यहां हम आपको 'पाकिस्तान के मुकेश अंबानी' कहे जाने वाले मशहूर बिजनेसमैन मियां मुहम्मद मंशा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने मुल्क के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। आइए बताते हैं।
मियां मुहम्मद मंशा (Mian Muhammad Mansha) पाकिस्तान के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, साथ ही उन कुछ बिजनेस टाइकून्स में से एक हैं, जिन्होंने वैश्विक बाजार में अपनी बुद्धिमत्ता का लोहा मनवाया है। वह 'निशात ग्रुप' के संस्थापक और मालिक हैं, जो न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा और सऊदी अरब में भी अपने पंख फैला चुका है। यह पाकिस्तान के सबसे बड़े समूहों में से एक है, जो कपड़ा और फैशन पर केंद्रित है। इतने बड़े ग्रुप के मालिक होने के नाते मियां मुहम्मद मंशा और उनका परिवार देश में सबसे अधिक टैक्सपेयर्स में से एक हैं।
पाकिस्तानी अरबपति बिजनेसमैन मियां मुहम्मद मंशा का जन्म 1941 में पश्चिम बंगाल में एक संपन्न परिवार में हुआ था। हालांकि, विभाजन के दौरान उनके परिवार ने पाकिस्तान जाने का विकल्प चुना और लाहौर के पास फैसलाबाद में बस गए। उनके परिवार के लिए अपना बिजनेस फिर से शुरू करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन मियां मुहम्मद मंशा के पिता ने चुनौती स्वीकार की और इसे पूरा किया। उनके पिता और चाचाओं ने 1951 में 'निशात मिल्स' नाम से कपास ओटने का बिजनेस शुरू किया और यह तुरंत चल निकला।
उनकी तरक्की के पीछे का मेन कारण 1950-53 का कोरियाई युद्ध था, जिसने कपास की मांग को काफी बढ़ा दिया था। यह कपास उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर था और 'निशात मिल्स' ने इसका फायदा उठाया और कोरियाई युद्ध के दौरान भारी मुनाफा कमाया। यह 'निशात मिल्स' के लिए एक प्रमुख मोड़ था, क्योंकि उन्होंने अपनी क्वालिटी से समझौता किए बिना समय पर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूट किया और बाजार में अपनी एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई।
मियां मुहम्मद मंशा के एजुकेशनल बैकग्राउंड के बारे में बात करें, तो उन्होंने अपनी शिक्षा एक सह-शैक्षिक कॉन्वेंट स्कूल 'सेक्रेड हार्ट स्कूल' से पूरी की थी। इसके बाद उनके परिवार ने उन्हें लंदन भेज दिया था, जहां उन्होंने 'हेंडन कॉलेज' में दाखिला लिया और वहां से 'बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन' में डिग्री हासिल की। हालांकि, वह लंदन में अपनी डिग्री पूरी करने से पहले पाकिस्तान लौट आए थे, क्योंकि उनके पिता मियां मोहम्मद याह्या को कैंसर हो गया था।
1968 में पाकिस्तान लौटने के बाद मियां मुहम्मद मंशा ने अपने पिता की देखभाल के लिए खुद को समर्पित कर दिया, जो कैंसर से जूझ रहे थे। कई रिपोर्टों के अनुसार, अपने पिता की कैंसर से लड़ाई के कारण मियां मुहम्मद मंशा ने नाज़ सैगोल से शादी कर ली। यह एक अरेंज मैरिज थी, जिसे उनके पिता मियां मोहम्मद याह्या ने फाइनल किया था। हालांकि, मियां मुहम्मद लड़की को जानते थे, क्योंकि वे स्कूल में साथ पढ़े थे। वह उस दौर के मशहूर बिजनेसमैन यूसुफ सैगोल की बेटी थीं। मियां मुहम्मद और नाज़ की शादी के बाद उनके पिता का 1969 में कैंसर के कारण निधन हो गया था।
