आइए यहां हम आपको अभिनेता अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के दिलों में खास जगह रखने वाली मणिरत्नम की फिल्म 'गुरु' के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी देते हैं।
यह अक्सर कहा जाता है कि 2007 अभी भी भारतीय सिनेमा के फैंस के लिए सबसे बेहतरीन सालों में से एक है। वैसे तो, पिछले दशकों में हमने एक ही कैलेंडर वर्ष में कई एंटरटेनिंग एंड इम्पैक्टफुल फिल्मों की एक सीरीज देखी है, लेकिन 2007 के अलग होने का कारण यह है कि उस वर्ष अलग-अलग जॉनर की कई फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाया था।
'ओम शांति ओम', 'वेलकम', 'चक दे इंडिया', 'पार्टनर', 'तारे जमीं पर', 'हे बेबी', 'भूल भुलैया', 'नमस्ते लंदन' और 'ता रा रम पम' जैसी फिल्में एक ही साल में रिलीज़ हुईं। 2007 में एक और फ़िल्म रिलीज़ हुई, जिसे आज भी सबसे बेहतरीन भारतीय फ़िल्मों में से एक माना जाता है। जी हां! हम बात कर रहे हैं 'गुरु' नाम की मास्टरपीस की, जिसे दिग्गज फिल्म निर्माता मणिरत्नम ने निर्देशित किया था। एक ही वर्ष में रिलीज़ हुई इतनी सारी कामर्शियल और इंस्पायरिंग फ़िल्मों के बावजूद 'गुरु' ने लोगों के मन में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी।
मणिरत्नम ने अपनी फिल्म 'गुरु' के लिए कई शानदार आर्टिस्ट को इकट्ठा किया, जिनमें अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्या राय, मिथुन चक्रवर्ती, आर माधवन, विद्या बालन, रोशन सेठ और कई अन्य शामिल थे। मणिरत्नम ने न केवल फिल्म का निर्देशन किया बल्कि इसकी कहानी और पटकथा भी लिखी। 'गुरु' के डायलॉग के लिए मणिरत्नम ने विजय कृष्ण आचार्य के साथ हाथ मिलाया और उन्होंने 'जब लोग तुम्हारे खिलाफ बोलने लगे... समझ लो तरक्की कर रहे हो' जैसे डायलॉग लिखकर सभी का दिल जीत लिया। बता दें कि 'गुरु' को 22 करोड़ रुपए के बजट पर बनाया गया था और यह एक जबरदस्त कामर्शियल सफलता थी, क्योंकि इसने 83.67 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
इतना ही नहीं, 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने भी उस समय ऐसी इंस्पायरिंग स्टोरी लाने के लिए मणिरत्नम की तारीफ की थी, जब हिंदी सिनेमा में कॉमेडी फिल्मों का बोलबाला था। इसकी सफलता के इतने वर्षों के बाद भी लोग अभी भी 'गुरु' के बारे में बात करते हैं और यह ऐश्वर्या राय व अभिषेक बच्चन (Abhishek Bachchan) के संबंधित करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है। हालांकि, इन सभी सच्चाई के अलावा इस फिल्म के बारे में जानने के लिए अभी भी कुछ छिपी हुई बातें हैं, जो हर सिनेमा प्रेमी के दिल में एक खास जगह रखती हैं। आइए आपको बताते हैं।
'गुरु' की अपार सफलता के बाद समाज के एक वर्ग ने यह अनुमान लगाना शुरू कर दिया था कि अंबानी का PR मणिरत्नम की फिल्म का क्रेडिट लेने के लिए सब कुछ कर रहा है। यह एक मूर्खतापूर्ण दावा था, क्योंकि हर कोई इस बात से अवगत था कि 'गुरु' धीरूभाई अंबानी के जीवन पर आधारित थी।
जहां अभिषेक बच्चन का किरदार 'गुरुकांत देसाई' धीरूभाई अंबानी से प्रेरित था, वहीं उनकी ऑनस्क्रीन पत्नी 'सुजाता देसाई', जिसका किरदार ऐश्वर्या राय ने निभाया था, वह कोकिलाबेन अंबानी से इंस्पायर्ड था।
