आइए भगवान गणेश की दुनिया की सबसे महंगी मूर्ति पर एक नजर डालते हैं, जिसके मालिक गुजरात के एक बिजनेसमैन हैं। पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।
भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखते हैं। गणपति, विनायक, गजानन, एकदंत, विघ्नहर्ता, सिद्धिविनायक, लंबोदर और कई अन्य नामों से जाने जाने वाले भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को शिक्षा, विज्ञान और कला के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। हर साल पूरा देश गणेश चतुर्थी के शुभ दिन पर भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाता है।
गणेश चतुर्थी भारत में सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। हालांकि, यह अक्सर कहा जाता है कि गणपति के सभी भक्त को कम से कम एक बार महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी का त्योहार जरूर मनाना चाहिए, क्योंकि यह जीवन में मिलने वाला अद्भुत अनुभव है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान गणेश के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। हालांकि, जब हम भारत के कुछ मोस्ट आइकॉनिक गणेश टेंपल के बारे में बात करते हैं, तो इनमें सिद्धिविनायक मंदिर (मुंबई), चिंतामन गणेश मंदिर (उज्जैन), मोती डूंगरी मंदिर (जयपुर), त्रिनेत्र गणेश मंदिर (राजस्थान), श्री महागणपति मंदिर (केरल) और मनाकुला विनयगर मंदिर (पुडुचेरी) का नाम जरूर लिया जाता है।
भारत में भगवान गणेश के इतने सारे मंदिर होने के बावजूद गणेश चतुर्थी के मौके पर देश के विभिन्न हिस्सों में उनकी ढेरों मूर्तियां स्थापित की जाती हैं और धूमधाम से उनकी पूजा की भी जाती है। हालांकि, इस बात से हर कोई वाकिफ नहीं है कि गणेश जी की सबसे महंगी मूर्ति गुजरात के सूरत में है।
जी हां! आपने सही पढ़ा, सूरत में राजेश भाई पांडव नाम के एक बिजनेसमैन हैं। कई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनके पास न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया की सबसे महंगी मूर्ति है। दुनिया में कहीं भी गणपति की कोई ऐसी मूर्ति नहीं है, जो राजेश भाई पांडव की मूर्ति से अधिक महंगी हो।
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया की सबसे महंगी भगवान गणेश की मूर्ति उतनी विशाल नहीं है, जितनी कुछ लोगों ने कल्पना की होगी। यह सिर्फ 2.44 सेंटीमीटर लंबी है। रिपोर्टों के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति पूरी तरह से बिना तराशे हीरे से बनी है और इसकी कीमत 500 करोड़ रुपए से अधिक है। हालांकि तस्वीरों में यह सफेद क्रिस्टल से बनी मूर्ति की तरह दिखती है, लेकिन यह दुनिया के सबसे बेहतरीन बिना तराशे हीरों में से बनी एकमात्र मूर्ति है।
गुजरात बेस्ड बिजनेसमैन राजेश भाई पांडव सूरत के सबसे तेजी से विकसित होने वाले इलाकों में से एक कतारगाम में रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपने नाम पर कई बिजनेस वेंचर के साथ-साथ एक पॉलिशिंग यूनिट भी चलाते हैं। एक बार एक मीडिया पोर्टल के साथ एक पुराने साक्षात्कार में राजेश ने स्वीकार किया था कि वह और उनका पूरा परिवार भगवान गणेश के भक्त हैं।
बिजनेसमैन ने यह भी स्वीकार किया था कि जिस दिन से उसने भगवान गणेश की मूर्ति अपने घर में रखी है, उन्होंने रातों-रात जीवन में बहुत कुछ हासिल कर लिया है। राजेश ने भगवान गणेश को उन्हें और उनके परिवार को हमेशा सही रास्ता दिखाने और उन सभी को उनके संबंधित प्रयासों में सफलता दिलाने का श्रेय दिया।
'Abplive' की एक रिपोर्ट के अनुसार, राजेश भाई पांडव एक बार दक्षिण अफ्रीका में थे, जब उन्होंने एक नीलामी में हिस्सा लिया। नीलामी प्रक्रिया के दौरान जब भगवान गणेश की मूर्ति प्रदर्शित की गई, तो उन्होंने तुरंत इसे उस समय मात्र 29000 रुपए की कीमत पर खरीद लिया था।
जबकि दक्षिण अफ़्रीकी लोगों के लिए, यह सिर्फ एक बिना तराशा हुआ हीरा था, लेकिन वह राजेश ही थे, जिन्होंने इसमें भगवान गणेश को देखा और इसे अपने साथ भारत ले आए। 2016 में इसे अपने घर में स्थापित करने के बाद राजेश ने गुजरात में एक वार्षिक मेले में लोगों को भगवान गणेश की बिना तराशी हुई हीरे की मूर्ति दिखाई।
फिलहाल, दुनिया की सबसे महंगी भगवान गणेश की मूर्ति के बारे में आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।