साल 1964 में आई अभिनेता राज कपूर की फिल्म 'संगम' में 'बोल राधा बोल' गाने के लिए एक्ट्रेस वैजयन्ती माला को पहली बार ऑनस्क्रीन स्विमसूट पहनना पड़ा था। इसके लिए राज कपूर को काफी पापड़ भी बेलने पड़े थे।
बॉलीवुड की पहली प्रतिष्ठित और सम्मानित क्लासिकल डांसर व एक्ट्रेस वैजयन्ती माला (Vyjayanthimala) ने राज कपूर (Raj Kapoor) की फेमस फिल्म 'संगम' सहित कई लोकप्रिय फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने फिल्म में एक गाने के लिए स्विमसूट भी पहना था और यह पहली बार था, जब उन्होंने इसे ऑनस्क्रीन पहना था। इसके लिए राज कपूर को उनकी दादी के पैरों में बैठकर उन्हें समझाना पड़ा था कि, उन्हें स्विमसूट पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
वैजयन्ती माला हिंदी फिल्मों में स्विमसूट पहनने वाली पहली महिला नहीं थीं, लेकिन ऐसा करने वाली वह पहली दक्षिण भारतीय महिला थीं। वैजयन्ती माला ने अपनी पुस्तक 'बॉन्डिंग ए मेमॉयर' में इस बारे में लिखा है। पुस्तक को साल 2007 में लॉन्च किया गया था। इसमें उन्होंने कहा है, ''राज कपूर के बारे में मेरी पहली धारणा यह थी कि, वह बहुत खुशमिजाज थे, वह मेरी दादी के साथ बहुत अच्छे से पेश आते थे। वह उनके पैरों में बैठते थे, उनके हाथ पकड़ते थे, उनकी ओर देखते थे और विनती करते थे, 'अम्माजी, अम्माजी।' वास्तविक जीवन में वह एक बेहतर अभिनेता थे। हे भगवान! वह अपनी फिल्मों के लिए कुछ भी करते थे। अगर वह विशेष तरीके से एक सीन करना चाहते थे, तो वह जानते थे कि, इसे कैसे करना है। उन्होंने दादी से कहा था, 'अम्मा जी, यह ठीक रहेगा, क्योंकि वह इसमें पानी में होंगी। यह सब एक लंबे शॉट में होगा और बाकी एक डुप्लिकेट के माध्यम से होगा।' मैं पूल में कूदने से पहले पूरी तरह से ढकी हुई थी, लेकिन घंटों पानी में रहना बहुत मुश्किल था। दादी ने अंत में मुझे आश्वस्त किया कि, 'जहां वह हैं, वहां चीजें हाथ से बाहर नहीं जाएंगी।''
अपनी किताब में वैजयन्ती माला ने इस बात का भी जिक्र किया है कि, कैसे वह पहली बार में फिल्म करने के लिए सहमत हुई थीं। एक्ट्रेस ने लिखा है कि, उन्होंने उन्हें (राज कपूर) अपनी दादी से अनुमति लेने के लिए कहा था। उन्होंने लिखा, ''वह एक जज़ी शोमैन थे और दादी ने महान 'आरके' के बारे में सभी रंगीन किस्से सुने थे। महिला की तरफ आकर्षित होने वाले पुरुष के रूप में उनकी प्रतिष्ठा के कारण प्रारंभ में वह मुझे इस कार्य को करने देने के बारे में अनिश्चित थीं, लेकिन वह यह भी जानती थीं कि, उन्होंने बड़े पैमाने पर काम किया है। एक फिल्म निर्माता के रूप में आरके के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक ताकत थी। वह किसी भी चीज पर नहीं रुकते थे, चाहे वह फिल्म की विशालता हो या प्रचार। वह इसे खींच सकते थे, क्योंकि उनके पास किसी भी चीज़ से अधिक दृष्टि थी।''
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प्रसिद्ध गीत को याद करते हुए वैजयन्ती माला ने लिखा है, ''उन्होंने उन्हें बताया कि, वह इस फिल्म को पहले कैसे करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं कर सके और राजेंद्र कुमार को भी इसमें कास्ट किया जाना था और उन्होंने 'हां' भी कहा था। आरके ने मुझे बॉम्बे से एक टेलीग्राम भेजा, जिसमें लिखा था, 'बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं।' मैंने इसे दादी के सामने रखा और उन्होंने कहा कि, मैं आगे बढ़ सकती हूं। इसलिए मैंने जवाब भेजा, 'संगम होगा, जरूर होगा' और यह पानी में एक गाने के क्रम में बदल गया।''
परदे पर अपनी लंबी यात्रा के दौरान वैजयन्ती माला को 'संगम' के अलावा 'नया दौर', 'नई दिल्ली', 'आशा', 'साधना', 'मधुमती' और 'गंगा जमुना' जैसी कई हिट फिल्में मिली हैं। उन्होंने कई तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है। कहा जाता है कि, राज कपूर और वैजयन्ती माला रिलेशनशिप में भी थे, लेकिन इस बारे में कभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं सामने आई। पर्सनल लाइफ की बात करें, तो वैजयन्ती माला ने चमनलाल बाली से शादी की थी, जो साल 1986 में इस दुनिया को छोड़कर चले गए। उनका एक बेटा सुचिन्द्र बाली हैं, जो कि एक एक्टर हैं। 86 साल की एक्ट्रेस अभी स्वस्थ हैं।
फिलहाल, वैजयन्ती माला की लाइफ से जुड़े इस किस्से पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं, साथ ही हमारे लिए कोई सलाह हो तो अवश्य दें।