यहां हम आपको शहीद मेजर शशिधरन नायर की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो फिल्म 'विवाह' के क्लाइमैक्स जैसी है। आइए बताते हैं।
आपने अक्सर ऐसी कई प्रेम कहानियों के बारे में सुना होगा, जिनमें लोगों को पहली नज़र का प्यार होता है और वे जिंदगी भर साथ रहने का फैसला ले लेते हैं। दशकों से हमने भारत की सशस्त्र सेनाओं से भी अनगिनत लव स्टोरीज के बारे में सुना है, जिनमें से एक हैं भारतीय सेना के मेजर शशिधरन नायर (Shashidharan Nair) और उनकी पत्नी तृप्ति नायर, जिनकी लव स्टोरी में हमें फिल्म 'विवाह' की झलक देखने को मिलती है।
कपल की लव स्टोरी के बारे में बात करने से पहले, हम मेजर शशिधरन नायर के बारे में बात कर लेते हैं, जिन्होंने देश की सेवा के लिए अपना जीवन लगा दिया। मेजर शशिधरन नायर का जन्म 30 जुलाई 1985 को केरल में हुआ था। उन्होंने गिरिनगर के 'केंद्रीय विद्यालय' में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अपने अधिकांश बढ़ते वर्ष पुणे में बिताए।
ग्रेजुएशन के लिए मेजर शशिधरन नायर पुणे के 'फर्ग्यूसन कॉलेज' गए, जहां उन्होंने विज्ञान में डिग्री हासिल की। अपने कॉलेज के दिनों के दौरान शशिधरन 'एनसीसी' (राष्ट्रीय कैडेट कोर) में शामिल हो गए, क्योंकि वह हमेशा सशस्त्र बलों में शामिल होना चाहते थे। भारतीय सेना में शामिल होने की अपनी गहन प्रतिबद्धता के कारण उन्होंने अंततः 'संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा' उत्तीर्ण की और 'ओटीए चेन्नई' में शामिल हो गए। 22 साल की उम्र में शशिधरन नायर 2007 में लेफ्टिनेंट के रूप में पास हुए और उन्हें '1 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट' की '2/1 जीआर बटालियन' में नियुक्त किया गया। इसके बाद शशिधरन नायर ने भारतीय सेना में अपना योगदान देना जारी रखा और उन्हें कई बार पदोन्नत किया गया।
यह 2012 के आसपास की बात है, जब शशिधरन नायर भारतीय सेना में कैप्टन के रूप में कार्यरत थे, उसी दौरान वह एक पार्टी में पहली बार अपनी होने वाली पत्नी तृप्ति नायर से मिले। उनके आपसी दोस्तों ने दोनों का परिचय कराया और जैसे ही शशिधरन ने पहली बार तृप्ति को देखा, उन्हें तुरंत वह पसंद आ गईं। जबकि यह शशिधरन के लिए पहली नजर का प्यार था, वहीं तृप्ति को भी कथित तौर पर उनका व्यक्तित्व पसंद आया। कुछ लगातार मुलाकातों के बाद, उन्होंने अपना शेष जीवन एक-दूसरे के साथ बिताने का फैसला किया और इसमें अपने परिवारों को भी शामिल किया।
यह साल 2006 था, जब सूरज बड़जात्या की फिल्म 'विवाह' रिलीज हुई थी और इतने सालों बाद भी यह अब तक की सबसे खूबसूरत प्रेम कहानियों में से एक मानी जाती है। फिल्म के क्लाइमेक्स में जिस तरह से शाहिद कपूर के किरदार 'प्रेम' ने अपनी ऑनस्क्रीन मंगेतर 'पूनम' (अमृता राव) से शादी करने का फैसला किया, बावजूद इसके कि वह जानलेवा सर्जरी से गुजर रही थीं, उसने दर्शकों पर एक छाप छोड़ी। इस जेस्चर की काफी सराहना की गई थी, लेकिन कई लोगों ने 'विवाह' को एक काल्पनिक फिल्म करार दिया, क्योंकि फिल्म के हीरो 'प्रेम' और उसके परिवार के जैसे लोगों को ढूंढना मुश्किल है।
