क्या आप जानते हैं कि धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) एक सफल बिजनेसमैन होने के साथ ही एक अच्छे पति भी थे। इस बात को खुद उनकी पत्नी कोकिलाबेन अंबानी (Kokilaben Ambani) ने बताया था। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को लोग एक सफल बिजनेसमैन के रुप में जानते हैं, लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं कि उनकी इस कामयाबी के पीछे उनके पिता धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) का हाथ है। वहीं, धीरूभाई के हर कदम पर उनका साथ उनकी पत्नी कोकिलाबेन अंबानी (Kokilaben Ambani) ने दिया था। जहां एक तरफ कोकिलाबेन धीरूभाई को बेहतर तरीके से जानती और समझती थीं, तो दूसरी तरफ धीरूभाई ने कई मौको पर खुद को साबित किया कि वो एक सफल बिजनेसमैन के साथ-साथ एक अच्छे पति भी थे। ऐसा ही एक किस्सा है जब उन्होंने अपनी पत्नी को अंग्रेजी सीखने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिसके बारे में खुद कोकिलाबेन ने बताया था। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
दरअसल, कोकिलाबेन ने अपनी पढ़ाई एक गुजराती स्कूल में की थी और जब वो मुंबई शिफ्ट हुईं, तो वहां के माहौल में ढलने के लिए धीरूभाई अंबानी ने उन्हें अंग्रेजी सीखने को कहा था। उस वक्त एक ट्यूटर अंबानी हाउस में बच्चों को पढ़ाने के लिए आता था और फिर कोकिलाबेन ने भी उन्हीं से अंग्रेजी की शिक्षा ली।
अपने पति धीरूभाई अंबानी के जीवन में आने वाले बदलावों को सहजता से अपनाने, उनके द्वारा अंग्रेजी सीखने के लिए प्रोत्साहित करने, अलग-अलग व्यंजनों से परिचित कराने और उन्हें नई जगहों की जानकारी देने के बारे में बताते हुए कोकिलाबेन ने कहा था, "भले ही मैंने एक गुजराती स्कूल में पढ़ाई की थी, लेकिन मैंने मुंबई आने के तुरंत बाद अंग्रेजी सीखना शुरू कर दिया था। धीरूभाई की दूरदर्शिता के लिए मैं उन्हें धन्यवाद करती हूं। एक ट्यूटर बच्चों को अंग्रेजी सिखाने के लिए आया करता था। धीरूभाई ने कहा, कोकिला आप अंग्रेजी क्यों नहीं सीखती? जिसके बाद मैंने इस सुझाव पर काम किया। वो मुझे पांच सितारा होटलों में ले जाते थे ताकि मैं चीनी, मैक्सिकन, इटेलियन और जापानी खाने का स्वाद ले सकूं। जब हम विदेश जाते थे, तब भी वो मुझे उन जगहों के बारे में जानकारी देते थे। यहां तक कि मुझे उनके बारे में पढ़ने के लिए भी कहते थे। अगर शॉर्ट में कहूं तो, उन्होंने मुझे इतनी अच्छी तरह से ढाला कि मैंने कभी खुद को अकेला महसूस नही किया। मैंने लगातार खुद में बदलाव किए।"
कोकिलाबेन अंबानी ने हमेशा मीडिया से दूरी बनाए रखी और वो लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती हैं। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, "मैंने जामनगर में अपना बचपन बिताया, जो उन सालों में उतना विकसित नहीं था जितना अब है। हम एक मध्यम वर्गीय परिवार से थे। मैं उन सभी घरेलू कामों को करती हूं, जो उन दिनों की लड़कियों से करने की उम्मीद थी। मैं सिलाई भी करती हूं और कढ़ाई का काम भी। हमारे बुजुर्ग मानते थे कि लड़कियों को घरेलू कामों में पारंगत होना चाहिए।" (ये भी पढ़ें: धीरूभाई अंबानी की बहन त्रिलोचनाबेन के बारे में नहीं जानते होंगे आप, जानें क्या करते हैं उनके पोते)
