एक्ट्रेस मंदिरा बेदी औऱ निर्देशक राज कौशल की लव स्टोरी काफ़ी अलग है। इस आर्टिकल में हम राज-मंदिरा के रिश्ते से जन्म लिए हुए सारे सवालों के जवाब देंगे।
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री हो या क्रिकेट फील्ड़, एक्ट्रेस मंदिरा बेदी का नाम कौन नहीं जानता? वो किसी पहचान की मोहताज़ नहीं हैं। 1994 में दूरदर्शन के सबसे चर्चित शो 'शान्ति' से मंदिरा ने इंडस्ट्री में कदम रखा। उस वक़्त उनकी उम्र मात्र 20 वर्ष थी। जिसके एक साल बाद ही उन्हें, यश चोपड़ा के होम प्रोडक्शन के बैनर तले बनने वाली फ़िल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में काम करने का मौका मिला। इस फ़िल्म में उन्होंने सीधी-साधी पंजाबी लड़की का किरदार निभाया, जिससे दर्शकों के बीच वो चर्चा का मुद्दा बन गयी। फ़िल्म क्रिटिक्स से लेकर आम जनता तक, सभी ने उनके काम को सराहा। लेकिन ये सबकुछ वो था, जो मंदिरा बेदी के बारे में लगभग हर कोई जानता है। अब हम उनके बारे में वो बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद कुछ ही लोग जानते होंगे।
मंदिरा बेदी की शादी निर्देशक राज कौशल से हुई है। इनकी मुलाक़ात कैसे हुई? इन दोनों के बीच प्यार की शुरुआत कैसे हुई? मंदिरा को मां बनने में 12 साल क्यों लगे? इस आर्टिकल में हम राज़-मंदिरा के रिश्ते से जन्म लिए हुए, इन सारे सवालों के जवाब देंगे...
साल 1996 की बात है, तब राज कौशल मुकुल आनंद के चीफ असिस्टेंट हुआ करते थे। उस वक़्त वह एक टीवी शो 'फिलिप्स-10' के लिए वह ऑडिशन ले रहे थे। इस वक़्त तक मंदिरा ने इंडस्ट्री में नाम बना लिया था, या सीधे शब्दों में कहें तो लोग उन्हें जानने लगे थे। क्योंकि मंदिरा ने अब तक टीवी शो 'शान्ति' औऱ फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में काम कर लिया था। इसलिए, राज भी उनके काम को देख चुके थे। ऑडिशन लेने के दरमियान दोनों की पहली मुलाकात हुई। इस ऑडिशन के लिए मंदिरा ने लाल-सफेद स्ट्रिप्ड़ टी-शर्ट औऱ खाकी कलर का पैंट पहन रखा था।
राज ने एक बार कहा था, "मैं मुकुल आनंद का मुख्य सहायक था, और 'फिलिप्स टॉप-10' नाम के एक काउंटडाउन शो के लिए ऑडिशन में व्यस्त था। मंदिरा को भी ऑडिशन के लिए बुलाया गया था। तभी मैंने पहली बार उसे देखा था। उसने लाल और सफेद स्ट्रिप्ड़ टी- शर्ट पहना था, और खाकी पैंट। मैंने पहले उन्हें 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में देखा था, लेकिन तब मैंने उन पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया था।"
इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच मिलना-जुलना लगा रहता था। 1996 के अंत तक दोनों एक-दूसरे के साथ सीरियस रिलेशनशिप में आ जाते हैं। दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा होते हुए भी, करीब आ जाते हैं। लेकिन राज कहते हैं कि, मंदिरा से तीन मुलाकातों के बाद ही मुझे ऐसा लग रहा था, जैसे मुझे मेरी ज़िन्दगी का सच्चा प्यार मिल गया हो।
उन दिनों को याद करते हुए राज कहते हैं, "हम मुकुल आनंद के घर पर अक्सर मिलते थे। ये वही (मेरी ज़िन्दगी की सच्ची मोहब्बत) है, मुझे पता होने में तीन मुलाकातें लग गयी।''
राज औऱ मंदिरा दोनों नेक दिल इंसान हैं। जो लोग इन्हें जानते हैं, वे इस बात से कतई मना नहीं कर सकते। इनके दोस्त हमेशा एक ही सवाल में उलझे रहते हैं कि, ये दो अलग तरह के लोगों को एक-दूसरे में क्या अच्छा लगता है? इस सवाल का इन दोनों के पास बड़ा बढ़िया जवाब है।
पहले मंदिरा कहती हैं-
"वह एक ईमानदार औऱ रियल आदमी है। उसके बारे में कुछ भी नकली नहीं है, वह लोगों की तरह अपने सच को छिपाने के लिए मुखौटे नहीं पहनता है। राज के साथ, जो आप देखते हैं वही आपको मिलता है।"
फिर, राज ने कहा-
"मंदिरा एक संस्कारी, बुद्धिमान और सुंदर लड़की है। एक ही इंडस्ट्री से होने के कारण, वह अच्छी तरह से जानती थी कि ज़िन्दगी कितनी व्यस्त हो सकती है। वह हमेशा हमारे कठिन समय में भी साथ रही है।"
राज के दिमाग में हमेशा से शादी का ख़्याल था। वे मानते हैं कि उन्होंने बहुत जल्द ही मंदिरा से शादी करने का मन बना लिया था, औऱ उसे अपने माता-पिता से मिलाने में एक सेकंड भी बर्बाद नहीं किया। राज के माता-पिता अपने बेटे की पसंद को पूरा करने के लिए तैयार थे, लेकिन बेदी के घर पर यह सब इतना आसान नहीं था। मंदिरा के माता-पिता अपनी बेटी की शादी, एक फिल्म निर्देशक से करने को लेकर काफ़ी भयभीत थे।
राज ने कहा था, "उसके माता-पिता से मिलना पहली बार में थोड़ा अजीब था ... उसके पिता एक पूर्ण कॉर्पोरेट व्यक्ति हैं। लेकिन वे जल्द ही मुझसे नार्मल हो गए। मुझे लगता है कि उनके पास इसके अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था!"
