'कन्या पूजन' या 'कंजक' साल में दो बार मनाया जाने वाला त्योहार है। यह नवरात्रि के मौके पर किया जाता है। इसका महत्व, पूजा विधि और इसके बारे में बहुत कुछ जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर।
कन्या पूजन सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे हर उम्र के लोग पसंद करते हैं, खासकर छोटे बच्चे। जब हम छोटे थे, तो मांएं जल्दी उठती थीं और अपनी बेटियों को कंजक पूजा के लिए सुंदर लहंगे और ट्रेडिशनल आउटफिट पहनाती थीं।
अष्टमी से एक दिन पहले महिलाएं मोहल्ले की बच्चियों को खासतौर पर आमंत्रित करती थीं और वे बेटियां खुशी-खुशी पूजा में शामिल होती थीं। वे उपहारों व हलवा-पूड़ी का इंतजार करती थीं। यह मीठी याद आज भी हमारे दिल और दिमाग में अंकित है। बता दें कि कंजक या कन्या पूजन नवरात्रि के दौरान सबसे महत्वपूर्ण विधि है। तो आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
कन्या पूजन में हम छोटी कन्याओं की पूजा करते हैं, जो मां दुर्गा के रूप में मानी जाती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, मां दुर्गा ने एक युवा लड़की का रूप धारण करके राक्षस कालासुर का वध किया था। परंपरा के अनुसार, कन्या पूजन नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन किया जाता है। हिंदू धर्म के लोग नवरात्रि में देवी के नौ अवतारों की पूजा करते हैं, जिन्हें नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।
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कन्या पूजन, कंजक और कुमारी पूजा इस उत्सव के अन्य नाम हैं। इसमें लोग सबसे पहले छोटी लड़कियों के पैर धोते हैं। फिर वे उनकी कलाइयों के चारों ओर कलावा या मोली (एक लाल धागा) बांधते हैं और उनके माथे पर कुमकुम टीका लगाते हैं। कुछ लोग उन्हें लाल चुनरी (दुपट्टा) भी पहनाते हैं। फिर वे उन्हें स्वादिष्ट हलवा, पूरी और काले चने परोसते हैं। एक मान्यता के अनुसार वे उन्हें चूड़ियां, चॉकलेट, जूस, लंच बॉक्स और कई अन्य चीज़ें भी उपहार में देते हैं।
कन्या पूजन नौ दिवसीय नवरात्रि व्रत के समापन का सबसे सुंदर तरीका है। यह अनुष्ठान देवी की शक्ति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है, जिनके बिना कुछ भी संभव नहीं है। नवरात्रि के दौरान जिन नौ देवियों की पूजा की जाती है, वे हैं ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।
कन्या पूजन कन्याओं के रूप में मां दुर्गा का सम्मान और पूजा करने का सबसे सुंदर तरीका है। यह वह दिन है, जो किसी के घर में उत्साह व खुशहाली लाता है। ऐसा माना जाता है कि दुर्गा मां सकारात्मकता लाती हैं और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
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फिलहाल, कन्या पूजन के बारे में ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।