके से किया गया है। खास बात ये है कि, इस फिल्म में सचिन के बचपन का कुछ हिस्सा उनके बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने निभाया है। इस फिल्म में खुद सचिन और उनकी वाइफ अंजलि भी नजर आई हैं।
इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि, सचिन को पूरे साल सफर पर रहना पड़ता था, लेकिन इसका ये मतलब नहीं था कि वह अपनी प्यारी पत्नी को समय नहीं देते थे। इसमें शक नहीं है कि उनके पास परिवार के साथ रहने का वक्त काफी कम होता था, लेकिन मास्टर ब्लास्टर को परिवार और पेशेवर जीवन में संतुलन बनाना आता था। उन्होंने तय कर रखा था कि परिवार को वह जो भी समय देंगे, वह पूरी तरह उनको समर्पित होगा और बेहतरीन होगा। वे उनके साथ त्योहारों में साथ होते, छुट्टियों में बाहर लेकर जाते, परिवार के साथ डिनर एंजॉय करते और ऐसे ही क्वॉलिटी टाइम उनके साथ बिताते।
वाकई, ये अद्भुत है और हमें इस प्यारे कपल की समझदारी के ऊंचे लेवल से कुछ सीखना चाहिए। तो आपको ये स्टोरी कैसी लगी? हमें जरूर बताइएं। यदि कोई सुझाव हो तो जरूर दें।