कुछ दिनों बाद मंदिरा के घरवाले शादी के लिए मान गए। जिसके बाद 14 फरवरी 1999 वो पावन घड़ी बनी, जब मंदिरा औऱ राज़ एक-दूसरे के हो चले। उस दिन दोनों एक संग बेहद ख़ूबसूरत लग रहे थे। जहां मंदिरा ने सुन्दर-सी मांग बेदी के साथ, लाल और सुनहरे रंग का लहंगा पहन रखा था। वहीं, राज़ ने गोल्डन कलर की शेरवानी पहन रखी थी। दोनों ने भारतीय संस्कृति के रीति-रिवाजों को निभाते हुए, एक साथ सात फेरे लिए, औऱ कभी एक-दूसरे का साथ न छोड़ने की बात कही।
शादी के तुरंत बाद मंदिरा किसी बच्चे के लिए तैयार नहीं थी। उनका मानना था कि, इंडस्ट्री में एक एक्ट्रेस के मां बनने के बाद उसका करियर ख़त्म हो जाता है। राज ने भी उनका इस फैसले में भरपूर साथ दिया। फिर, जब मंदिरा की उम्र करीब 39 वर्ष हो गयी, तब उन्होंने बच्चा पैदा करने का निर्णय लिया। जिसके बाद राज-मंदिरा की शादी के 12 साल बाद यानी 2011 में एक लड़का हुआ। जिसका नाम दोनों ने वीर कौशल रखा, अब मंदिरा उसी का ख़्याल रखने में व्यस्त रहती हैं।
मंदिरा ने 12 साल बाद मां बनने के अपने फैसले के बारे में एक इंटरव्यू में कहा था कि, ''जब मैं 39 साल की थी, तब मैंने बेटे को जन्म दिया। मेरे कॉन्ट्रैक्ट्स ने मुझे प्रेग्नेंट नहीं होने दिया। मुझे ड़र था कि अगर मैं प्रेग्नेंट होती हूं तो मेरा करियर ख़त्म हो जाएगा।"
हालांकि, 2017 में राज औऱ मंदिरा ने एक बेटी गोद लेने के लिए अर्जी डाली थी, लेकिन उस वक़्त ऐसा मुमकिन न हो सका था।
मंदिरा औऱ राज का एक-दूसरे पर भरोसा, उनके रिश्ते की नींव है। इन दोनों के बीच जो रिश्ता है, वो विश्वास की लकीर पर ही टिका है। दोनों को एक बार अपने इस रिश्ते का इम्तिहान भी देना पड़ा। साल 2003 वर्ल्ड कप के दौरान, मंदिरा बेदी औऱ क्रिकेटर युवराज सिंह के अफेयर की चर्चाएं रोज़ाना अख़बारों में सुर्खियां बटोरती थीं। जिसको लेकर एक पत्रकार ने राज से सवाल पूछ लिया। राज ने उस पत्रकार को शानदार जवाब देते हुए कहा, "मेरी शादी में विश्वास सबसे महत्वपूर्ण गुण है। मंदिरा औऱ मैं एक ऐसे क्षेत्र में हैं, जहां हम आकर्षक लोगों के साथ काम कर रहे हैं, इसलिए विश्वास की आवश्यकता बढ़ जाती है।"
दुख की बात ये है कि, राज कौशल जून 2021 में अपनी वाइफ और बच्चों का साथ छोड़कर हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। हालांकि, एक्ट्रेस अपने बच्चों के साथ लाइफ को आगे बढ़ा रही हैं। तो आप लोगों को इन दोनों की प्रेम कहानी कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।