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अभिषेक बच्चन एक जबरदस्त अभिनेता हैं और पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अपनी फिल्मों में कई अच्छी भूमिकाएं निभाई हैं। हालांकि,'गुरु' में उनके प्रदर्शन ने उनके पिता अमिताभ बच्चन को काफी अधिक प्रभावित किया था। 'गुरु' देखने के बाद अमिताभ बच्चन ने अभिषेक के अभिनय पर अपने विचार साझा किए थे और स्वीकार किया था कि उन्होंने फिल्म में अमेजिंग वर्क किया।
इतना ही नहीं, बिग बी ने यहां तक कहा था कि थिएटर से बाहर आने के बाद उनका दम घुट गया था। 'गुरु' में अभिषेक के अभिनय को 'जीवन भर का प्रदर्शन' कहते हुए अमिताभ बच्चन उस समय सातवें आसमान पर थे, जब उन्होंने फिल्म देखने के बाद मीडिया के साथ अपने विचार साझा किए थे।
यह 2020 की बात है, जब अभिषेक बच्चन ने फिल्म 'गुरु' के बारे में एक दिलचस्प खुलासा किया था। अभिनेता ने बताया था कि फिल्म का गाना 'तेरे बिना', इसकी मुख्य फोटोग्राफी के पूरा होने के काफी समय बाद शूट किया गया था और उस समय उन्होंने पहले से ही अपने अगले प्रोजेक्ट 'झूम बराबर झूम' पर काम करना शुरू कर दिया था।
'झूम बराबर झूम' के लिए अभिषेक ने अपने बाल बढ़ाए थे और जब वह 'गुरु' के सेट पर गए, तो मणिरत्नम ने फिल्म की निरंतरता बनाए रखने के लिए उनके बालों को पिन करने का फैसला किया था। अभिनेता ने स्वीकार किया था कि अगर कोई गाने में उनके बालों को करीब से देखेगा और फिल्म में उनके बालों से तुलना करेगा, तो उन्हें थोड़ा अंतर मिलेगा।
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ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन ने पहली बार फिल्म 'ढाई अक्षर प्रेम' के में काम किया था, जो 2000 में रिलीज हुई थी। 'कुछ ना कहो' (2003), 'धूम 2' (2006) और 'उमराव जान' (2006) जैसी फिल्मों में काम करने के बाद वे काफी करीब आ गए थे। हालांकि, यह फिल्म 'गुरु' (2007) थी, जिसने उनकी शादी का मार्ग प्रशस्त किया।
कथित तौर पर ऐश्वर्या और अभिषेक 'गुरु' में काम करने से पहले भी डेटिंग कर रहे थे, लेकिन मणिरत्नम की फिल्म के सेट पर समय बिताने के बाद उन्हें पूरा यकीन हो गया कि वे अपनी बाकी जिंदगी एक-दूसरे के साथ बिताना चाहते हैं। अभिषेक और ऐश्वर्या के लिए यह हमेशा एक खास फिल्म रहेगी, क्योंकि 'गुरु' की रिलीज के सिर्फ 97 दिन बाद वे शादी के बंधन में बंध गए थे।
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अभिषेक बच्चन ने एक बार फिल्म 'गुरु' के बारे में एक मजेदार किस्सा सुनाया था और यह स्पष्ट रूप से साबित करता है कि मणिरत्नम के साथ काम करना सरप्राइज से भरा अनुभव होता है। अभिषेक ने साझा किया था कि जब वह 'गुरु' की शूटिंग कर रहे थे, तो उनके सबसे अच्छे दोस्तों में से एक उनसे मिलने आए थे और उन्होंने फिल्म में एक मंत्री का किरदार निभाया। सौभाग्य से यह एक ओवर-द-शोल्डर शॉट था, यही वजह थी कि अभिषेक का दोस्त इसे करने के लिए सहमत हो गए थे।
फिलहाल, इसमें कोई शक नहीं कि 'गुरु' अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय बच्चन के लिए एक खास फिल्म है, क्योंकि इसने उनकी लव स्टोरी में अहम भूमिका निभाई है। तो इस पर आपका क्या कहना है? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।