धीरूभाई के साथ अपने विवाहित जीवन और एडन में उनके साथ बिताए समय के बारे में बात करते हुए कोकिलाबेन अंबानी ने कहा था, "जब मैंने साल 1955 में धीरूभाई अंबानी से शादी की, तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी ज़िंदगी इतनी बदल जाएगी। मैंने पहली बार मुंबई देखा था। अदन जाते समय (यमन का एक शहर) मैंने स्टीमर में शादी की। ये मेरे लिए पहली बार था। एडन (जहां धीरूभाई कुछ समय के लिए रहते थे) जामनगर या अन्य स्थानों की तुलना में बहुत अलग था, लेकिन धीरूभाई मेरे मार्गदर्शक थे। एडन वास्तविक में एक महत्वपूर्ण मोड़ था और मेरे लिए भावना से जुड़ा हुआ था क्योंकि यहां मैं पहली बार मां बनी थी। मुकेश का जन्म एडन में हुआ था (अनिल, दीप्ति और नीना का जन्म मुंबई में हुआ था)। इन चारों की शादी मुंबई में हुई थी। आज हमारा परिवार दो बहुओं, 2 दामाद और 9 पोतों समेत 19 लोगों का है।"
अपने पति धीरुभाई अंबानी में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बातों का खुलासा करते हुए और एडन से उन्हें लिखे एक पत्र का एक किस्सा साझा करते हुए कोकिलाबेन अंबानी ने कहा था, "जब मैं अपनी शादी के बाद चोरवाड़ (गुजरात) में रह रही थी। तब धीरूभाई ने एडन से मुझे एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था, कोकिला मैंने तुम्हारे लिए एक गाड़ी ली है। मैं तुम्हें लेने आ रहा हूं। बताओ गाड़ी का रंग क्या होगा? उसमें आगे लिखा था 'ये मेरी तरह काला है।' मुझे उनका सेंस ऑफ ह्यूमर सबसे ज्यादा पसंद आता था। वो एडन पहुंचने पर मुझे उस कार से लेने आए।" (ये भी पढ़ें: इस खूबसूरत मंदिर में आनंद पीरामल ने किया था ईशा अंबानी को प्रपोज, ऐसे शुरु हुई दोनों की लव स्टोरी)
धीरूभाई अपनी पत्नी से हर नए काम की शुरुआत कराते थे और उन्हें हर काम में शामिल करते थे। इस पर कोकिलाबेन ने कहा था, "मुंबई आने के तुरंत बाद मेरा जीवन तेजी से बदल गया। हम आजादी के बाद के दौर में थे। रिलायंस इंडस्ट्री स्थापित हो गई थी। हमारे लिए कई नए रास्ते खुले। धीरुभाई लगातार आगे बढ़ रहे थे, लेकिन सबसे दिलचस्प ये था कि वो मुझे हर कदम पर अपने साथ रखते थे। वो हमेशा मुझे अपने नए प्रोजेक्ट्स से अवगत कराते रहते थे और हर प्लांट का उद्घाटन भी मेरे हाथों से ही कराते थे।"
धीरूभाई अंबानी ने अपने जीवन में काफी इज्जत और शोहरत कमाई, लेकिन उन्होंने कभी घमंड नहीं किया। इस पर बात करते हुए कोकिलाबेन ने बताया था, "धीरूभाई ने अपनी जिंदगी में बहुत ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन कभी भी उन्होंने घंमड नहीं किया। वो सिर्फ अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने के लिए ही नहीं बल्कि, मेरे दोस्तों को भी साथ घूमने के लिए बुलाने को कहा करते थे। जब हमने नया एयरक्राफ्ट लिया तब भी उन्होंने मेरे दोस्तों को साथ लाने की काफी जिद की थी।" (ये भी पढ़ें: अनिल अंबानी और टीना मुनीम की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं, यहां जानें कैसे हुआ मिलन)
धीरूभाई अंबानी अपनी पत्नी कोकिलाबेन से काफी प्यार करते थे। दोनो की हंसती-खेलती जिंदगी काफी अच्छी चल रही थी। अंबानी परिवार हर तरीक से संपन्न था, लेकिन वो कहते हैं ना कि जो इस दुनिया में आया है उसे एक ना एक दिन वापस जाना है। ऐसा ही कुछ 6 जुलाई 2002 को धीरूभाई के साथ हुआ, जब उनका हार्ट अटैक आने से निधन हो गया था। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार मुंबई के चंदनवाड़ी श्मशान भूमि में किया गया था। भले ही धीरूभाई को गए हुए 18 साल हो गए, लेकिन उनके बेटों (मुकेश और अनिल) ने उनके जाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्री को आगे ही बढाया है।
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