इतनी कम उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के बाद मियां टूट से गए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने पिता की 'निशात मिल्स' की कमान संभाली। उस समय यह मिल मुनाफ़े में थी, लेकिन उनके चाचाओं की फ़ैक्टरियों जितनी नहीं, जो पूर्वी पाकिस्तान में चल रही थीं। मियां मुहम्मद मंशा के पास उस समय दो ऑप्शन थे, एक तो 'निशात मिल्स' को आगे ले जाने की कोशिश करना या अपने चाचाओं की फैक्ट्री में अपने पिता का हिस्सा पाने के लिए पूर्वी पाकिस्तान जाना। हालांकि, मियां ने शांति वाला रास्ता चुना, क्योंकि उन्होंने अपने चाचाओं से कहा था कि वह पूर्वी पाकिस्तान में उनकी फैक्ट्रियों में कोई हिस्सा नहीं चाहते थे।
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यह कदम मियां मुहम्मद मंशा के लिए सही साबित हुआ, क्योंकि उनके चाचाओं ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के विभाजन के दौरान अपना सब कुछ खो दिया था। जहां कुछ लोग इसे मियां मुहम्मद मंशा का भाग्यशाली फैसला बताते हैं, वहीं ज्यादातर लोग इसका श्रेय उनकी पत्नी नाज सैगोल को देते हैं और उन्हें मियां का 'लेडी लक' कहते हैं।
इसके बाद, मियां और उनकी पत्नी नाज़ अपने तीन बच्चों (मियां हसन मंशा, मियां उमर मंशा और मियां रज़ा मंशा) के पैरेंट्स बने। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों बच्चों ने लंदन में पढ़ाई की है और अब 'निशात ग्रुप' की अलग-अलग ब्रांच संभालते हैं। फ़ैसलाबाद में एक मात्र कपड़ा मिल के रूप में शुरू हुई यह कंपनी अब पाकिस्तान की सबसे बड़ी मिल है। 'निशात समूह' पाकिस्तान में लगभग हर क्षेत्र में काम करता है। उनमें से कुछ 'डीसी खान सीमेंट', 'एमसीबी बैंक', 'लाल पीर पावर', 'निशात ऑटोमोबाइल', 'पाकिस्तान एविएटर्स एंड एविएशन', 'निशात होटल्स एंड प्रॉपर्टीज लिमिटेड', 'निशात एग्रीकल्चर फार्मिंग (प्राइवेट) लिमिटेड' और कई अन्य हैं।
अपनी मेहनत, लेडी लक और बिजनेस स्किल से मियां मुहम्मद मंशा पाकिस्तान के सबसे अमीर लोगों में से एक बन गए हैं। 2010 में उन्हें 'फोर्ब्स' की दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था। वह 5 बिलियन वर्थ के साथ 937वें स्थान पर थे। 'निशात ग्रुप' के साथ अपनी अविश्वसनीय सफलता के कारण, वह पाकिस्तान के पहले अरबपति बन गए और पाकिस्तानियों ने उन्हें 'पाकिस्तान का मुकेश अंबानी' करार दिया।
'डीएनए' की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पहले अरबपति मियां मुहम्मद मंशा की वर्तमान में अनुमानित संपत्ति 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है। उनके कार कलेक्शन में 'मर्सिडीज ई-क्लास', 'जगुआर कन्वर्टिबल', 'पोर्शे', 'बीएमडब्ल्यू 750', 'रेंज रोवर' और 'वोक्सवैगन' जैसी महंगी कारें हैं। लंदन और पाकिस्तान की अलग-अलग जगहों पर शानदार प्रॉपर्टी के साथ मियां मुहम्मद मंशा वर्तमान में पाकिस्तान के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। एक कारोबारी दिग्गज होने के अलावा, उनके कई राजनीतिक संबंध भी हैं और उन्हें पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है।
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फिलहाल, मियां मुहम्मद मंशा द्वारा अपने पिता की कपड़ा मिल को पाकिस्तान के सबसे बड़े समूह में बदलने पर आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।