हाल ही में, एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने अपने जीवन के दर्दनाक दिनों को याद किया, जब कैंसर का पता चलने पर उन्हें अकेलापन महसूस होता था और उनके करीबी दोस्तों ने उनसे दूरी बना ली थी। आइए बताते हैं।
भारतीय सिनेमा की सदाबहार अभिनेत्रियों में से एक मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने अपनी शानदार एक्टिंग से कई दिलों पर राज किया है। उनको 2012 में एक व्यक्तिगत झटका लगा था, जब उन्हें ओवेरियन कैंसर का पता चला था। उन्हें कठिन मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजरना पड़ा और इस प्रक्रिया में उनके सारे बाल भी झड़ गए। खैर, वह स्वस्थ होकर अब अपने प्रोफेशन में वापस लौट आई हैं। हाल ही में, मनीषा को 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' में अपनी परफॉर्मेंस के लिए काफी तारीफ मिल रही है।
हाल ही में 'एनडीटीवी' के साथ बातचीत में मनीषा कोइराला ने खुलासा किया कि कैंसर से निपटने के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि उनके सच्चे दोस्त कौन हैं। उन्होंने खुलासा किया कि कैसे पहले वह मानती थीं कि उनके बहुत सारे दोस्त हैं, जो उनके साथ पार्टी करेंगे, साथ जर्नी करेंगे और बस उनके साथ रहेंगे। हालांकि, जब उन्हें पता चला कि उन्हें कैंसर हो गया है, तो उनका (दोस्तों का) रवैया बदल गया।
मनीषा ने कहा, “यह एक जर्नी रही है। यह एक सीखने वाला अनुभव भी रहा है। मुझे सच में विश्वास था कि मेरे कई दोस्त हैं। मैंने सोचा कि एक साथ पार्टी करने वाले, एक साथ यात्रा करने वाले, एक साथ मौज-मस्ती करने वाले लोग मेरे दर्द में मेरे साथ बैठेंगे, लेकिन ऐसा नहीं था, लोग किसी का दर्द लेकर नहीं बैठ पाते। हम हमेशा दर्द महसूस न करने के बहाने ढूंढने की कोशिश करते हैं। हम दर्द से बचना चाहते हैं, यह मानव स्वभाव है।”
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बातचीत में आगे बढ़ते हुए मनीषा कोइराला ने खुलासा किया कि कैसे सिर्फ उनके सगे परिवार ने उनका साथ दिया। उन्होंने अपने बड़े कोइराला परिवार पर भी कटाक्ष किया, जिसमें अधिकांश लोग काफी समृद्ध हैं, लेकिन कठिन समय के दौरान किसी ने उनसे मिलने और उनके साथ रहने की जहमत नहीं उठाई।
उनके शब्दों में, “मैंने खुद को बहुत अकेला पाया और मुझे एहसास हुआ कि केवल मेरा निकटतम परिवार ही मेरे आसपास था। उनके पास एक विशाल कोइराला खानदान भी है, लेकिन कोई नहीं आया। मेरा एक बड़ा परिवार है और हर कोई समृद्ध है, वे सभी इसे अफोर्ड कर सकते हैं, लेकिन यह मेरे माता-पिता थे, यह मेरा भाई था, यह मेरे भाई की पत्नी थी, जिसने मेरा साथ दिया। मुझे एहसास हुआ कि जब हर कोई मुझे छोड़ देगा, तो यही वे लोग हैं जो मेरे साथ होंगे। मेरी प्राथमिकता मेरा निकटतम परिवार है, चाहे कुछ भी हो। वे मेरे जीवन में पहले आते हैं, बाकी सब बाद में।”
बता दें कि मनीषा कोइराला की पहली शादी 2010 में नेपाली बिजनेसमैन सम्राट दहल से हुई थी। हालांकि, उनकी शादी काफी कम समय तक चली और दो साल बाद उनका तलाक हो गया। 'जूम' के साथ अपनी पिछली बातचीत में मनीषा ने अपने तलाक के बारे में बताया था कि कैसे उनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
फिलहाल, आप मनीषा कोइराला के खुलासे के बारे में क्या सोचते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।