लेकिन ऐसा रियल लाइफ में भी हुआ है। दरअसल, साल 2012 में कैप्टन शशिधरन नायर ने अपनी मंगेतर तृप्ति से सगाई कर ली। अपने सगाई समारोह के आठ महीने बाद तृप्ति को मल्टीपल आर्टेरियोस्क्लेरोसिस का पता चला, जिससे उनके शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। यह तृप्ति और उनके परिवार के लिए एक मुश्किल पल था, जो कैप्टन शशिधरन नायर के साथ उनकी शादी की तैयारियों में व्यस्त थे। जैसे ही तृप्ति को व्हीलचेयर पर बिठाए जाने की खबर शशिधरन और उनके परिवार तक पहुंची, उनके ज्यादातर दोस्तों और सहकर्मियों ने उनसे शादी कैंसिल करने के लिए कहा।
हालांकि, किसी की बात न मानते हुए कैप्टन शशिधरन नायर ने तृप्ति से शादी करने का फैसला किया। कुछ ही महीनों के भीतर शशिधरन ने तृप्ति से शादी कर ली और उनके प्रति अपने प्यार की ताकत और एक सैनिक के जीवन में कमिटमेंट की वैल्यू को साबित कर दिया। इस कपल ने अपनी हैप्पी मैरिड लाइफ एंजॉय की और आने वाले सालों में शशिधरन नायर को मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया।
कथित तौर पर जीवन भर व्हीलचेयर पर रहने के बावजूद तृप्ति नायर कभी डिप्रेशन में नहीं गईं और इसका सबसे ज्यादा श्रेय उनके पति मेजर शशिधरन नायर को जाता है, जिन्होंने विकलांगता को कभी उनकी खुशियों के बीच नहीं आने दिया। अपनी पत्नी को पार्टियों में ले जाने से लेकर हमेशा उनका उत्साह बढ़ाने तक, शशिधरन एक परफेक्ट पति थे, जिन्होंने तृप्ति को जीवन को पूरी तरह से जीना सिखाया।
2019 में मेजर शशिधरन नायर की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी और उन्हें एलओसी से सटे नौशेरा सेक्टर की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई थी। 11 जनवरी 2019 को जब IED ब्लास्ट में दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए तो वो मेजर शशिधरन ही थे, जिन्होंने तुरंत सर्च ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन के दौरान मेजर शशिधरन नायर दोपहर करीब 3 बजे घटनास्थल पर अन्य बारूदी सुरंगों की जांच करने के लिए पहुंचे थे। मेजर नायर ने अपनी टीम को अपने सिग्नल का इंतजार करने का आदेश दिया था, क्योंकि वह उस क्षेत्र में और अधिक बारूदी सुरंगें न स्थापित करके अपनी टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते थे।
दुर्भाग्य से विस्फोट स्थल के आसपास काम करते समय मेजर शशिधरन नायर एक आईईडी विस्फोट की चपेट में आ गए और वे शहीद हो गए। यह मेजर नायर के परिवार, स्पेशली उनकी पत्नी तृप्ति नायर के लिए ह्दयविदारक खबर थी। वैसे, मेजर नायर की न केवल लव स्टोरी बल्कि उनकी लाइफ भी प्रेरणा से भरी हुई है, जो एक सैनिक की जिंदगी की अनिश्चितता के साथ-साथ एक सैनिक की कमिटमेंट को भी दर्शाती है।
फिलहाल, मेजर शशिधरन नायर की अपनी पत्नी और मातृभूमि के प्रति शुद्ध प्रेम और बलिदान की कहानी पर आपके क्या विचार हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।