बॉलीवुड एक्टर दिलीप कुमार ने शादी से पहले एक्ट्रेस सायरा बानो को बताया था कि, उनका परिवार उन्हें स्वीकार नहीं कर पाएगा। आइए आपको बताते हैं इसका कारण।
बॉलीवुड के 'ट्रेजडी किंग' कहे जाने वाले दिग्गज दिवंगत एक्टर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की आज यानी 7 जुलाई 2022 को पहली डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर उनके तमाम चाहने वाले उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उनकी पत्नी सायरा बानो (Saira Banu) जो उम्र में उनसे 22 साल छोटी थीं, हर कदम पर साए की तरह उनके साथ रहीं। भले ही दोनों की उम्र में दोगुना अंतर था, लेकिन दोनों की उम्र का फासला कभी उनके प्यार के बीच नहीं आया। उनकी लव स्टोरी किसी फिल्मी लव स्टोरी से कम नहीं थी।
दोनों ने तब सुर्खियां बटोरी थीं, जब उन्होंने दोगुनी उम्र के अंतर के बाद भी एक-दूसरे से शादी कर ली थी। उनकी शादी के समय सायरा 22 की थीं और दिलीप कुमार 44 वर्ष के थे। उनकी उम्र में 22 वर्ष का अंतर था और अभिनेता के परिवार सहित हर कोई इनकी शादी के विचार से सहमत नहीं था।
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दिलीप कुमार ने सायरा बानो के साथ अपने संबंधों के बारे में अपनी किताब 'द सबस्टेंस एंड द शैडो: एन ऑटोबायोग्राफी' में काफी कुछ लिखा है। उन्होंने साझा किया था कि, वह सायरा के प्रति अपने परिवार के दृष्टिकोण से डरते थे।
उन्होंने अपनी किताब में लिखा है, "एक दिन, मैं समुद्र तट पर सायरा के साथ बैठा और उनसे कहा कि, मैं इतने लंबे समय तक कुंवारा रहा हूं। मेरा परिवार मुझे संभालने का आदी रहा है।'' मैंने उन्हें बताया कि, ''मेरे जीवन में एक नए व्यक्ति के साथ आसानी से सामंजस्य बिठाना असंभव नहीं, लेकिन मुश्किल होगा।"
दिलीप कुमार ने आगे लिखा है, "मैंने उनसे कहा कि, मैं सात आसमान की हूर भी लाऊंगा, तो भी उसे मेरा परिवार स्वीकार नहीं करेगा। वे मेरे कुंवारे होने के इतने आदी थे कि, वे मुझे किसी के साथ साझा करने के लिए तैयार नहीं थे।" आखिरकार, सायरा बानो ने अपने सौम्य स्वभाव से सभी का दिल जीत लिया था।
कुछ समय पहले, 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को दिए एक इंटरव्यू में सायरा बानो से पूछा गया था कि, 'जब आपने पहली बार दिलीप साहब को देखा था। तब आपने उनके बारे में क्या सोचा था?' इस पर एक्ट्रेस ने कहा था, 'जब मेरे भाई सुल्तान और मैं इंग्लैंड में पढ़ते थे, मेरी मां नसीम बानो हमें यूरोप में छुट्टी मनाने के लिए ले जाती थीं, हमारी छुट्टियां जुलाई में शुरू होती थीं और वह हमें यूरोप घुमाकर फिर हमेशा भारत लाती थीं। वह हमसे आग्रह करती थीं कि, हम कभी भी अपने भारतीय मूल्यों को ना छोड़ें। मैंने दिलीप साहब की फिल्म 'आन' को लंदन में देखा था और मैंने उन्हें असल में पहली बार मुंबई के 'महबूब स्टूडियो' में देखा था। उस वक्त उन्होंने एक सादा सफ़ेद शर्ट, सफ़ेद पतलून और सफ़ेद चप्पल पहनी हुई थी और मुझे उनके उड़ते-लहराते बाल बहुत पसंद थे। मैं फिल्म 'नया दौर' के उनके गाने 'उड़े जब-जब जुल्फें तेरी' के साथ उनके बालों का तालमेल बैठाती थी। वह बाकी लोगों से बहुत अलग दिखते थे। ये महबूब खान ('मदर इंडिया' के निर्देशक) की पार्टी थी, जहां मैं उनसे मिली। यहां मैं उनको देखते ही तुरंत उनके प्यार में पड़ गई थी। मैं तब सिर्फ 12 साल की थी।'
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फिलहाल, अब सायरा अपने पति दिलीप के बिना ही तनहा जिंदगी काट रही हैं। हम उनके स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।